स्वास्थ्य मंत्री बोले, अब घर-घर जाकर बनेंगे आयुष्मान कार्ड
- आयुष्मान कार्ड अब हर घर के पास होगा- स्वास्थ्य मंत्री
- अब तक 2.98 करोड़ आयुष्मान कार्ड जारी किए जा चुके हैं
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया ने बुधवार को कहा कि घर-घर जाकर आयुष्मान कार्ड बनाएं जाएंगे। उन्होंने लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। केंद्रीय मंत्री ने बैठक के दौरान कहा कि भारत सरकार सितंबर माह से 'आयुष्मान भव' अभियान शुरू करने जा रही है। इसके तहत 'आपके द्वार आयुष्मान 3.0' कार्यक्रम होगा। अब घर-घर जाकर आयुष्मान कार्ड बनाए जाएंगे। गांवों, नगरों और स्कूलों में 'आयुष्मान सभा' के आयोजन होंगे। इस प्रकार जो गांव पूरी तरह संतृप्त हो जाएगा, उसे 'आयुष्मान ग्राम' घोषित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि अब हमें परिवार के साथ-साथ प्रत्येक सदस्य पर फोकस करना होगा। उत्तर प्रदेश में गोल्डन कार्ड बनाए जाने में तेजी की अपेक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश में 06 करोड़ नए लाभार्थी जोड़े जाने का लक्ष्य लेकर कार्य किया जाना चाहिए। यहां अब तक 2.98 करोड़ कार्ड जारी किए जा चुके हैं और 23.51 लाख लोगों ने इसका लाभ लिया है। प्रदेश में इस योजनांतर्गत अब तक 3148 करोड़ का भुगतान किया गया है। कोई भी पात्रजन इससे वंचित न रहे। उन्होंने यह भी कहा कि आयुष्मान भारत योजना से अधिकाधिक निजी अस्पतालों को जोड़ने के प्रयास किए जाएं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आयुष्मान भारत के अंतर्गत अब तक एसईसीसी डेटा के अनुसार लाभार्थी चिन्हित करने की बाध्यता के कारण कतिपय समस्या आ रही थी। ऐसे में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सत्यापित कर उपलब्ध कराए गए डेटा के आधार पर भी लाभार्थियों को योजना का लाभ दिया जाएगा। राज्य सरकार जिन परिवारों को सत्यापित कर डेटा उपलब्ध कराएगी, सभी को आयुष्मान भारत कार्ड उपलब्ध कराया जाएगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा, ''हमें अपने कम्युनिटी हेल्थ सेंटर को और मजबूत करने की आवश्यकता है। हमारे मेडिकल कॉलेज इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। उचित होगा यदि हर मेडिकल कॉलेज न्यूनतम 05 कम्युनिटी हेल्थ सेंटर को गोद ले। वहां नियमित अंतराल पर डॉक्टर्स विजिट करें। सेंटर के डॉक्टरों का मार्गदर्शन करें।''
मंडाविया ने कहा कि प्रधानमंत्री आयुष्मान हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर योजनांतर्गत प्रदेश के स्वास्थ्य क्षेत्र में आधारभूत अवस्थापना विकास का कार्य तेजी से किया जा रहा है। इसके तहत प्रत्येक जिले में गंभीर बीमारियों के उपचार के लिए जिला स्तरीय अस्पताल/मेडिकल कॉलेज में 100/50 बेड के क्रिटिकल केयर ब्लॉक की स्थापना होनी है। उत्तर प्रदेश में एक साथ 74 जिलों में क्रिटिकल केयर ब्लॉक की स्थापना की जाएगी। एक साथ एक ही दिन सभी 74 क्रिटिकल केयर यूनिट की शुरुआत होगी। भारत सरकार के स्तर से हर आवश्यक सहयोग दिया जाएगा। मुख्यमंत्री जी ने इसे प्रदेश के लिए बड़ा उपहार बताते हुए इस संबंध में आवश्यक कार्यवाही तेज करने के निर्देश दिए। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में गर्भवती महिलाओं को निःशुल्क अल्ट्रासाउंंड के लिए ई-रूपी वाउचर का उपयोग किया जाना अनुकरणीय और प्रेरक है। यह पूरे देश के लिए एक मॉडल है।
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Created On :   27 July 2023 9:02 AM IST