ऐतिहासिक विवाद: एक बार फिर नाम को लेकर संभल की ऐतिहासिक जामा मस्जिद चर्चा में

एक बार फिर नाम को लेकर संभल की ऐतिहासिक जामा मस्जिद चर्चा में
  • नाम वही रहना चाहिए जो इतिहास और समझौतों में लिखा हो
  • दस्तावेज़ों और पुराने समझौतों में नाम जामा मस्जिद दर्ज
  • मस्जिद के ऐतिहासिक नाम से कोई छेड़छाड़ न हो

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। एक बार फिर नाम को लेकर संभल की ऐतिहासिक जामा मस्जिद विवादों में है। मिली जानकारी के अनुसार भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने मस्जिद के बाहर लगे नए बोर्ड पर जुमा मस्जिद लिखवाया है। जबकि मुसल्लिम पक्ष का कहना है कि दस्तावेज़ों और पुराने समझौतों में नाम जामा मस्जिद दर्ज है। यही नहीं, 1927 में मस्जिद कमेटी और एएसआई के बीच हुए समझौते में भी इसी नाम का जिक्र किया गया है। मस्जिद कमेटी के सदस्यों का आरोप है कि ऐतिहासिक रिकॉर्ड और एग्रीमेंट में जामा मस्जिद लिखा है। मुस्लिम पक्ष ने एएसआई टीम पर मनमाने ढंग से नाम बदलने का आरोप लगाया है।

जामा मस्जिद कमेटी के उप सचिव मशहूद अली फारूखी ने साफ तौर पर कहा है कि जब ऐतिहासिक रिकॉर्ड और एग्रीमेंट में जामा मस्जिद लिखा है। यही नहीं 1920 से एएसआई द्वारा संरक्षित इस इमारत का बोर्ड पहले मस्जिद परिसर के भीतर लगा था लेकिन अब इसे बाहर लगाया जाना है। यह बोर्ड पूरी तरह तैयार हो चुका है, जिस पर जुमा मस्जिद लिखा गया है। एएसआई द्वारा नाम बदलने की नई शुरुआत को गलत बताया। इससे एक और बवाल खड़ा हो सकता है।

मस्जिद कमेटी इस पर बिना देरी किए हुए आपत्ति दर्ज कराई जाएगी और मांग की जाएगी कि मस्जिद के ऐतिहासिक नाम से कोई छेड़छाड़ न हो। आपको बता दें 24 नवंबर को मस्जिद परिसर में सर्वे को लेकर तनाव और हंगामा हो गया था। इसके बाद से यह मस्जिद देशभर में सुर्खियों में बनी हुई है। उधर, हिंदू पक्ष द्वारा 19 नवंबर 2024 को चंदौसी स्थित अदालत में दायर पिटीशन में मस्जिद का नाम जामी मस्जिद लिखा है।

जामा जामी जुमा शब्दों का मामला

जामा उर्दू शब्द है और जामी अरबी से लिया गया है। दोनों का मतलब एक ही होता है, लेकिन जुमा मस्जिद जैसा कोई शब्द प्रचलन में नहीं है। कमेटी का स्पष्ट कहना है कि मस्जिद का नाम वही रहना चाहिए जो इतिहास और समझौतों में लिखा हुआ है।

Created On :   10 April 2025 12:57 PM IST

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