..ताकि चीन में भरा रहे चावल का कटोरा
हर साल 25 जून चीन में राष्ट्रीय भूमि दिवस के रूप में मनाया जाता है। 25 जून 1986 को, चीन का भूमि प्रशासन कानून पारित हुआ, जो विशेष रूप से भूमि संबंधों को समायोजित करता है। वर्ष 1991 से प्रत्येक वर्ष की 25 जून को, जो कि चीन के भूमि प्रबंधन कानून की घोषणा की तारीख है, चीन में राष्ट्रीय भूमि दिवस के रूप में निर्धारित किया गया है। राष्ट्रीय भूमि दिवस चीन की राज्य परिषद द्वारा निर्धारित पहला राष्ट्रीय स्मरणोत्सव प्रचार दिवस है। वहीं, चीन दुनिया का पहला ऐसा देश है, जिसने भूमि संरक्षण के लिए विशेष स्मृति दिवस स्थापित किया है।
इस वर्ष 25 जून को चीन में 33वां राष्ट्रीय भूमि दिवस है, इस बार के दिवस का विषय भूमि का किफायती एवं गहन उपयोग और खेती योग्य भूमि की लाल रेखा का सख्ती से निरीक्षण करें है। चीन विशाल पांडा की रक्षा की तरह ही खेती योग्य भूमि की रक्षा कर रहा है, खेती योग्य भूमि की लाल रेखा के सख्त पालन को सक्रिय रूप से बढ़ा रहा है और भूमि के हर इंच को फसल के लिए उपजाऊ मिट्टी बनाने के लिये हर प्रयास कर रहा है। वहीं, पूर्वोत्तर चीन की काली मिट्टी खेती योग्य भूमि के लिए सर्वश्रेष्ठ है। वर्ष 2022 में चीन के हेइलोंग जियांग प्रांत, लियाओनिंग प्रांत और जिलिन प्रांत आदि तीन पूर्वोत्तर प्रांतों ने देश के अनाज उत्पादन के पांचवें हिस्से से अधिक का योगदान दिया।
पूर्वोत्तर चीन की काली मिट्टी को विश्व में उपजाऊ मिट्टी के रूप में मान्यता प्राप्त है। इसमें अच्छे गुण, उच्च उर्वरता है और खेती के लिए उपयुक्त है। मिट्टी का रंग अनेक कारकों पर निर्भर करता है। मिट्टी में कार्बनिक पदार्थ की मात्रा जितनी अधिक होगी, ह्यूमस उतना ही अधिक होगा और रंग गहरा होगा। काली मिट्टी की मोटी परत फसलों की वृद्धि के लिए बहुत अनुकूल है। हालांकि, पुनग्र्रहण के बाद से भारी उपयोग व भूमि को हल्के रूप से उपजाऊ बनाना, हवा के कटाव और पानी के कटाव आदि कारणों से पूर्वोत्तर चीन में काली मिट्टी की मोटाई लगभग 40 सेंटीमीटर कम हो गई है। इसने चीन की कृषि के सतत् विकास और खाद्य सुरक्षा के लिए छिपी हुई चिंताओं को सामने ला दिया है।
काली भूमि की सुरक्षा और उपयोग को मजबूत करने के लिए चीन के संबंधित राज्य विभागों ने कई कदम उठाए हैं। 24 जून 2022 को चीन में काली मिट्टी संरक्षण कानून को पारित किया गया और 1 अगस्त, 2022 से लागू किया गया। हेइलोंग जियांग प्रांत, जिलिन प्रांत आदि कई प्रांतों ने काली भूमि की रक्षा के लिए स्थानीय कानून और नियम भी पेश किए हैं। साथ ही उन्होंने किसानों के उत्साह को पूरी तरह से बढ़ाने और काली भूमि को ईंधन देने के लिए अनेक विशिष्ट सुरक्षा उपाय अपनाए हैं।
जिलिन प्रांत के सिफिंग शहर की लिशु काउंटी में लोग काली मिट्टी की रक्षा के लिए लिशु मॉडल का उपयोग करते हैं। खेत को पुआल से ढंकने की यह विधि न केवल मिट्टी के हवा और पानी के कटाव को कम करती है, बल्कि मिट्टी के कार्बनिक पदार्थ को भी बढ़ाती है और काली मिट्टी की प्रभावी ढंग से रक्षा करती है। वर्तमान में, पूर्वोत्तर चीन में लिशु मॉडल का प्रचार क्षेत्र पांच करोड़ म्यू से अधिक पहुंच गया है।
काली मिट्टी की रखवाली करने से खाद्य की कमी की चिंता नहीं रहती। आज की काली मिट्टी अधिकाधिक उपजाऊ होती जा रही है। लोग देश के अन्न भंडार को स्थिर करने से चीन में अपना चावल का कटोरा सुरक्षित रखने के प्रति अधिक आश्वस्त होते जा रहे हैं।
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Created On :   23 Jun 2023 8:09 PM IST