किसान आंदोलन: टियर गैस से बुरी तरह घायल हुए किसान, फिलहाल शंभू बॉर्डर से हटे पीछे, सरवन सिंह पंढेर ने बताई वजह
- दिल्ली कूच कर रहा किसानों का जत्था पीछे हटा
- शंभू बॉर्डर पर पुलिस कार्रवाई में घायल हुए कई किसान
- किसान मोर्चा ने सरकार को दिया एक दिन का नोटिस
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली मार्च शुरू होने के करीब ढाई घंटे के बाद किसान शंभू बॉर्डर से पीछे हट गए हैं। किसान नेता सरवन सिंह ने इसकी वजह बताते हुए कहा कि हमारे काफी नेता घायल हुए हैं। ऐसे में हमने जत्थे को वापस बुलाने का फैसला किया है।
उन्होंने कहा कि पुलिस की टियर गैस से 2 किसान गंभीर रूप से घायल हुए हैं। उन्होंने कहा कि पहले केंद्र और राज्य के मंत्री कहते थे कि किसान ट्रैक्टर पर आते हैं, लेकिन आज तो हम पैदल जा रहे थे। अगर हम दिल्ली जा सकते तो प्रधानमंत्री से जाकर सवाल पूछते। पंढेर ने कहा कि जिस तरह से हम पर हमला हुआ, वो हमारी नैतिक जीत है। हम बातचीत के लिए तैयार हैं और पहले भी थे।
पुलिस को सौंपा मांग पत्र
शंभू बॉर्डर पर हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में किसान नेता पंढेर ने आगे कहा कि हरियाणा पुलिस से हमारी बातचीत हुई। उन्होंने हमसे मांग पत्र मांगा, जिसके बाद हमने उन्हें पत्र सौंप दिया है। केंद्र सरकार को वार्ता के लिए एक दिन का समय दिया है। अगर केंद्र सरकार वार्ता करेगी तो ठीक नहीं वरना परसों यानी 8 दिसंबर को दोपहर 12 बजे 101 किसानों का जत्था दिल्ली कूच करेगा।
101 किसानों का जत्था हुआ था रवाना
पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर बीते 9 महीने से कैंप लगाकर बैठे किसानों ने दोपहर एक बजे 101 किसानों का जत्था दिल्ली की ओर रवाना किया था। उन्हें रोकने के लिए पुलिस ने कंटीले तार और बैरिकेड लगाकर रास्ता रोक था। जिन्हें किसानों ने उखाड़ दिया। इसके बाद हरियाणा पुलिस ने उन्हें चेतावनी दी और आंसू गैस के गोले छोड़े, सात किसान घायल हुए हैं। पंढेर ने कहा कि ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि किसानों पर हमला किया गया। हम दोबारा रणनीति बनाएंगे, लेकिन आज आगे नहीं बढ़ेंगे।
किसानों की क्या हैं मांगे?
संयुक्त किसान मोर्चा एवं किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले किसानों ने अपनी मांगों को लेकर पैदल दिल्ली कूच करने की घोषणा की थी। उनकी मांगों में फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी और स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक कीमत तय होने समेत अन्य कई मांगें शामिल हैं। सुरक्षा बलों द्वारा दिल्ली की ओर मार्च रोके जाने के बाद वे 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं।
Created On :   6 Dec 2024 5:55 PM IST