लोकसभा: 169 सीटों पर रमजान में मतदान, EC ने कहा- पूरे रमजान चुनाव नहीं टाल सकते

लोकसभा: 169 सीटों पर रमजान में मतदान, EC ने कहा- पूरे रमजान चुनाव नहीं टाल सकते

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। चुनावी तारीखों का ऐलान होने के बाद से देश में सत्ता का संग्राम शुरू हो गया है। लोकसभा की 543 सीटों पर सात चरण में मतदान होगा। जिनमें से 169 सीटों पर मतदान ऐसे समय में होने जा रहा है, जब देश का मुस्लिम वर्ग पवित्र माह रमजान में व्यस्त होगा। चुनावी तारीखों के ऐलान के बाद से लगातार मुस्लिम नेता और मौलाना इस पर ऐतराज जता रहे है। सभी का कहना है कि रमजान के समय रमजान होने से कम लोग ही मतदान करेंगे। मुस्लिम नेताओं और मौलानाओं ने चुनाव आयोग की मंशा पर सवाल उठाया है। इतना ही नहीं, उन्होंने इन तारीखों में बदलाव की मांग की है।

 

दिल्ली में आप पार्टी के विधायक अमानत उल्लाह खान ने ट्वीट करते हुए कहा है कि रमजान में मतदान होने से बीजेपी को फायदा मिलेगा। 

रमजान में मतदान को लेकर जारी विवाद के बीच AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी ने भी बयान दिया है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग बेवजह विवाद पैदा कर रहे हैं। चुनाव एक बड़ी प्रक्रिया है, ये लोग मुस्लिमों को नहीं समझते हैं। एक मुसलमान होने के नाते मैं रमजान में चुनाव तारीखों का स्वागत करता हूं। उन्होंने कहा कि हम रमजान में रोजा रखेंगे और वोट डालेंगे

रमजान में मतदान पर जारी घमासान को लेकर चुनाव आयोग ने सफाई दी है। आयोग ने कहा है कि रमजान पूरे महीने चलता है, ऐसे में चुनाव नहीं टाले जा सकते थे।हालांकि, आयोग ने ये कहा कि तारीख तय करते वक्त मुख्य पर्व और जुमे का ध्यान रखा गया है।

 

 

बता दें कि 169 लोकसभा सीटों पर रमजान के दौरान वोटिंग होना है। खासकर यूपी, बिहार, पश्चिम बंगाल और दिल्ली की अधिकतर सीटों पर आखिरी तीन चरण में ही मतदान होना है। ऐसे में मुस्लिम वर्ग का कहना है कि रमजान के दौरान कम संख्या में मतदान होगा। टीएमसी नेता फरहाद हकीम ने कहा कि बिहार, यूपी और बंगाल में सात चरण में चुनाव होने हैं और इन तीनों राज्यों में अल्पसंख्यक आबादी काफी ज्यादा है। उन्होंने कहा कि रोजे के दौरान वोटिंग करनी होगी, चुनाव आयोग को इसका ध्यान रखना चाहिए था। फरहाद हकीम ने ये भी आरोप लगाया कि बीजेपी नहीं चाहती कि अल्पसंख्यक अपना वोट करें।

पश्चिम बंगाल में कुल 42 लोकसभा सीटें हैं। बंगाल में 27 फीसदी के लगभग मुस्लिम आबादी है। जिनमें से कुल 24 सीटों पर रमजान के दौरान मतदान होगा। इसके अलावा दिल्ली की सभी सात सीटों पर 12 मई को वोटिंग कराई जाएगी। इसके अलावा बिहार में 17 फीसदी मुसलमान, यूपी में 20 फीसदी है। इन तीन बड़े राज्यों के सियासी समीकरण को देखा जाए तो यूपी में 2014 के चुनाव में बीजेपी को एकतरफा 71 सीटों पर जीत मिली थी, जबकि इस चुनाव में हालात जुदा हैं। सपा-बसपा दोनों एक साथ आ गए हैं, जिससे ये अनुमान लगाया जा रहा है कि बीजेपी के खिलाफ दलित और मुस्लिम व यादव वोटर एक साथ आ सकते हैं।

हालांकि, ये कह पाना मुश्किल है कि रमजान का मतदान पर क्या फर्क पड़ेगा, लेकिन 2018 में पश्चिम यूपी की कैराना लोकसभा सीट और नूरपुर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में मुस्लिम समाज के लोग ईवीएम में खराबी के बावजूद पोलिंग बूथ पर डटे नजर आए थे, यहां तक कि उन्होंने शाम के वक्त रोजा-इफ्तार भी बूथ पर ही किया था। 

Created On :   11 March 2019 11:24 AM IST

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