परमाणु प्रसार पर भारत के दावे को पाक ने बताया संदिग्ध

Pakistan calls Indias claim on nuclear proliferation doubtful
परमाणु प्रसार पर भारत के दावे को पाक ने बताया संदिग्ध
पाकिस्तान परमाणु प्रसार पर भारत के दावे को पाक ने बताया संदिग्ध
हाईलाइट
  • पाक ने दिल्ली पर लगाया वैश्विक तनाव भड़काने का आरोप

डिजिटल डेस्क, इस्लामाबाद। पाकिस्तान ने निरस्त्रीकरण के अपने रिकॉर्ड के बारे में भारत के बयान को संदिग्ध करार दिया है और नई दिल्ली पर दक्षिण एशिया में परमाणु प्रसार को बढ़ावा देने और क्षेत्रीय और वैश्विक तनाव को भड़काने के लिए जिम्मेदार होने का आरोप लगाया है। पाकिस्तानी प्रतिनिधि मोहम्मद उमर ने निरस्त्रीकरण सम्मेलन में कहा, यह भारत ही है जिसने 1974 में अपना पहला परमाणु परीक्षण किया, उसके बाद 1998 में अतिरिक्त परमाणु परीक्षण करके अप्रसार के मानदंडों को मौत का झटका दिया।

उमर ने कहा कि भारत ने साइरस रिएक्टर से सामग्री को हटाकर परीक्षण किया, जो आपूर्तिकर्ताओं के लिए सुरक्षा उपायों की प्रतिबद्धताओं का उल्लंघन था। पाकिस्तानी प्रतिनिधि की टिप्पणी भारतीय राजदूत पंकज शर्मा के बयान के जवाब में आई, जिसमें उन्होंने जम्मू और कश्मीर के मुद्दे को द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मुद्दों से जोड़ने के लिए पाकिस्तानी समकक्ष की आलोचना की। शर्मा ने दावा किया था कि परमाणु निरस्त्रीकरण में नई दिल्ली का योगदान और इसकी साख प्रशंसनीय है। उन्होंने यह भी कहा कि जम्मू और कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और आरोप लगाया कि पाकिस्तान आतंकवाद के निर्यात में जानबूझकर शामिल है।

उमर जिनेवा स्थित संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान मिशन के पहले सचिव हैं, उन्होंने जवाब में कहा कि भारत ने हमेशा दक्षिण एशिया में परमाणु परीक्षणों पर रोक लगाने का विरोध किया है। उमर ने कहा, भारत विखंडनीय सामग्री पर एक संधि के दायरे में मौजूदा भंडार को शामिल करने के प्रस्तावों का प्रमुख विरोधी बना हुआ है। पाकिस्तान ने भारत के दावों पर सवाल उठाते हुए कहा कि विखंडनीय सामग्री को शामिल करने का उसका विरोध, परमाणु निरस्त्रीकरण के लिए नई दिल्ली के दावा किए समर्थन के अनुरूप नहीं है। उन्होंने कहा, भारत के विपरीत, पाकिस्तान ने आज तक अपने नागरिक और सैन्य परमाणु कार्यक्रम के विकास में सुरक्षा उपायों की अपनी किसी भी अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबद्धता का उल्लंघन नहीं किया है।

पाकिस्तानी प्रतिनिधि ने भारत पर कश्मीर के लोगों को उनके आत्मनिर्णय के अधिकार से वंचित करने का आरोप लगाते हुए कश्मीर का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा, भारत ने 75 वर्षो से कश्मीरी लोगों के आत्मनिर्णय के अधिकार को दबा दिया है, जो संयुक्त राष्ट्र चार्टर में निहित एक अधिकार है और संयुक्त राष्ट्र महासभा के प्रस्तावों द्वारा समर्थित है। अंतर्राष्ट्रीय वैधता को धता बताने के इस तरह के नृशंस रिकॉर्ड के साथ भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनने की महत्वाकांक्षा रखता है। पाकिस्तान ने भारत पर तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान और जमात-उल-अहरार सहित संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित आतंकवादी संगठनों को पोषित करने और पाकिस्तान में अशांति फैलाने के लिए उनका इस्तेमाल करने का भी आरोप लगाया।

 

(आईएएनएस)

Created On :   29 Jan 2022 6:00 PM IST

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