श्री कृष्ण जन्मभूमि विवाद मामला: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दी विवादित स्थल के सर्वेक्षण की अनुमति, कमिश्नर की भी होगी नियुक्ति
- ज्ञानवापी के बाद शाही ईदगाह पर भी आया फैसला
- इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हिंदू पक्ष की याचिका को दी मंजूरी
- शाही ईदगाह के नीचे श्रीकृष्ण जन्मस्थली होने का दावा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। श्री कृष्ण जन्मभूमि विवाद मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हिंदू पक्ष को बड़ी राहत दी। कोर्ट ने मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर से सटे शाही ईदगाह परिसर के सर्वे को मंजूरी दे दी है। परिसर का सर्वेक्षण एडवोकेट कमिश्नर द्वारा कराए जाने की मांग को मंजूरी दे दी। सर्वे के लिए कितने सदस्यों का कमीशन होगा इसके लिए कोर्ट 10 दिसंबर को निर्देश जारी करेगा।
जस्टिस मयंक कुमार जैन की सिंगल बेंच ने अपना फैसला सुनाते हुए हिंदू पक्ष की याचिका को मंजूरी दे दी। बता दें कि यह याचिका भगवान श्री कृष्ण विराजमान और सात अन्य लोगों द्वारा अधिवक्ता हरिशंकर जैन, विष्णु शंकर जैन, प्रभाष पांडेय और देवकी नंदन के जरिए दायर की गई थी। इस याचिका में दावा किया गया है कि भगवान कृष्ण की जन्मस्थली शाही ईदगाह मस्जिद के नीचे स्थित है। साथ ही यहां ऐसे कई सबूत मिले हैं जिनसे यह साबित होता है कि वह मस्जिद नहीं बल्कि एक हिंदू मंदिर है।
हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा, "इलाहाबाद हाई कोर्ट ने हमारे आवेदन को स्वीकार कर लिया है जहां हमने एडवोकेट कमिश्नर द्वारा (शाही ईदगाह मस्जिद के) सर्वेक्षण की मांग की थी। 18 दिसंबर को रूपरेखा तय होगी। कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद की दलीलें खारिज कर दी हैं। यह कोर्ट का एक ऐतिहासिक फैसला है।"
याचिका में हिंदू पक्ष की ओर से दावा किया गया कि परिसर में कमल के आकार के स्तंभ है जो कि हिंदू मंदिरों में होते हैं। साथ ही एक शेषनाग की छवि भी है जो कि हिंदू देवता हैं और उन्होंने कृष्ण जन्म के समय उनकी बारिश से रक्षा की थी।
याचिकाकार्ताओं ने कोर्ट से अनुरोध किया है कि तय समय सीमा के अंदर सर्वे के बाद अपनी रिपोर्ट सौंपने के विशेष निर्देश के साथ एक आयोग बनाया जाए। साथ ही पूरे सर्वे की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी भी की जाए।
Created On :   14 Dec 2023 9:37 AM GMT