इलेक्टोरल बॉन्ड मामला: एसबीआई ने तय समय पर नहीं दी जानकारी, सुप्रीम कोर्ट पहुंचा एडीआर, दायर की अवमानना याचिका
- एडीआर ने एसबीआई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर की अवमानना याचिका
- तय समय पर नहीं दी चुनावी बॉन्ड की जानकारी
- कोर्ट ने 6 मार्च तक का दिया था समय
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। एडीआर (एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स) ने एसबीआई (स्टेट बैंक ऑफ इंडिया) के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका दायर की है। दरअसल, 15 फरवरी को देश की सर्वोच्च अदालत ने चुनावी बॉन्ड योजना को असंवैधानिक करार देते हुए रद्द करने का फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि ये स्कीम असंवैधानिक है। बॉन्ड की गोपनीयता बनाए रखना असंवैधानिक है। कोर्ट ने इस योजना को सूचना के अधिकार का उल्लंघन बताते हुए एसबीआई को निर्देश दिया था कि वो चुनावी बॉन्ड की पूरी डिटेल 6 मार्च तक चुनाव आयोग को दे। वहीं कोर्ट ने चुनाव आयोग को यह जानकारी 13 मार्च तक अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर प्रकाशित करने के लिए कहा था। हालांकि एसबीआई ने सुप्रीम कोर्ट से इसके लिए और समय मांगा है। बैंक ने कोर्ट में इसको लेकर अर्जी दाखिल की है, जिसमें कहा गया है कि चुनावी बॉन्ड की जानकारी देने के लिए उन्हें 30 जून तक समय चाहिए।
एडीआर ने अपनी याचिका में कहा कि एसबीआई के द्वारा मांगी गई 30 जून तक की मोहलत इस प्रक्रिया की पारदर्शिता पर बड़े सवाल खड़े करती है। उसका यह कदम लोकतंत्र की भावना के खिलाफ है। एजेंसी ने कहा कि एसबीआई का आईटी सिस्टम चुनावी बॉन्ड के आंकड़ों में आसानी से हेरफेर कर सकता है। एडीआर के मुताबिक हर बॉन्ड में एक यूनीक नंबर होता है। इसके जरिए रिपोर्ट तैयार कर इलेक्शन कमीशन को दी जा सकती है।
एडीआर की ओर से पेश हुए वकील प्रशांत भूषण ने कोर्ट से कहा कि एसबीआई की और समय मांगे जाने वाली याचिका पर सोमवार को सुनवाई होनी है। उसी दिन अवमानना याचिका पर भी सुनवाई होनी चाहिए। इस पर चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने कहा, 'हम आपकी मांग पर विचार करेंगे।'
कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर साधा था निशाना
एसबीआई द्वारा कोर्ट से समय मांगने पर देश की सियासत भी गरमा गई है। इसे लेकर कांग्रेस पार्टी ने केंद्र सरकार को घेरा। पार्टी ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा, 'लोकसभा चुनाव के बाद जानकारी दी जाएगी। आखिर SBI यह जानकारी चुनाव से पहले क्यों नहीं दे रहा? महालूट के सौदागर को बचाने में SBI क्यों लगा है?'
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी इसे लेकर नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने एक्स पर पोस्ट कर कहा, 'नरेंद्र मोदी ने ‘चंदे के धंधे’ को छिपाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। जब सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इलेक्टोरल बॉण्ड का सच जानना देशवासियों का हक़ है, तब SBI क्यों चाहता है कि चुनाव से पहले यह जानकारी सार्वजनिक न हो पाए?'
उन्होंने आगे कहा, 'एक क्लिक पर निकाली जा सकने वाली जानकारी के लिए 30 जून तक का समय मांगना बताता है कि दाल में कुछ काला नहीं है, पूरी दाल ही काली है। देश की हर स्वतंत्र संस्था ‘मोडानी परिवार’ बन कर उनके भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने में लगी है। चुनाव से पहले मोदी के ‘असली चेहरे’ को छिपाने का यह ‘अंतिम प्रयास’ है।'
Created On :   7 March 2024 4:53 PM IST