सीरिया पर US का मिसाइल अटैक, बड़ी संख्या में रासायनिक हथियार नष्ट करने का दावा
डिजिटल डेस्क, दमिश्क। सीरिया में हुए कैमिकल अटैक के बाद अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने सीरिया पर शनिवार को हमला किया। हमला राजधानी दमिश्क और उसके आस-पास के शहरों पर किया गया है। राजधानी के आस-पास मौजूद सीरियाई सेना और "केमिकल रिसर्च सेंटर" को इस हमले में निशाना बनाया गया है। 70 मिनट में 100 से ज्यादा मिसाइल दागी गई। इस हमले में तीनों देशों ने कई अत्याधुनिक हथियारों जैसे, B-1 बॉम्बर्स, टोरनैडो जेट्स के साथ युद्धपोत का भी प्रयोग किया। रूस, चीन सहित अन्य देशों ने इस हमले पर नाराजगी जताई है।
ये हमला दानव के अपराध की सजा
सीरिया पर हमले को लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा "यह हमला रूस द्वारा सीरिया की असद सरकार को रासायनिक हथियार के इस्तेमाल करने से रोकने में विफल रहने का "सीधा परिणाम" है। रूस और ईरान जैसे देशों को सोचना चाहिए कि वो इंसानियत को शर्मसार करने वाले देश के साथ कैसे खड़े हो सकते हैं।" अमेरिकी राष्ट्रपति ने दावा किया कि संयुक्त कार्रवाई का मकसद रासायनिक हथियारों के उत्पादन, प्रसार और इस्तेमाल के खिलाफ ‘‘मजबूत प्रतिरोधक’’ तंत्र स्थापित करना है। उन्होंने कहा यह किसी व्यक्ति की कार्रवाई नहीं है, यह एक दानव के अपराध की सजा है।
रासायनिक हथियारों के जखीरे को किया तबाह
अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस की संयुक्त रूप से की गई एयरस्ट्राइक को इजराइल और जर्मनी ने भी सही ठहराया है। वहीं फ्रांस ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सीरिया केमिकल अटैक करेगा तो उस पर हवाई हमला किया जाएगा। फ्रांस ने दावा किया कि इस एयरस्ट्राइक में सीरिया के रासायनिक हथियारों के जखीरे का ज्यादातर हिस्सा तबाह कर दिया गया है और उसने (सीरिया) सबक सीख लिया है। ब्रिटेन की पीएम टेरीजा मे ने कहा कि सीरिया में हुए हवाई हमले रासायनिक हथियारों के खिलाफ "सख्त संदेश" देने वाले साबित होंगे। EU के प्रेसिडेंट ने भी हमले को लेकर अमेरिका और सहयोगियों का समर्थन किया।
सीरिया का दावा, ज्यादातर मिसाइल की गई नष्ट
इस अटैक के बाद सीरियाई ब्रिगेडियर जनरल अली मेहौब ने अपने बयान में कहा कि यूएस ब्रिटेन और फ्रांस ने हमारे ऊपर अटैक किया, जिसमें से ज्यादातर मिसाइलों को हमने नष्ट कर दिया। उन्होंने कहा, "उनमें से एक मिसाइल दमिश्क के निकट बारजहा में साइंटिफिक रिसर्च सेंटर पर अटैक किया, जिससे बिल्डिंग बिखर गई। होम्स में एक मिसाइल ने तीन लोगों को घायल कर दिया।"
रूस ने जताई कड़ी आपत्ति
एयरस्ट्राइक के रूस की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन ने सीरिया पर हमला किया है, इसका नतीजा भयंकर हो सकता है। रूस ने यह भी कहा कि तीनों देशों को समझना चाहिए कि इस हमले का परिणाम युद्ध के रूप में भी हो सकता है। मॉस्को की तरफ से जारी बयान में दावा किया गया है कि सीरिया पर हमले में रूस के ठिकानों को निशाना नहीं बनाया गया है। अमेरिका में रूस के राजदूत एंटोनी एंटोलोव ने कहा- हमने चेतावनी दी थी की ऐसे हमलों के परिणाम भुगतने पड़ेंगे। अब जो होगा उसकी ज़िम्मेदारी अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस की है।
ईरान ने भी जताई आपत्ति
वहीं ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह खुमैनी ने डोनाल्ड ट्रंप, ब्रिटिश पीएम थेरेसा मे और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैन्युअल मैक्रों को क्रिमिनल बताया है। ईरान के विदेश मंत्री ने कहा कि अमेरिका और उसके सहयोगी देश ने केमिकल अटैक की जांच किए बिना ही मिलिट्री अटैक से अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी। उन्होंने कहा कि इस भड़काऊ कार्य के कारण अमेरिका क्षेत्रीय परिणामों के लिए जिम्मेदार हैं।
डूमा में हुआ था कैमिकल अटैक
पिछले हफ्ते सीरिया के डूमा इलाके में कैमिकल अटैक हुआ था, जिसमें कम से कम 70 लोगों के मारे जाने की खबर थी। इसके साथ ही 500 से ज्यादा लोग इस हमले की चपेट में आ गए थे। अमेरिकी अखबार वॉशिंगटन पोस्ट ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया कि इस अटैक में "नर्व" गैस का इस्तेमाल किया गया, जिससे लोगों को सांस लेने में दिक्कत हुई और उनके मुंह से झाग निकलने लगा। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस हमले का आरोप सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद, रूस और ईरान पर लगाया था। हालांकि रूस ने कहा था कि वहां कोई कैमिकल अटैक नहीं हुआ है।
Created On :   14 April 2018 6:13 PM IST