केन्या ने शुरू किया 100 दिवसीय टीकाकरण अभियान, खसरा रूबेला की दूसरी खुराक भी शामिल
- टीकाकरण कवरेज 80 प्रतिशत पर स्थिर हो गया है
डिजिटल डेस्क, नैरोबी। केन्या ने 100 दिवसीय टीकाकरण अभियान शुरू किया है, जिसमें शिशुओं और किशोरियों को क्रमश: खसरा और मानव पेपिलोमावायरस की चपेट में हैं, जो गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर का कारण बनता है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, स्वास्थ्य मंत्रालय में स्वास्थ्य के कार्यवाहक महानिदेशक पैट्रिक अमोथ ने कहा कि नियमित टीकाकरण (पीआईआरआई) गतिविधियों की आवधिक गहनता का उद्देश्य बचपन के प्रतिजनों के कवरेज को बढ़ाना है, जिसमें खसरा रूबेला की दूसरी खुराक भी शामिल है।
अमोथ ने नैरोबी में अभ्यास के शुभारंभ के दौरान कहा, हम 10-14 वर्ष की आयु की 70 प्रतिशत लड़कियों को ह्यूमन पेपिलोमावायरस (एचपीवी) वैक्सीन के साथ टीकाकरण करने का भी इरादा रखते हैं। उन्होंने कहा कि यद्यपि देश जीवन रक्षक टीकों के साथ बच्चों की आबादी के लगभग 90 प्रतिशत तक पहुंच गया है, लेकिन कुछ टीकों जैसे एचपीवी और खसरा रूबेला टीके की दूसरी खुराक 30-50 प्रतिशत से कम होने के साथ टीकाकरण कवरेज 80 प्रतिशत पर स्थिर हो गया है। उन्होंने कहा कि हर साल, कम से कम 300,000 शिशु ऐसे होते हैं जो महत्वपूर्ण टीकों से चूक जाते हैं। उन्होंने कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों में बीमारी के प्रति कम प्रतिरक्षा के कारण खसरा का प्रकोप जारी है।
स्वास्थ्य महानिदेशक ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में टीकाकरण के परिणामस्वरूप बचपन की बीमारियों और संक्रामक रोगों से होने वाली मौतों में कम से कम 70 प्रतिशत की कमी आई है। उन्होंने माता-पिता से अपने बच्चों को टीकाकरण के लिए लाभ उठाने का आग्रह किया, यह कहते हुए कि देश में सभी स्वास्थ्य सुविधाओं में टीकों को तैनात किया गया है। अमोथ ने माता-पिता से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि उनके बच्चे टीकाकरण कार्यक्रम को पूरा करें, जिसमें खसरा रूबेला की दूसरी खुराक भी शामिल है, यह 18 महीने में दी जाती है।
(आईएएनएस)
Created On :   15 Dec 2021 10:30 AM IST