विंटर टिप्स: ठंड में आपको भी लगते हैं इलेक्ट्रिक शॉक, तो ना हों परेशान, जानें इसके कारण के साथ बचाव के तरीके

ठंड में आपको भी लगते हैं इलेक्ट्रिक शॉक, तो ना हों परेशान, जानें इसके कारण के साथ बचाव के तरीके
  • ठंड में अक्सर लगते हैं इलेक्ट्रिक शॉक्स
  • जानें क्या है इलेकट्रिक शॉक्स लगने की वजह
  • इलेक्ट्रिक शॉक्स से बचने के उपाय

डिजिटल डेस्क, भोपाल। अक्सर आपने देखा होगा कि ठंड के मौसम में दरवाजा, कुर्सी या किसी इंसान को छूने पर एकदम से करंट का झटका सा महसूस होता है। ठंड के मौसम में बॉडी को इलेक्ट्रिक शॉक लगना एक आम बात है। इसे हम आमतौर पर स्ट्रिक्टिक डिस्चार्ज या इलेक्ट्रोस्टैटिक डिस्चार्ज (ESD) कहते हैं। साइंस कहता है कि, हमारे आस-पास दिखने वाले सारे स्ट्रक्चर्स एटम्स से बने होते हैं जो इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन और न्यूट्रॉन से बनता है। बता दें कि, इलेक्ट्रॉन नेगेटिविली चार्ज्ड, प्रोटॉन पॉजिटिवली चार्ज्ड और न्यूट्रॉन चार्जलेस एटम्स होते हैं। ठंड में मौसम ड्राई होने के कारण शरीर में इलेक्ट्रॉन की मात्रा बढ़ जाती है।

इलेक्ट्रान बहुत तेजी से प्रोटॉन की ओर अट्रैक्ट होते हैं। तो ऐसे में जब मौसम ठंडा होता है, तो हमारे शरीर का तापमान गिरने लगता है और ये शरीर के नर्वस सिस्टम को अफेक्ट करता है। यही वजह है कि, अचानक किसी चीज से शरीर छू जाने पर करंट लगता है। ठंड में करंट लगने का असर ज्यादा सीरियस हो सकता है, क्योंकि ठंडी का प्रभाव नसों और मांसपेशियों पर पड़ता है, जिससे नर्वस सिस्टम में गड़बड़ी हो सकती है। तो अब ऐसे में आइए इस मौसम में करंट लगने के कारण और उससे बचाव के उपायों को समझने की कोशिश करते हैं।

ठंड में करंट लगने के 4 मेजर कारण -

मांसपेशियों में सिकुड़न

जब शरीर ठंडा होता है, तो मांसपेशियों में सिकुड़न होने लगती है, जिससे ब्लड सर्कुलेशन स्लो हो जाता है। इस स्थिति में अगर करंट लगता है, तो वो मांसपेशियों को और ज्यादा अफेक्ट करता है। इससे शरीर में दर्द और ऐंठन हो सकती है।

स्लो ब्लड फ्लो

ठंड के कारण शरीर के ब्लड वेसल्स नैरो हो जाती हैं, जिससे ब्लड फ्लो स्लो हो जाता है। इससे शरीर के नर्व सेल्स ज्यादा सेंसिटिव हो जाती हैं और करंट का इफेक्ट अधिक महसूस होता है।

इलेक्ट्रिकल एप्लायंस का गलत इस्तेमाल

ठंड के मौसम में लोग अक्सर पुराने या खराब तारों का इस्तेमाल करते हैं, जिनमें इंसुलेशन सही नहीं होता। ऐसे में करंट का लिकेज बढ़ सकता है और करंट का झटका लगने का खतरा भी बढ़ जाता है।

सेंसिटिविटी में ग्रोथ

ठंड में शरीर की सेंसिटिविटी बढ़ जाती है, जिससे करंट का असर शरीर पर ज्यादा महसूस होता है। नर्वस सिस्टम ठंड के प्रभाव से कमजोर हो सकते हैं और करंट लगने से मांसपेशियों में ज्यादा ऐंठन और दर्द भी हो सकता है।

ठंड में करंट से बचने के उपाय

खुद को रखें गर्म

ठंड में अपनी मांसपेशियों को गर्म रखने के लिए हमेशा स्वेटर, जैकेट और गर्म कपड़े पहनें। ये आपके शरीर को ठंड से बचाता है और सेंसिटिविटी को कम करता है। ठंड में हमें सिंथेटिक कपड़े पहनने से बचना चाहिए क्योंकि ये नमी को एब्जॉर्ब करके इलेक्ट्रिक चार्ज प्रोड्यूस करते हैं।

रबर सोल के जूते

स्टेटिक शॉक से बचने के लिए आप रबर सोल के जूते भी पहन सकते हैं। रबर एक अच्छा इन्सुलेटर होता है, जो आपको किसी भी इलेक्ट्रिक शॉक से बचाता है। इसलिए, इसे पहनने से स्टेटिक शॉक और आपके शरीर में पॉजिटिवली चार्ज्ड एटम्स को बनने से रोकने में मदद मिलती है।

सेफ इक्विपमेंट्स का यूज

बिजली के इक्विपमेंट्स को रेगुलरली चेक करें और सिर्फ अच्छे और सेफ क्वालिटी के इक्विपमेंट्स का ही इस्तेमाल करें। पुराने तारों और खराब इंसुलेशन को यूज करने से बचें। इलेक्ट्रिकल शॉक्स से बचने के लिए सेफ और सही इंसुलेटेड तारों का ही यूज करें।

सेफ तरीकों से इक्विपमेंट्स का करें यूज

घर में गरम पानी से नहाने के बाद तुरंत इलेक्ट्रिकल इक्विपमेंट्स को यूज करने से बचें। हमेशा इलेक्ट्रिकल इक्विपमेंट्स और तारों को सूखा रखें, ताकि नमी से शॉर्ट सर्किट का खतरा न हो सके। साथ ही आपने घर में नमी को कम करने के लिए ह्यूमिडिफायर का यूज कर सकते हैं।

Created On :   18 Dec 2024 7:09 PM IST

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