ब्रिटेन में पहली बार ईसाइयों से ज्यादा मुसलमान, हिंदू और सिखों की संख्या भी मुसलमानों से कम, जानिए क्यों दुनियाभर में तेजी से बढ़ रही मुसलमानों की आबादी
- पीएम सुनक की तरफ से आया ये रिएक्शन
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ब्रिटेन में हुई ताजा जनगणना में बेहद हैरान करने वाले आंकड़े सामने आए हैं। जनगणना रिपोर्ट के अनुसार देश में ईसाइयों की आबादी में तेजी से कमी आई है। वहीं मुस्लिमों की आबादी में बढ़ोत्तरी देखी गई है। जनगणना के मुताबिक, ऐसा पहली बार हुआ है जब ब्रिटेन में ईसाई धर्म के लोगों की संख्या देश की कुल जनसंख्या की आधी रह गई है।
जानकारी के मुताबिक यह जनगणना साल 2021 में की गई थी। हर 10 साल में होने वाली जनगणना के मुताबिक देश में ईसाई समुदाय के बाद उन लोगों की संख्या सबसे ज्यादा है जो किसी धर्म को नहीं मानते हैं, यानी जो नास्तिक हैं। यूके ऑफिस फॉर नेशनल स्टेटिस्टिक्स के अनुसार, 2011 में हुई जनगणना के मुकाबले 2021 में हुई जनगणना में देश की ईसाई आबादी में 13.1 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है।
बढ़ रही मुस्लिम जनसंख्या
2021 की जनगणना के आंकड़ों के अनुसार देश में ईसाईयों की जनसंख्या कुल जनसंख्या का 46 प्रतिशत रह गई है जो 2011 की जनगणना में लगभग 60 प्रतिशत थी। वहीं इस दौरान मुसलमान समुदाय की आबादी में लगभग 2 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई। 2011 में मुस्लिम समुदाय की आबादी जहां 4.9 प्रतिशत थी वह 2021 में बढ़कर 6.5 प्रतिशत हो गई। देश अभी मुसलमानों की आबादी 39 लाख हो गई है। जनगणना की रिपोर्ट के अनुसार ब्रिटेन में इस समय हिंदू आबादी करीब 10 लाख है। वहीं सिख, यहूदी और बौद्ध समुदाय की आबादी क्रमश: 5.2 लाख, 2.7 लाख और 2.7 लाख है।
पीएम सुनक की तरफ से आया ये रिएक्शन
इस मामले पर ब्रिटेन की नए प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के प्रवक्ता ने कहा कि ब्रिटेन विविधताओं वाला देश है इसलिए हमें इन आंकड़ों का स्वागत करना चाहिए। रिपोर्ट के अनुसार इस रिपोर्ट में केवल ब्रिटेन और वेल्स के आंकड़ों को सम्मिलित किया गया है। स्कॉटलैंड और उत्तरी आयरलैंड की जनसंख्या के आंकड़े अलग से जारी किए जाएंगे।
इन कारणों से दुनियाभर में बढ़ रही मुस्लिमों की आबादी
ब्रिटेन ही नहीं पूरी दुनिया में मुस्लिमों की आबादी अन्य समुदायों के मुकाबले तेजी से बढ़ रही है। प्यू रिसर्च सेंटर की रिपोर्ट के मुताबिक, अन्य समुदायों की तुलना में मुस्लिम समुदाय की जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है। साल 2050 तक इनकी जनसंख्या दुनियाभर की जनसंख्या का 30 प्रतिशत हो जाएगी। जर्नल ऑफ एकेडमिक रिसर्च एंड साइंसेज की रिपोर्ट के अनुसार, मौजूदा वक्त में पूरी दुनिया से आतंकवाद और इस्लामोफोबिया की खबरें आ रही हैं लेकिन इसके बावजूद भी मुस्लिम समुदाय की आबादी में सबसे ज्यादा बढ़ोत्तरी देखी गई है। अगर बात करें इस समुदाय की जनसंख्या में तेजी के कारणों की तो अमेरिकन सर्वे एजेंसी पीआरबी ने इसके बड़े कारण बताए हैं।
पीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार, अन्य समुदाय की महिलाओं के मुकाबले मुस्लिम समुदाय की महिलाओं का फर्टिलिटी रेट यानी प्रजनन दर अधिक है। इसके अलावा इस समुदाय में पुरुष और महिलाओं की कम उम्र में शादी होना भी जनसंख्या बढ़ने की एक बड़ी वजह है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि मुस्लिम समुदाय के पुरुष व महिलाएं गैर-मुस्लिम समुदाय के पुरुषों और महिलाओं के मुकाबले परिवार नियोजन या बर्थ कंट्रोल के तरीकों को अपनाने में पीछे हैं। जहां केवल 48 फीसदी मुस्लिम महिलाएं ही इन तरीकों को अपनाती हैं वहीं करीब 63 फीसदी गैर-मुस्लिम महिलाएं बर्थ कंट्रोल के तरीकों को अपनाती हैं। रिपोर्ट के अनुसार इस्लामिक देशों में अब लोगों की लाइफस्टाइल, अर्थव्यवस्था और शिक्षा का स्तर अब पहले के मुकाबले बेहतर हुआ है। इससे बच्चों की मृत्यू दर पर भी सीधा असर पड़ा है। पहले के मुकाबले अब बच्चों की मौत कम होती हैं, वहीं शिक्षा पाने के बाद समुदाय की महिलाएं पहले से ज्यादा जागरुक हुई हैं।
Created On :   30 Nov 2022 5:54 PM IST