मनोरंजक स्थानों में तालिबान लड़ाकों के हथियार ले जाने पर पाबंदी

Prohibition on carrying weapons of Taliban fighters in recreational places
मनोरंजक स्थानों में तालिबान लड़ाकों के हथियार ले जाने पर पाबंदी
अफगानिस्तान मनोरंजक स्थानों में तालिबान लड़ाकों के हथियार ले जाने पर पाबंदी
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  • मनोरंजक स्थानों में तालिबान लड़ाकों के हथियार ले जाने पर पाबंदी

डिजिटल डेस्क, काबुल। अफगानिस्तान के स्थानीय लोगों में विश्वास बहाली के ताजा उपायों के तहत शीर्ष तालिबानी प्रशासन ने मनोरंजक पार्कों तथा अन्य स्थानों पर अपने लडा़कों के हथियार ले जाने पर पाबंदी लगा दी है। इसे तालिबान की छवि को उदार बनाने की एक कवायद के तौर पर देखा जा रहा है ताकि उसकी पारंपरिक आक्रामक छवि को दूर कर स्थानीय लोगों के बीच उनकी स्वीकार्यता को बढ़ाया जा सके। तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने कहा कि तालिबान नेतृत्व द्वारा जारी एक आदेश के अनुसार, सभी लड़ाकों से कहा गया है कि वे मनोरंजन पार्कों और मेले में जाते समय हथियार न रखें।

प्रवक्ता ने कहा, उन्हें स्थानीय वेशभूषा में रहने के लिए भी कहा गया है। मुजाहिद का बयान उस समय आया जब सोशल मीडिया पर मनोरंजन पार्कों में हथियारों के साथ मौजूद तालिबान लड़ाकों के वीडियो और तस्वीरों में जोरदार बढ़ोत्तरी देखी गई है। उन्होंने कहा, इस्लामिक अमीरात के मुजाहिदीन को हथियारों, सैन्य वर्दी और वाहनों के साथ मनोरंजन पार्क में प्रवेश करने की इजाजत नहीं है। वे मनोरंजन पार्क के सभी नियमों का पालन करने के लिए बाध्य हैं।

सोशल मीडिया पर वायरल हुए कई वीडियो में मनोरंजन पार्क, तालिबान लड़ाकों द्वारा उपयोग किए जा रहे थे। काबुल के हबीबुल्लाह जाजई पार्क के एक कार्यकर्ता ने कहा, यह बच्चों और बुजुर्गों के लिए बनाया गया है, लेकिन कुछ हथियारबंद लोग नियमों को दरकिनार करते हुए इसका इस्तेमाल करते हैं। अफगानिस्तान में मनोरंजन पार्क स्थानीय लोगों के लिए तनाव मुक्त होने का एक स्रोत हैं। यहां लोग हर दिन पार्कों में जाते हैं और अपनी रोजमर्रा की समस्याओं से छुटकारा पाने का प्रयास करते हैं।

अफगानिस्तान पर जब से तालिबान ने नियंत्रण किया है यहां गरीबी में इजाफा हुआ है जिससे स्थानीय लोगों को गंभीर संकट का सामना करना पड़ रहा है। तालिबान नेतृत्व ने लोगों में बनी उस कट्टर छवि को बदलने की दिशा में कदम उठाए हैं और अब अपने सशस्त्र लड़ाकों को ऐसे पार्कों में प्रवेश करने से रोकना स्थानीय लोगों और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का विश्वास हासिल करने की दिशा में एक कदम के रूप में देखा जा रहा है।

हबीबुल्लाह जाजई पार्क के आगंतुकों में से एक ने कहा, हम यहां इसलिए आते हैं ताकि हमारे बच्चे खुश रहें और अपनी समस्याओं को भूल सकें। इस्लाम के अनुसार कठोर कानून और नियम लागू करने का तालिबान का इतिहास रहा है। उनका कहना है कि अफगानिस्तान शरिया कानून के तहत चलेगा और शिक्षा, जीवन, रोजगार और कल्याण के अधिकार का प्रावधान इस्लाम की शिक्षा के अनुसार किया जाएगा।

आईएएनएस

Created On :   3 Feb 2022 5:00 PM IST

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