इटैलियन पत्रकार का दावा, एयरस्ट्राइक में मारे गए 170 आतंकी, 45 करा रहे इलाज
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत की पाकिस्तान के बालाकोट में की गई एयरस्ट्राइक को लेकर एक इटैलियन पत्रकार ने बड़ा खुलासा किया है। इटली की पत्रकार फ्रेंसेसा मैरिनो का दावा है कि बालाकोट एयरस्ट्राइक में करीब 170 आतंकी मारे गए हैं। बता दें कि 14 फरवरी को हुए पुलवामा आतंकी हमले के कुछ दिनों बाद 26 फरवरी को भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तान में घुसकर जैश-ए-मोहम्मद के कैंप पर एयर स्ट्राइक की थी।
फ्रेंसेसा मैरिनो का आर्टिकल stringerasia.it नामक वेबसाइट पर पोस्ट किया गया है। इस आर्टिकल में मैरिनो ने लिखा है, "जैश-ए-मोहम्मद के शिविर पर भारतीय हवाई हमले में दुनिया को धोखा देने की पाकिस्तान की कोशिशों के बावजूद, 26 फरवरी की रात में बालाकोट में जो कुछ हुआ, पाकिस्तान सरकार और वहां की सेना नुकसान की सच्चाई को झुठला नहीं सकती। यह लेख मेरे द्वारा एकत्र की गई सभी जानकारियों को एक साथ जोड़कर बालाकोट एयरस्ट्राइक की गुत्थी को सुलझाने का प्रयास है।"
मैरिनो ने अपने इस आर्टिकल में बताया है कि भारतीय वायुसेना की एयरस्ट्राइक तड़के करीब 3.30 बजे की गई थी। एयरस्ट्राइक के बाद सुबह करीब 6 बजे शिनकियारी कैंप से सेना की एक यूनिट घटना स्थल पर पहुंची। शिनकियारी बालाकोट से लगभग 20 किलोमीटर दूर है, और सेना की यूनिट को उस स्थान तक पहुंचने में लगभग 35-40 मिनट का समय लगा होगा जहां से शिविर पर चढ़ाई शुरू होती है। संयोग से शिनकियारी पाकिस्तान सेना का एक बेस भी है, जहां जूनियर लीडर्स अकादमी (JLA) है।
सेना की टुकड़ी के आने के तुरंत बाद, घायलों को शिनकियारी में स्थित हरकत-उल-मुजाहिदीन शिविर में ले जाया गया और पाकिस्तान के सेना के डॉक्टरों ने उनका इलाज किया। स्थानीय सूत्रों का कहना है कि इस शिविर में अभी भी लगभग 45 व्यक्तियों का इलाज चल रहा है, जबकि गंभीर चोटों के कारण इलाज के दौरान लगभग 20 की मौत हो गई है। हमले में घायल कई लोग अभी भी सेना की हिरासत में हैं और उन्हें छुट्टी नहीं दी गई है।
मैरिनो ने कहा, उनके संपर्क के माध्यम से पिछले कई हफ्तों से एकत्र किए गए विभिन्न इनपुटों के आधार पर, अब यह भी सुरक्षित रूप से कहा जा सकता है कि एयरस्ट्राइक में जैश-ए-मोहम्मद के कई आतंकी मारे गए हैं। इनकी अनुमानित संख्या 130-170 के करीब है, जिनमें उपचार के दौरान मरने वालों आतंकियों की संख्या भी शामिल है। मारे गए लोगों में 11 ट्रेनर भी शामिल है, जो बम बनाने से लेकर हथियारों का प्रशिक्षण देने का काम करते थे। इनमें से दो ट्रेनर अफगानिस्तान के थे।
मारे गए आतंकियों के परिवार के सदस्यों के बयानों के माध्यम से जानकारी लीक न हो इसे रोकने के लिए, JeM के सदस्य इनके परिवार के सदस्यों से मिलने के लिए उनके घर पर पहुंचे थे और उन्होंने परिजनों को नगद मुआवजा दिया। ब्लू पाइन होटल के निकट जहां से जैश-ए-मोहम्मद के कैंप की चढ़ाई शुरू होती है वहां पर एक नया साइनबोर्ड लगाया गया है जो हिलटॉप पर तालीम-उल-कुरान की उपस्थिति को दर्शाता है। इससे पहले जो बोर्ड यहां पर लगा था उसमें JeM लीडर मसूद अजहर की जानकारी थी।
कैंप एरिया अभी भी सेना के नियंत्रण में है जिसे मुजाहिद बटालियन के एक कैप्टन रैंक के अधिकारी कमांड कर रहे हैं। कैंप तक जाने वाले कच्ची सड़क पर जाना अभी भी प्रतिबंधित है, यहां तक कि स्थानीय पुलिस को भी इसकी अनुमति नहीं है। कुछ बच्चों और 3-4 शिक्षकों के अलावा JeM कैंप के सभी निशान मिटा दिए गए हैं। JeM कैंप के पास बियांसियन टाउनशिप के निवासियों में इस बात की चर्चा है कि एयरस्ट्राइक के बाद पहली रात के दौरान कुछ स्थानीय लोगों ने कुन्हार नदी में वाहनों के जरिए मलबे को डंप करते हुए देखा था। JeM नेतृत्व के बारे में भी चर्चा है कि उसने अपने कैडरों को आश्वस्त किया है कि वह समय आने पर इसका बदला लेगा।
Created On :   8 May 2019 6:00 PM IST