Travel: 84 घाटों की नगरी वाराणसी, घूमने जाए तो इन जगहों को जरूर करें ट्रिप में शामिल

Travel: 84 घाटों की नगरी वाराणसी, घूमने जाए तो इन जगहों को जरूर करें ट्रिप में शामिल

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश के सबसे प्राचीन नगरों में शामिल वाराणसी की यात्रा करना अपने आप में एक अनूठा अनुभव होता है। वाराणसी भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में गंगा नदी के किनारे स्थित शहर है। वाराणसी अपने कई विशाल मंदिरों और घाटों के लिए फेमस है। इसे भारतीय यात्री ही नहीं बल्कि विदेशी पर्यटक भी काफी पसंद करते हैं। अगर आप वाराणसी जाएं तो अपनी लिस्ट में इन जगहों को जरूर शामिल करें, वरना आपकी यात्रा अधूरी रह जाएगी।

1) काशी विश्वनाथ मंदिर 
बनारस का सबसे प्रमुख मंदिर है काशी विश्वनाथ। इसके दर्शन करने दूर-दूर से लोग आते हैं। भगवान शिव की 12 ज्योर्तिलिंगों में से एक यहां विद्यमान है। काशी विश्वनाथ में की जाने वाली आरती विश्वभर में प्रसिद्ध है। अगर आप भी बनारस जाने की सोच रहे हैं तो भोलेनाथ के इस मंदिर में दर्शन जरूर करें और एक सबसे खास बात, वह ये कि इसके बाद काल भैरव बाबा के दर्शन जरूर करें। ऐसा कहा जाता है कि काशी विश्वनाथ के दर्शन के बाद अगर काशी के कोतवाल के दर्शन नहीं किए तो पूजा अधूरी रह जाती है।

2) रामनगर का किला
रामनगर का किला वाराणसी के रामनगर में स्थित है। यह तुलसी घाट के सामने गंगा के पूर्वी तट पर स्थित है। बलुआ पत्थर की संरचना वाले इस किले का निर्माण 1750 में काशी नरेश राजा बलवंत सिंह ने मुगल शैली में करवाया था। वर्तमान समय में किला अच्छी हालत में नहीं है। यह वाराणसी से 14 किलोमीटर और बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी से 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। रामनगर का किला रोजाना सुबह 10 बजे खुलता है और शाम 5 बजे बंद हो जाता है।

3) सारनाथ मंदिर
वाराणसी से 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित, सारनाथ एक महत्वपूर्ण बौद्ध तीर्थ स्थलों में से एक है। ये दुनिया भर से अनुयायियों को अपनी ओर आकर्षित करता है। बोध गया में ज्ञान प्राप्त करने के बाद भगवान बुद्ध ने यहां अपना पहला धर्मोपदेश दिया था। अपने शासनकाल में सम्राट अशोक भगवान बुद्ध के प्रेम और शांति के संदेश का प्रचार प्रसार करने सारनाथ आए। सम्राट अशोक ने यहां बौद्ध संघ के प्रतीक स्वरूप विशालकाय स्तंभ स्थापित किया था। इसके ऊपर स्थापित सिंह आज भारत देश का राष्ट्रीय प्रतीक है।

4) गंगा नदी
भारत में जिस तरह मंदिरों का महत्व है ठीक उसी प्रकार यहां की नदियां भी काफी पूज्यनीय है। इसमें सबसे प्रमुख है गंगा नदी। जिस तरह मंदिरों में आरती का आयोजन किया जाता है, ठीक उसी प्रक्रार गंगा की भी आरती की जाती है। श्रद्धालु गंगा आरती के भव्य आयोजन का हिस्सा बनने दूर देश-विदेशों से आते हैं। यहां हम आपको ये भी बता दें कि केवल वाराणसी में ही गंगा नदी दक्षिण से उत्तर दिशा में बहती है। यहां 4 मील लम्‍बे तट पर लगभग 84 घाट हैं। सर्वाधिक महत्‍वपूर्ण पांच घाटों में अस्‍सीघाट, दशाश्‍वमेधघाट, आदिकेशवघाट, पंचगंगाघाट और मणिकर्णिकघाट को "पंचतीर्थ" है।

5) तुलसी मानसा मंदिर वाराणसी
वाराणसी के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में से एक है तुलसी मानसा मंदिर। भगवान राम को समर्पित इस मंदिर का निर्माण 1964 में किया गया था। इस मंदिर का नाम संत कवि तुलसी दास के नाम पर पर रखा गया है। बताया जाता है कि यह वो स्थान है जहां पर तुलसीदास ने हिंदी भाषा की अवधी बोली में हिंदू महाकाव्य रामायण लिखी थी। मंदिर में सावन के महीनों (जुलाई–अगस्त) में कठपुतलियों का एक विशेष प्रदर्शन होता है जो रामायण से संबंधित है। अगर आप एक मजेदार अनुभव का आनंद लेना चाहते हैं, तो सावन के महीनों में यहां की यात्रा करें।

कैसे पहुंचे और कहा रुकें?
वाराणसी में लाल बहादुर शास्त्री इंटरनेशनल एयरपोर्ट है। यह वाराणसी से 30 किलोमीटर दूर है। निकटतम रेलवे स्टेशन वाराणसी और सारनाथ रेलवे स्टेशन है, जो सभी प्रमुख शहरों से जुड़े हुए हैं। वाराणसी से सारनाथ तक नियमित बसें हैं। उत्तर प्रदेश के सभी बड़े शहरों से सड़क के माध्यम से यहां पहुंच सकते हैं। अगर यहां रुकने की बात की जाए तो यहां हर बजट के होटल मिल जाते हैं। इस शहर के क्षेत्र के लोकप्रिय व्यंजनों में दम आलू, बाटी, आलू-टिक्की, कचोरी, पानी पुरी, जलेबी, रबड़ी और बनारसी केकंद जैसी मिठाइयां हैं।

Created On :   22 Feb 2020 8:31 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story