मऊगंज बवाल: एमपी के मऊगंज में ASI की हत्या, आदिवासियों ने तहसीलदार के तोड़े हाथ-पैर,अब क्या है ताजा हालात जानिए?

एमपी के मऊगंज में ASI की हत्या, आदिवासियों ने तहसीलदार के तोड़े हाथ-पैर,अब क्या है ताजा हालात जानिए?
  • मऊगंज में भारी बवाल
  • हुई एएसआई की हत्या
  • तहसीलदार को आई गंभीर चोट
डिजिटल डेस्क, मऊगंज। मध्य प्रदेश के मऊगंज में शनिवार को हुए भारी बवाल के बाद रविवार (16 मार्च) को मुख्यमंत्री मोहन यादव ने हिंसा की जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि आरोपियों को बख्शा नहीं जाएगा। सबके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। दरअसल, शनिवार को मऊदंड के शाहपुरा थान क्षेत्र के गड़रा गांव में एक आदिवासी परिवार एक युवक को बंदी बनाकर उसे खूब पीटा। जानकारी मिलते ही पुलिस टीम युवक को बचाने पहुंची तो आरोपियों ने उपर भी हमला बोल दिया। इस हिंसा में एक एएसआई की मौत हो गई। वहीं, कई अधिकारी बुरी तरह जख्मी हो गए जिनका इलाज फिलहाल जारी है।
मामले में पुलिस ने 2 आरोपियों को हिरासत में भी लिया है।

तहसीलदार को आई गंभीर चोट

आपको बता दें कि, हिंसा के चलते तहसीलदार कुमारे लाल पनिका और टीआई संदीप भारती गंभीर रूप से घायल हैं। तहसीलदार के हाथ-पैर की हड्डी टूट गई है। वहीं, जबकि टीआई संदीप के सिर पर भारी चोट आई है। इसी के साथ, अनंत मिश्रा, एएसआई बृहस्पति पटेल, एसडीओपी अंकित सुल्या और एएसआई जवाहर सिंह यादव भी जख्मी हैं। फिलहाल सभी का इलाज जारी है।

धारा 163 लागू

हालात को देखते हुए कलेक्टर अजय श्रीवास्तव ने गड़रा गांव में धारा 163 लागू कर दी है। फिर से बवाल न हो और सुरक्षा के लिए सीधी और रीवा से बड़ी संख्या में पुलिस बल को बुलाया गया है और गांव में तैनात किया गया है।

क्या है मामला?

डीआईजी साकेत पांडे के मुताबिक, जिले के गड़रा गांव में 15 मार्च को आदिवासी गुट के लोगों ने ब्राह्मण परिवार पर हमला किया। सनी द्विवेदी ने इसकी जानकारी फौरन पुलिस को दी। सूचना मिलते ही पुलिस की टीम मौके पर पहुंची। लेकिन इससे पहले ही सनी द्विवेदी की हत्या कर दी गई थी।

पुलिस टीम को देखते ही आदिवासी आक्रामक हो गए और पथराव करना शुरू कर दिया। हमले में एएसआई रामचरण गौतम गंभीर रूप से जख्मी हो गए। हॉस्पिटल ले जाते वक्त उन्होंने दम तोड़ दया।

युवक को क्यों बनाया बंधक?

शनिवार रात को मऊगंज में हुई हिंसा की असली वजह 2 महीने पहले हुआ एक सड़क हादसा है। इस हादसे में एक आदिवासी अशोक कुमार ने अपनी जान गंवा दी थी। आदिवासी परिवार का मानना था कि अशोक कुमार की हत्या की गई। इस हत्या का दोषी उन्होंने सनी द्विवेदी को ठहराया। हालांकि, पुलिस ने जांच-पड़ताल के बाद सनी को क्लीनचिट दे दी। लेकिन, आदिवासी परिवार इससे खुश नहीं था। यही वजह है कि आदिवासियों ने मिलकर सनी द्विवेदी को बंधक बनाया और उसे एक कमरे में कैद कर लिया। कमरे में बंद करने के बाद उसे इतना पीटा गया कि युवक ने अपनी जान गंवा दी।

Created On :   16 March 2025 10:45 AM IST

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