Coronovirus Motivation: यदि कल ना हो, तो आज का सर्वश्रेष्ठ ?
डिजिटल डेस्क, भोपाल। जीवन का अस्तित्व सिर्फ और सिर्फ वर्तमान में होता है बीता हुआ कल और आने वाला कल यह दोनों सिर्फ भूतकाल एवं भविष्य काल के हिस्से रह जाते हैं। एक संत से उनके शिष्य ने पूछा कि मैं अक्सर भूतकाल एवं भविष्य काल की चिंताओं में खोया रहता हूं कृपया इससे बाहर निकलने का उपाय बताएं ताकि मैं अपना सर्वश्रेष्ठ अपने वर्तमान को दे सकूं।
संत नदी की तरफ जा रहे थे उन्होंने कहा आप मेरे साथ आओ अभी कुछ प्रयोग करके देख लेते हैं। संत काफी ताकतवर थे, वे स्वयं नदी में उतरे और अपने शिष्य को भी बुलाया। शिष्य ने पूछा ,यह कैसा प्रयोग है? संत ने शिष्य की गर्दन पूरी ताकत से पकड़ी और उसे नदी में डूबा दिया। उनका शिष्य पूरी ताकत एवं ऊर्जा के साथ स्वयं को बचाने में लग गया एवं छटपटाने लगा। थोड़ी देर बाद जब संत ने उसे मुक्त किया और पूछा, क्या तुम्हारे दिमाग में कोई विचार आया जब तुम जीवन एवं मृत्यु के लिए संघर्ष कर रहे थे, शिष्य ने कहा बिल्कुल नहीं। उस समय मेरे लिए ना तो कोई भूतकाल था और ना ही भविष्य काल मैं पूरी तरह से वर्तमान में रहकर प्रयास कर रहा था कि कैसे अपना जीवन बचाऊ ? आइए कुछ सवालो के माध्यम से इसे और बेहतर तरीके से समझने का प्रयास करते हैं।
- आप क्या करेंगे, यदि यह पल आपके जीवन का आखिरी पल हो?
- जब भी आप अपना सर्वश्रेष्ठ देते हैं तो आप कैसा महसूस करते हैं?
- आप अपना सर्वश्रेष्ठ चिंता मुक्त हो कर दे पाते हैं अथवा चिंता युक्त होकर?
- जीवन के अंतिम पल में भी, क्या आप किसी से राग एवं द्वेष रखेंगे ?
- आप कैसा महसूस करते हैं जब आप शिकायत करते हैं अथवा पूर्ण रूप से मेहनत?
- क्या प्रकृति के द्वारा दिए गए इस क्षण के लिए आप शुक्रगुजार हैं?
उपरोक्त कुछ सवाल आपको वर्तमान में आपका सर्वश्रेष्ठ देने में मदद करेंगे।
धन्यवाद
पंकज राय
(अंतर्राष्ट्रीय मोटिवेशनल स्पीकर ,लेखक एवं मनोवैज्ञानिक )
M +919407843111
Created On :   23 April 2020 10:33 AM GMT