Travel: गुजरात में सफेद नमक का रेगिस्तान है खास, जानिए रण ऑफ कच्छ के टॉप टूरिस्ट स्पॉट
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कच्छ का मुख्य आकर्षण है रण में फैला सफेद नमक का रेगिस्तान। इसे दो मुख्य भागों में विभाजित किया गया है: पहला ग्रेट रण ऑफ कच्छ और दूसरा छोटा रण ऑफ कच्छ। यहां का रण उत्सव पूरी दुनिया में मशहूर है। हर साल नवंबर से फरवरी के बीच रण महोत्सव मनाया जाता है। यह उत्सव धोरडो नामक गांव में होता है। आइए आपको बताते हैं यहां कि खास जगहों के बारें में:
नारायण सरोवर (Narayan sarovar)
नारायण सरोवर गुजरात के कच्छ जिले के लखपत तालुका में स्थित हिन्दुओं का एक तीर्थस्थान है। यहां सिंधु नदी का सागर से संगम होता है। इसी संगम के तट पर पवित्र नारायण सरोवर है। पवित्र नारायण सरोवर के तट पर भगवान आदिनारायण का प्राचीन और भव्य मंदिर है। नारायण सरोवर से 4 किमी दूर कोटेश्वर शिव मंदिर है। नारायण सरोवर में कार्तिक पूर्णिमा से 3 दिन का भव्य मेला आयोजित होता है। नारायण सरोवर में श्रद्धालु अपने पितरों का श्राद्ध भी करते हैं।
इंडियन वाइल्ड ऐस सेंचुरी (Indian Wild Ass Sanctuary)
इंडियन वाइल्ड ऐस सेंचुरी, जिसे जंगली गधा वन्यजीव सेंचुरी भी कहा जाता है। यह भारत के गुजरात राज्य में लिटिल रण ऑफ कच्छ में स्थित है। यह 4954 किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। यह सेंचुरी जानवरों और पक्षियों की कई प्रजातियों का निवास स्थान है। इसमें विभिन्न प्रजाति के जन्तु और पक्षी पाये जाते हैं जिनमें भारतीय जंगली गधे की लुप्तप्राय प्रजाति के साथ-साथ चिंकारा, कैराकल्स और ऐशिया के विशालतम नीलगाय देखे जा सकते हैं।
लखपत फोर्ट
लखपत कच्छ का एक छोटा सा कस्बा और उप-जिला है। जिसका अर्थ होता है लखपतियों का शहर। लखपत फोर्ट नारायण सरोवर से करीब 36 किमी की दूरी पर और भुज से करीब 135 किमी की दूरी पर है। माना जाता है की एक समय में यह एक मुख्य बंदरगाह हुआ करता था और उस समय में हर रोज लाखों का कारोबार हुआ करता था। 1801 ईसवी में जमादार फतेह मोहम्मद ने 7 किमी लंबी दीवार का निर्माण करवाया था जो आज भी सलामत हैं।
प्राग महल
यह 19वीं सदी की एक सुंदर इटेलियन-गोथिक शैली की इमारत है। जिसे कई फिल्मों में भी दिखाया गया है। बॉलीवुड की सुपरहिट फिल्म हम दिल दे चुके सनम और लगान में हम इसे देख चुके हैं। इस लोकेशन पर कई गुजराती फिल्मों की शूटिंग भी की गई है। यह महल पर्यटकों के लिए हमेशा खुला रहता है।
फॉसिल पार्क
यह पार्क केवल प्राकृतिक सौंदर्य का प्रतीक ही नहीं बल्कि सुंदर और अद्भूत वस्तुओं का भी घर है। यहां प्लांट फॉसिल के साथ साथ डाइनासोर के भी फॉसिल का अच्छा खासा कलेक्शन है। फॉसिल का अर्थ है जीवाश्म (जीव + अश्म = पत्थर)।
कैसे जाएं?
रण ऑफ कच्छ आप हवाई, रेल और सड़क मार्ग से जा सकते हैं। हवाई मार्ग से भुज निकटतम एयरपोर्ट है, जो यहां से करीब 70 किमी दूर है। वहीं रेल मार्ग से भी सबसे नजदीकी रेल्वे स्टेशन भुज है। इसके अलावा सड़क मार्ग से बस और निजी वाहनों के जरिए भी कच्छ पहुंचा जा सकता है।
Created On :   19 March 2020 11:01 PM IST