अयोध्या घाट: अयोध्या जाने का बना रहे हैं प्लान तो, अयोध्या के इन प्रसिद्ध घाटों पर जरूर लगाएं आस्था की डुबकी

अयोध्या जाने का बना रहे हैं प्लान तो, अयोध्या के इन प्रसिद्ध घाटों पर जरूर लगाएं आस्था की डुबकी
  • अयोध्या में 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा समारोह होने जा रहा है
  • अयोध्या के इन प्रसिद्ध घाटों पर जरूर लगाएं आस्था की डुबकी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राम की धरती अयोध्या बहुत से मायनों में खास है। इस शहर की खास बात है कि इस शहर में रहने वाले ही नहीं बल्कि हर भारतीय के मन में इस शहर के प्रति एक आस्था और लगाव है। इन दिनों इस शहर की चर्चा हर भारतवासी के मुंह पर है क्योंकि कई सालों के इंतजार के बाद अब अयोध्या में भगवान राम का आगमन होने जा रहा है। ये हर राम भक्त के लिए बड़ा और एतिहासिक दिन होने वाला है। अयोध्या में 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा समारोह होने जा रहा है। इस भव्य समारोह में दूर दूर से लोग शामिल होने पहुंचेंगे। अगर आप भी अयोध्या जाने का प्लान बना रहे हैं तो आप अयोध्या के कुछ प्रसिद्ध घाटो में स्नान करने जा सकते हैं। इन घाटों पर स्नान करने का भी विशेष महत्व है।

सरयू घाट

अयोध्या दर्शन की शुरुआत सरयू नदी के किनारे स्नान करने से होती है। सरयू तट पर कई घाट बने हुए हैं, जैसे- नया घाट, राम घाट,लक्ष्मण घाट, गुप्तार घाट आदि बने हुए हैं। आप किसी भी घाट पर स्नान कर सकते हैं। माना जाता है सरयू में स्नान करने पर जाने- अनजाने में किये गए सारे पाप धुल जाते हैं। सरयू तथा सभी घाटों पर नाव वाले अपनी नाव को सजाकर नौका विहार के लिए तैयार रखते हैं।


गुप्तार घाट

अयोध्या में सभी घाटों की तरह ही गुप्तार घाट भी अपनी जगह पर धार्मिक और पर्यटन दोनों नजरिये से महत्वपूर्ण है। यह वही स्थान है जहां पर भगवान श्री राम जल समाधि लेकर गुप्त हो गए थे। यहां पर सरयू नदी का जल आज भी बेहद शांती से बहता है।


राम की पैड़ी

अयोध्या में राम की पैड़ी सरयू घाट पर स्थित है। राम की पैड़ी के बारे में एक कथा प्रचलित है। माना जाता है एक बार लक्ष्मण जी ने सभी तीर्थ स्थलों के दर्शन करने के लिए जाने का निश्चय किया। तब श्री राम जी ने यहां इस पैड़ी की स्थापना की और कहा कि सायंकाल के समय सभी तीर्थ यहां पर स्नान के लिए उपस्थित होंगे। ऐसे में जो भी व्यक्ति इस समय आवधि में यहां स्नान करेगा, उसे सभी तीर्थों में स्नान करने जितने ही पुण्य फल की प्राप्ति होगी।


लक्ष्मण घाट

यह वो घाट है जहां भगवान राम से असीम प्रेम करने वाले उनके भाई लक्ष्मण ने अपने प्राण त्यागे थे। अगर आप इस घाट पर बैठेंगे तो आपको महसूस होगा कि लक्ष्मण जी की विरासत आज भी यहां सांस ले रही है। इस घाट को समाधि के नाम से भी जाना जाता है। पूर्णिमा को छोड़कर यहां दूसरे दिनों में अपेक्षाकृत कम भीड़ रहती है।


राम घाट

यह घाट जन्म भूमि से कुछ किमी की दूरी पर स्थित है। इस घाट को स्वर्गद्वार भी कहा जाता है। माना जाता है कि यह वह स्थान है जहां भगवान राम, देवी सीता और भगवान लक्ष्मण ने संत गोस्वामी तुलसीदास के साथ विस्तृत बातचीत की थी। यही एक बड़ी वजह है कि यह लोगों के दिल और दिमाग में एक खास जगह रखता है।


डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (डॉक्टर/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।

Created On :   15 Jan 2024 5:51 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story