मुंबई वॉकथॉन: सीओपीडी जागरूकता के लिये एपीआई के नेतृत्व में मुंबई में हुआ वॉकथॉन का आयोजन
क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) के विरूद्ध जंग के तहत एसोसिएशन ऑफ फिजिशियन्स ऑफ इंडिया (एपीआई) द्वारा ल्यूपिन फार्मास्यूटिकल्स के समर्थन से 18 नवंबर, 2023 को संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान, बोरीवली पूर्व में एक वॉकथॉन का आयोजन किया गया। विश्व सीओपीडी दिवस पर आयोजित इस कार्यक्रम का उद्येश्य केवल मार्च निकालना ही नहीं बल्कि बढ़ते वैश्विक स्वास्थ्य संकट के खिलाफ एकजुट हुए मुंबई के लोगों का प्रतिनिधित्व करना था।
सीओपीडी का बढ़ता प्रभाव और जागरूकता की आवश्यकता
दरअसल, सीओपीडी, फेफड़े के वायु प्रवाह में निरंतर रुकावट से पनपी एक बीमारी है, जो दुनिया भर में बढ़ते रोगों और मृत्यु दर का प्रमुख कारण है। इस संबंध में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के द्वारा की गई भविष्यवाणी के मुताबिक वर्ष 2030 तक सीओपीडी, दुनिया भर में मौत का तीसरा प्रमुख कारण बन जाएगा। भारत में खासकर धूम्रपान, पर्यावरण प्रदूषण और व्यावसायिक जोखिम जैसे उपयुक्त कारक हैं , जहां बढ़ते प्रदूषण और बदलती जीवनशैली पैटर्न के कारण सीओपीडी का प्रसार बढ़ रहा है। लोगों को इन महत्वपूर्ण कारकों से सचेत करने के लिये यह वॉकथॉन एक विशेष पहल थी।
सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिये अग्रणी भूमिका में एपीआई
इस वॉकथॉन में सार्वजनिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहने और सीओपीडी जैसी श्वसन संबंधी बीमारियों के बारे में लोगों को शिक्षित करने में एसोसिएशन ऑफ फिजिशियन ऑफ इंडिया की भागीदारी उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
संदेशों के प्रसार में विशेषज्ञों की है अहम भूमिका
एपीआई के सचिव डॉ. अगम वोरा के अनुसार, "सीओपीडी से निपटने के लिए चिकित्सा से भी आगे बात करने की आवश्यकता है, इसके लिए व्यापक स्तर पर सार्वजनिक जागरूकता फैलाने के साथ लोगों को अपने व्यवहार में परिवर्तन करने की जरूरत है। यह वॉकथॉन, खासकर भारत में बढ़ते प्रदूषण से लोगों के सामने सीओपीडी के बढ़ते खतरे के बारे में जागरूक करने के लिए हमारे प्रयासों के तहत एक महत्वपूर्ण कदम है।“
ल्यूपिन फार्मास्यूटिकल्स के वर्टिकल हेड श्री हीरक बोस ने इस बारे में कहा कि "लोगों के संपूर्ण स्वास्थ्य एवं कल्याण के लिए ल्यूपिन की प्रतिबद्धता के तहत इस वॉकथॉन जैसी पहल का समर्थन किया गया है। हमें सीओपीडी जागरूकता बढ़ाने के उनके प्रयासों में एपीआई का समर्थन करने पर गर्व है।"
मलाड मेडिकल एसोसिएशन के वरिष्ठ चिकित्सक, डॉ. के सी मेहता के अनुसार, " खासकर शहरों में बढ़ रहे सीओपीडी मामले में वृद्धि एक खतरे की घंटी है। ऐसे वॉकथॉन जैसे आयोजन फेफड़ों के स्वास्थ्य पर लोगों का ध्यान आकर्षित करते हैं, और उन्हें श्वसन प्रक्रिया के प्रति सचेत रहने के लिये सहायक का काम करते हैं।
गौरतलब है कि संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान में आयोजित कार्यक्रम में 3 किमी, 4 किमी और 5 किमी के रूट में लगभग 200 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया जिनमें एपीआई, आईएमए और अन्य चिकित्सा संघों के चिकित्सा विशेषज्ञों के साथ-साथ सीओपीडी रोगी भी शामिल हुए। इस वॉकथॉन ने सीओपीडी जागरूकता बढ़ाने, फेफड़ों के स्वास्थ्य की गंभीरता पर जोर देने और निवारक जीवनशैली अपनाने के लिये लोगों को प्रोत्साहित किया।
Created On :   21 Nov 2023 1:01 PM IST