मस्जिद पर हमले के बाद तालिबान का आईएसआईएस-खोरासान के खिलाफ अभियान शुरु

Taliban campaign against ISIS after mosque attack
मस्जिद पर हमले के बाद तालिबान का आईएसआईएस-खोरासान के खिलाफ अभियान शुरु
काबुल बम हमला मस्जिद पर हमले के बाद तालिबान का आईएसआईएस-खोरासान के खिलाफ अभियान शुरु

डिजिटल डेस्क, काबुल। तालिबान नेतृत्व ने पिछले हफ्ते काबुल में एक मस्जिद के पास हुए बम हमले के बाद आईएसआईएस-खोरासान की मौजूदगी की तलाशी और उसे खत्म करने के लिए एक बड़ा अभियान शुरू किया है। तालिबान बलों ने काबुल के उत्तर में एक इस्लामिक स्टेट सेल को नष्ट करने का दावा किया है और राजधानी और देश के अन्य हिस्सों में आईएसआईएस-के के किसी भी पदचिह्न् या उपस्थिति को नष्ट करने के लिए तलाशी अभियान शुरू किया है।

आईएसआईएस-के तालिबान के लिए एक बड़ी चुनौती के रूप में उभरा है क्योंकि समूह ने अतीत में कई घातक हमलों का दावा किया है, सबसे हाल ही में काबुल हवाई अड्डे पर, विदेशी सैनिकों की वापसी के दौरान उसने घातक हमला किया था। इसके बाद पिछले हफ्ते ईदगाह मस्जिद के बाहर आत्मघाती विस्फोट हुआ, जहां तालिबान प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद की मृत मां के लिए दुआ की जा रही थी। लेकिन राजधानी से आईएसआईएस-के और दाएश के गुर्गों का उभरना उन कठिन चुनौतियों का निर्माण करता है जिनका सामना तालिबान सरकार देश में अपने इस्लामी शासन के खिलाफ एक बड़े प्रतिरोध के रूप में करती है।

तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने कहा, एक विशेष इकाई ने आईएसआईएस विद्रोहियों के खिलाफ एक ऑपरेशन किया। ऑपरेशन के परिणामस्वरूप, जो बहुत ही निर्णायक और सफल रहा, आईएसआईएस केंद्र पूरी तरह से नष्ट हो गया और आईएसआईएस के सभी सदस्य मारे गए। रिपोर्टों के अनुसार, आईएसआईएस-के ने तालिबान नेतृत्व और अफगानिस्तान में नई सरकार की स्थापना का विरोध किया है, इसे कानून के शरिया शासन की शिक्षाओं और आवश्यकताओं के खिलाफ बताया है।

तालिबान सरकार ने कहा है कि अफगानिस्तान में आईएसआईएस-के की कोई संगठित उपस्थिति नहीं है और न ही देश में अल-कायदा की कोई मौजूदगी है। हालांकि, चल रहे लक्षित हमलों ने निश्चित रूप से तालिबान के दावों के पीछे की प्रामाणिकता की चिंताएं बढ़ा दी हैं। आईएसआईएस-के चुनौती भी तालिबान के लिए अफगानिस्तान में एक उचित सफलता का दावा करने में एक बड़ी बाधा बन गई है। विश्लेषकों का कहना है कि आईएसआईएस-के आने वाले कई दिनों और महीनों तक तालिबान के शीर्ष प्रतिद्वंद्वी समूह के रूप में बना रहेगा। यह भी बताया गया कि आईएसआईएस-के अफगानिस्तान में तालिबान के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ लड़ने के लिए अपनी ताकत और जनशक्ति बढ़ाने के लिए अपने समूह में नए लड़ाकों की भर्ती कर रहा है।

(आईएएनएस)

Created On :   6 Oct 2021 4:01 PM IST

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