जलालाबाद में अफगान झंडा लिए प्रदर्शन कर रहे लोगों पर तालिबान ने फायरिंग की, तीन की मौत
- जलालाबाद में तालिबान के खिलाफ प्रदर्शन
- तालिबान के खिलाफ स्थानीय लोगों का एक ग्रुप सड़क पर उतर आया था
- दो प्रदर्शनकारियों की मौत
- दर्जनों लोग घायल हो गए
डिजिटल डेस्क, काबुल। तालिबान ने जलालाबाद में अफगानिस्तान का झंडा लिए तीन प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई और करीब एक दर्जन लोग घायल हो गए। यह झड़प राजधानी काबुल से लगभग 115 किलोमीटर दूर पूर्वी शहर जलालाबाद के पश्तूनिस्तान स्क्वायर में हुई। प्रारंभिक रिपोर्टों से पता चलता है कि स्थानीय लोगों ने शहर के एक चौराहे पर पिछली अफगान सरकार के काले, लाल और हरे झंडे के स्थान पर फहराए गए तालिबान के झंडे को हटा दिया था।
जलालाबाद की घटना के वीडियो में से एक में दिख रहा है कि भीड़-भाड़ वाली गली में कई गोलियां चलाई जा रही हैं। स्थानीय लोग अपनी जान बचाने के लिए भागे रहे थे। अल जज़ीरा ने बताया कि जिन हथियारबंद लोगों ने गोलियां चलाईं, वे तालिबान लड़ाके थे, जिन्हें बाद में भीड़ पर लाठियों से चार्ज करते देखा गया।
टोलो न्यूज के अनुसार, तालिबान के झंडे के स्थान पर अफगान राष्ट्रीय ध्वज की बहाली की मांग को लेकर स्थानीय लोगों का एक ग्रुप सड़क पर उतर आया था। स्थानीय समाचार एजेंसी पझवोक अफगान न्यूज ने एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें गोली चलने से पहले लोगों को जलालाबाद की सड़कों पर अफगान नेशनल फ्लेग ले जाते हुए देखा जा सकता है।
स्थानीय समाचार रिपोर्टों के अनुसार, विरोध प्रदर्शन को शूट करने वाले पत्रकारों को भी पीटा गया है। एक दिन पहले, तालिबान ने अपनी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि जो भी परिवार डर की वजह से देश छोड़ने की कोशिश कर रहा है उसे कोई नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा। तालिबान के प्रवक्ता मुजाहिद ने ये भी कहा था कि तालिबान चाहता है कि प्राइवेट मीडिया "स्वतंत्र रहे", लेकिन जोर देकर कहा कि पत्रकारों को राष्ट्रीय मूल्यों के खिलाफ काम नहीं करना चाहिए।"
#Taliban firing on protesters in Jalalabad city and beaten some video journalists. #Afghanidtan pic.twitter.com/AbM2JHg9I2
— Pajhwok Afghan News (@pajhwok) August 18, 2021
Breaking:
— Najeeb Nangyal (@NajeebNangyal) August 18, 2021
Protestors in Jalalabad city want the national flag back on offices rejects Taliban terrorists’ flag. Taliban openly fires at protestors. Reports of casualties. pic.twitter.com/EFoy4oh3uT
इससे पहले दिन में, अफगान महिलाओं के एक ग्रुप को अपने अधिकारों की मांग करते हुए देश में पहला सार्वजनिक विरोध प्रदर्शन करते हुए देखा गया था। सोशल मीडिया पर शेयर किए गए वीडियो में महिलाओं को सामाजिक सुरक्षा, काम करने का अधिकार, शिक्षा का अधिकार और राजनीतिक भागीदारी के अधिकार सहित अपने अधिकारों की मांग करते हुए सुना जा सकता है।
उधर, लॉस एंजिल्स टाइम्स के रिपोर्टर मार्कस याम ने बताया कि तालिबान लड़ाकों ने हजारों अफगानों की भीड़ पर नियंत्रण बनाए रखने के लिए गोलियों, चाबुकों, लाठी और धारदार वस्तुओं का इस्तेमाल किया। ये लोग काबुल एयरपोर्ट की सड़क पर थे। उनके मुताबिक करीब आधा दर्जन लोग घायल हो गए, जिनमें एक महिला और उसका बच्चा भी शामिल है। काबुल से तस्वीरें और वीडियो सामने आए हैं जिसमें देखा जा सकता कि तालिबान लड़ाके उन महिलाओं और बच्चों को पीटने के लिए तेज वस्तुओं का इस्तेमाल कर रहे हैं। भीड़ को खदेड़ने के लिए तालिबानियों ने फायरिंग भी की।
*GRAPHIC WARNING* Taliban fighters use gunfire, whips, sticks and sharp objects to maintain crowd control over thousands of Afghans who continue to wait for a way out, on airport road. At least half dozen were wounded while I was there, including a woman and her child. #Kabul pic.twitter.com/a2KzNPx07R
— Marcus Yam 文火 (@yamphoto) August 17, 2021
महिलाओं को लेकर क्या बोला था तालिबान?
तालिबान के प्रवक्ता मुजाहिद ने कहा था, "महिलाएं समाज में बहुत सक्रिय होने जा रही हैं, लेकिन इस्लाम के ढांचे के भीतर।" प्रवक्ता ने कहा कि "हेल्थ सेक्टर और स्कूलों में वे काम कर सकेंगी।" क्या मीडिया में भी महिलाएं काम कर सकेंगी? इस सवाल पर प्रवक्ता ने घुमा-फिराकर जवाब दिया। वह बोले कि "जब तालिबान सरकार बन जाएगी तब साफ-साफ बताया जाएगा कि शरिया कानून के हिसाब से क्या-क्या छूट मिलेंगी।"
Created On :   18 Aug 2021 5:48 PM IST