किसान आंदोलन: 'आंदोलनजीवी' और 'परजीवी' जैसे अपशब्द भी नहीं चलेंगे, किसान मुद्दे पर बरसें मल्लिकार्जुन खरगे
- किसानों को लेकर खरगे ने केंद्र सरकार को घेरा
- कहा- 'आंदोलनजीवी' जैसे अपशब्द भी नहीं चलेंगे
- किसान देश की रीढ़ की हड्डी हैं- मल्लिकार्जुन खरगे
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने एक बार फिर किसानों का मुद्दा उठाया है। साथ ही, उन्होंने किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की तबीयत बिगड़ने पर भी चिंता जाहिर की है। वहीं, किसानों से जुड़े अन्य कई मुद्दों पर भी बात की।
कांग्रेस नेता ने कहा कि आपको समझना होगा कि आपकी किसान-विरोधी नीतियों, जिद और झूठे वादों के ही चलते हमारे अन्नदाता किसान आपकी सरकार से न्याय की गुहार लगा रहें हैं। किसान स्वाभिमानी होते हैं, क्योंकि वो देश का पेट पालते हैं। इस बार लाठी-डंडे, आंसू गैस, रबर बुलेट, "आंदोलनजीवी" और "परजीवी" जैसे अपशब्द भी नहीं चलेंगे।
कांग्रेस नेता का आरोप
खरगे ने आगे कहा कि किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की तबीयत बिगड़ना बेहद चिंताजनक है और सरकार की ये संवैधानिक ज़िम्मेवारी बनती है कि आमरण अनशन खत्म करवाएं और बातचीत का रास्ता अपनाएं। जब आपने मजबूरन तीन काले क़ानून वापिस लिए थे, तो आपने MSP को कानूनी दर्जा देने के लिए कमेटी के गठन की घोषणा की थी, पूरा देश जानना चाहता है कि उस वादे का क्या हुआ? भूलिए मत कि किसान देश की रीढ़ की हड्डी हैं और उनसे धोखा, देश से धोखा है !
बता दें कि, पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर किसान अभी भी केंद्र सरकार के खिलाफ अपनी मांग को लेकर डटे हुए हैं। किसान एमएसपी सहित अन्य मुद्दों को लेकर अपनी मांग कर रहे हैं।
Created On :   20 Dec 2024 6:55 PM IST