मणिपुर में हिंसा पीड़ितों से मिले विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A के नेता, सरकार पर उठाए गंभीर सवाल
- मणिपुर में बीते कई दिनों से हिंसा जारी है
- विपक्ष इस मामले में लगातार सरकार पर सवाल उठा रहा है
- विपक्षी गठबंधन का प्रतिनिधिमंडल मणिपुर दौरे पर
डिजिटल डेस्क,इम्फाल। मणिपुर में बीते कई दिनों से जातीय हिंसा जारी है। विपक्षी गठबंधन इंडिया (INDIA) के सांसदों का प्रतिनिधिमंडल जमीनी हकीकत जानने के लिए शनिवार (29 जुलाई) को मणिपुर के दो दिवसीय दौरे पर पहुंचा है। प्रतिनिधिमंडल की टीम ने चुराचंदपुर जिले के डॉन बॉस्को स्कूल में एक राहत शिविर का दौरा किया। चुराचांदपुर में विपक्षी सांसदों के प्रतिनिधिमंडल ने कुकी नेताओं और नागरिक समाज के सदस्यों के साथ ही अन्य राहत शिविरों में जातीय हिंसा के पीड़ितों से भी मुलाकात की।
इस दौरान कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने केंद्र सरकार पर निशाना साधाते हुए कहा कि हमने आज चुराचांदपुर में 2, इंफाल में 1 और मोइरांग में 1 राहत शिविर का दौरा किया। हर कोई शांति चाहता है, हर कोई फिर से सामान्य जिंदगी चाहता है.... अब हम अपनी दूसरी टीम से मिलेंगे और अपने अनुभव साझा करेंगे और कल हम राज्यपाल से मिलेंगे। हम लोगों के डर और अपेक्षाओं को समझने के लिए मणिपुर आए हैं और हम इसे संसद में प्रतिबिंबित करेंगे। हम उम्मीद करते हैं कि मणिपुर में जल्द शांति लौटेगी और सभी को न्याय मिलेगा।
असम सांसद गोगोई ने कहा कि प्रधानमंत्री को सभी समुदायों को शामिल करके शांति बहाल करने के लिए मणिपुर में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करना चाहिए था। साथ ही उन्होंने कहा कि ''वह (प्रधानमंत्री) न केवल मणिपुर का दौरा करने से बच रहे हैं बल्कि मणिपुर मुद्दे पर संसद में बयान देने की सभी विपक्षी दलों की लगातार मांग को भी खारिज कर रहे हैं।''
वहीं चुराचांदपुर में कुकी नेताओं से मुलाकात के बाद लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि राहत शिविरों में रहने वाले लोग महिलाओं के खिलाफ हुए अपराधों की सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले में सरकार से सवाल किया, "सरकार ने प्रभावित मणिपुरी लोगों की आवाज़ नहीं सुनी... वे (केंद्र सरकार) अब तक सो रहे हैं?"
चौधरी ने आगे कहा 'मणिपुर के लोग चाहते हैं कि वे शांति से जिंदगी गुजारें। केंद्र और राज्य सरकार को जल्द से जल्द ठोस कदम उठाना चाहिए... हज़ारों की संख्या में लोगों को अपने घर से दूर यहां रहना पड़ रहा है। मणिपुर के मुख्यमंत्री को सबके साथ मिलकर बात करना जरूरी है। यहां लोगों को बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है'
बता दें मणिपुर में 3 मई को भड़की जातीय हिंसा में अब तक 160 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और 600 से अधिक लोग घायल हो गए हैं, जबकि हजारों घर और अन्य संपत्तियां को नुकसान पंहुचाया गया है।
Created On :   29 July 2023 9:39 PM IST