हेल्थ टिप्स: खाली पेट कॉफी पीने की है आदत तो हो जाईए सावधान, इन 4 समस्याओं का करना पड़ सकता है सामना
- क्या आप भी रोजाना खाली पेट कॉफी पीते हैं?
- आज ही बदलिए अपनी ये आदत
- खाली पेट कॉफी पीने से हो सकती है ये 4 समस्याएं
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। चाय और कॉफी भारतीय घरों का अभिन्न हिस्सा है। नई जेनरेशन चाय छोड़कर कॉफी की तरफ बढ रही है। अगर आपके सुबह की शुरूआत कॉफी के साथ होती है तो सावधान हो जाएं। खाली पेट कॉफी पीने से आपको कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। कॉफी का सेवन सही समय और सही मात्रा में करना जरूरी है। इसके अत्यधिक सेवन से वेटगेन से लेकर मेंटल हेल्थ से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि, सही समय और मात्रा में कॉफी का रोजाना सेवन हमारे स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकता है लेकिन, खाली पेट कॉफी के सेवन से आपको निश्चित तौर पर बचना चाहिए।
पाचन तंत्र को नुकसान
सुबह खाली पेट कॉफी पीने से हमारे पाचन तंत्र पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। एनआईएच की एक शोध के मुताबिक कॉफी का कड़वापन पेट के एसिड को उत्तेजित करने लगती है, जिसके कारण आईबीएस यानि इरिटेबल बॉवल सिंड्रोम, उल्टी, अपच और अल्सर जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। खाली पेट कॉफी पीने से पेट में एचसीएल रिलीज होता है जिससे पाचन तंत्र को नुकसान पहुंचता है।
हाई ब्लड प्रेशर
कैफीन इनटॉलरेंट लोगों को खाली पेट कॉफी पीने से हाई ब्लड प्रेशर की समस्या का सामना करना पड़ता है। अनफिल्टर्ड कॉफी के रोजाना सेवन से शरीर में कोलेस्ट्रोल की मात्रा बढने लगती है। रोजाना कॉफी के सेवन से हार्ट पल्पीटेशन यानि दिल की धड़कन बढने जैसी समस्या का भी सामना करना पड़ सकता है।
डिहाइड्रेशन की समस्या
एक दिन में 5 से 6 कप कॉफी के सेवन से बार-बार यूरिनेट करना पड़ता है जिससे शरीर में फ्ल्यूड लॉस बढ जाता है। फ्ल्यूड लॉस के कारण हमारा शरीर डिहाइड्रेट हो जाता है। इसीलिए अत्यधिक कॉफी के सेवन से बचना चाहिए। क्योंकि सीमित मात्रा में कॉफी का सेवन स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है वहीं अत्यधिक मात्रा शरीर को नुकसान पहुंचाती है।
स्ट्रेस हार्मोन में इजाफा
रोजाना सुबह उठते ही सबसे पहले कॉफी पीने से मानसिक स्वास्थ प्रभावित होती है। खाली पेट कॉफी पीने से शरीर में स्ट्रेस हार्मोन के स्तर में इजाफा होता है। अगर आप भी रोज खाली पेट कॉफी पीते हैं तो आपके शरीर में कोर्टिसोल नाम के स्ट्रेस हार्मोन की अधिकता हो सकती है। कोर्टिसोल हार्मोन के स्राव के लिए एडरनल ग्लैणड जिम्मेदार होता है और इससे मेटाबॉलिज्म, ब्लड प्रेशर और ब्लड सुगर नियंत्रित करने में मदद मिलती है। लेकिन, इसकी अधिकता से हड्डियों में तकलीफ, हाई ब्लड प्रेशर, हृदय रोग और टाइप 2 डायबिटीज जैसी समस्याएं बढने लगती है।
Created On :   16 Feb 2024 5:36 PM IST