जम्मू-कश्मीर पहुंचा 27 EU सांसद का प्रतिनिधिमंडल, भड़का विपक्ष
डिजिटल डेस्क, श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद आज (मंगलवार) पहली बार विदेशी प्रतिनिधिमंडल (यूरोपियन यूनियन) जम्मू-कश्मीर के लिए पहुंचा चुका है। 27 यूरोपीय सांसदों का ये दल घाटी में सबसे राज्यपाल सत्यपाल मालिक से मुलाकात करेगा।उसके बाद कश्मीरी लोगों से मुलाकात करेगा। इसके बाद प्रशासनिक अधिकारियों से बातचीत करेगा। इन सांसदों ने सोमवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से मुलाकात की थी। भारत में राजनीतिक दलों ने EU के इन सांसदों के कश्मीर दौरे का विरोध किया है और सरकार पर निशाना साधा है। बता दें कि 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के हटाने के बाद किसी विदेशी दल का ये पहला घाटी दौरा है।
Delhi: The delegation of European Union (EU) MPs scheduled to visit Kashmir today, leave for Delhi Airport from their hotel. https://t.co/4R4Jln89Bg pic.twitter.com/PPt5kJCx13
— ANI (@ANI) October 29, 2019
वेल्स से यूरोपीय सांसद नैथन गिल ने कहा, हमारे लिए कश्मीर में एक विदेशी प्रतिनिधिमंडल के रूप में जाना और वहीं की जमीन पर जो कुछ भी हो रहा है, उसे पहली बार देखना यह एक अच्छा अवसर है।
Nathan Gill, Member of European Parliament from Wales: It is a good opportunity for us to go into Kashmir as a foreign delegation and to be able to see firsthand for ourselves what is happening on the ground. https://t.co/xY2ekDqfo0 pic.twitter.com/ItoaSrD7kU
— ANI (@ANI) October 29, 2019
विदेशी सांसदों के दौरे पर विपक्ष भड़का
यूरोपियन सांसदों के जम्मू-कश्मीर दौरे को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पूछा जब भारतीय सांसदों या नेताओं को जम्मू-कश्मीर नहीं जाने दिया जा रहा है, तो EU सांसदों को ये परमिशन कैसे मिल गई। राहुल ने ट्वीट करते हुए लिखा, ""कश्मीर दौरे के लिए यूरोपियन यूनियन सांसदों का स्वागत हो रहा है जबकि भारतीय सांसदों को वहां जाना बैन है। कुछ तो गड़बड़ हो रहा है।""
MPs from Europe are welcome to go on a guided tour of Jammu #Kashmir while Indian MPs are banned denied entry.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) October 28, 2019
There is something very wrong with that.https://t.co/rz0jffrMhJ
कांग्रेस प्रवक्ता आनंद शर्मा ने आरोप लगाया, ‘‘यूरोपीय संघ के सांसदों के लिए सरकार की ओर से रेड कार्पेट बिछाया जाना और उन्हें जम्मू-कश्मीर के दौरे के लिए आमंत्रित करना भारतीय संसद की संप्रभुता और सांसदों के विशेषाधिकार का अपमान है।’’
Government rolling out the red carpet to EU MPs to briefing them and inviting them to visit Jammu and Kashmir is a disrespect to the sovereignty of the Indian Parliament and the violation of the privileges of Indian MPs.
— Anand Sharma (@AnandSharmaINC) October 28, 2019
पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने के ट्वीटर हैंडल से भी ट्वीट करते हुए लिखा गया है, ""उम्मीद है कि उन्हें लोगों, स्थानीय मीडिया, डॉक्टरों और नागरिक समाज के सदस्यों से बातचीत करने का मौका मिलेगा। कश्मीर और दुनिया के बीच के लोहे के आवरण को हटाने की जरूरत है।जम्मू-कश्मीर को अशांति की ओर धकेलने के लिए भारत सरकार को जवाबदेह बनाया जाना चाहिए।’’ उन्होंने अमेरिकी सीनेटरों को अनुमति नहीं देने के केंद्र के फैसले पर सवाल उठाया।
Hope they get a chance to speak to the people, local media, doctors and civil society members. The iron curtain between Kashmir the world needs to be lifted and GOI must be held accountable for pushing JK into turmoil https://t.co/okZkVUK8Jz
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) October 28, 2019
BJP के राज्यसभा सांसद स्वामी ने कहा कि विदेशी मंत्रालय के द्वारा इस दौरे की इजाजत देना भारत की नीति के खिलाफ है, ऐसे में केंद्र सरकार को इस फैसले को तुरंत वापस लेना चाहिए।
I am surprised that the MEA has arranged for European Union MPs, in their private capacity [Not EU"s official delegation],to visit Kashmir area of JK. This is a perversion of our national policy. I urge the Government cancel this visit because it is immoral.
— Subramanian Swamy (@Swamy39) October 28, 2019
Created On :   29 Oct 2019 9:05 AM IST