नए अफगानिस्तान के लिए राजस्व जुटाना सबसे बड़ी चुनौती
- द अफगानिस्तान बैंक के गवर्नर ने तालिबान के लिए मादक पदार्थो के व्यापार से राजस्व जुटाया
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। तालिबान के हाजी मोहम्मद इदरीस को अपने शासन का अस्पष्ट अधिकारी करार दिए जाने के बाद से अफगानिस्तान की अर्थव्यवस्था के भविष्य पर एक बड़ा सवालिया निशान खड़ा हो गया है। इस समय, जब देश की आबादी नकदी की भारी कमी और आवश्यक वस्तुओं की अनियंत्रित बढ़ती कीमतों का सामना कर रही है।
1939 में राजधानी काबुल में 12 करोड़ अफगानियों की प्रारंभिक संपत्ति के साथ स्थापित द अफगानिस्तान बैंक अफगानिस्तान का केंद्रीय बैंक है। इसका प्राथमिक उद्देश्य घरेलू मूल्य स्थिरता को प्राप्त करना और बनाए रखना, एक स्थिर बाजार आधारित वित्तीय प्रणाली की तरलता, शोधन क्षमता और प्रभावी कामकाज को बढ़ावा देना और एक सुरक्षित, मजबूत और कुशल राष्ट्रीय भुगतान प्रणाली को बढ़ावा देना है।
पहले से ही 2021 में कोविड-19 के व्यापक प्रभाव और सुरक्षा समस्याओं से निपटने के लिए बैंक को अब तालिबान शासन के तहत देश में वित्तीय और बैंकिंग क्षेत्र की सुदृढ़ता और स्थिरता को बनाए रखने के लिए एक बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।
तालिबान का कहना है कि इदरीस आसन्न मुद्दों का समाधान करेगा और अफगानों की बढ़ती समस्याओं का समाधान करेगा।
तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने सोमवार देर शाम ट्वीट किया, सरकारी संस्थानों और बैंकिंग मुद्दों को व्यवस्थित करने और लोगों की समस्याओं को दूर करने के उद्देश्य से इस्लामिक अमीरात के नेतृत्व में हाजी मोहम्मद इदरीस को द अफगानिस्तान बैंक का कार्यवाहक गवर्नर नियुक्त किया गया है।
माना जाता है कि इदरीस, अब तक तालिबान के आर्थिक आयोग का नेतृत्व कर रहा है। वह अजमल अहमदी की जगह है, जिन्होंने हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से एमबीए किया है और यूएसए के हार्वर्ड कैनेडी स्कूल से अर्थशास्त्र और लोक प्रशासन की डिग्री भी हासिल की है। जून 2020 में डीएबी के कार्यवाहक गवर्नर के रूप में नियुक्त, अहमदी के कार्यकाल के दौरान पहली बार देश के निर्यात का मूल्य बढ़कर एक अरब अमेरिकी डॉलर हो गया। बैंकिंग और वित्त पर अफगानिस्तान के राष्ट्रपति के एक वरिष्ठ सलाहकार, वह पिछले सप्ताह काबुल से उसी वक्त भाग गए, जब तालिबान ने अफगान राजधानी पर कब्जा कर लिया था।
हालांकि उनकी शैक्षिक या व्यावसायिक योग्यता के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है, अब यह इदरीस पर निर्भर है कि वह सर्वोत्तम अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप एक मजबूत वित्तीय क्षेत्र स्थापित करे और समुदाय के सभी स्तरों पर आजीविका में सुधार करे।
(यह सामग्री इंडिया नैरेटिव के साथ एक व्यवस्था के तहत प्रस्तुत है)
--इंडिया नैरेटिव
(आईएएनएस)
Created On :   24 Aug 2021 11:00 PM IST