Manmohan Singh passed away: 'भारत ने महान शख्स खो दिया', पूर्व पीएम के निधन पर क्या बोले अमेरिका समेत अन्य देशों के दिग्गज नेता
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का गुरुवार की रात निधन हो गया। उनके निधन पर केवल देश ही नहीं बल्कि विदेश से भी शोक संदेश आए हैं। अमेरिका और फ्रांस से लेकर भारत के पड़ोंसी मुल्कों के नेताओं ने भी उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए डॉ. सिंह के योगदान और उनके साथ रहे मधुर संबंधों को याद किया है।
क्या बोले कनाडा, अमेरिका और फ्रांस के नेता?
अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने मनमोहन सिंह के निधन दुख जताया और उन्हें "यूएस-इंडिया रणनीतिक साझेदारी के सबसे बड़े समर्थकों में से एक बताया।" उन्होंने कहा, "डॉ. सिंह के नेतृत्व ने अमेरिका-भारत सिविल न्यूक्लियर कोऑपरेशन एग्रीमेंट को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई। उनके आर्थिक सुधारों ने भारत की तेज आर्थिक प्रगति को गति दी।"
वहीं फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रो ने कहा, "भारत ने एक महान व्यक्ति और फ्रांस ने एक सच्चा मित्र खो दिया है। उन्होंने अपने जीवन को अपने देश "भारत ने एक महान व्यक्ति और फ्रांस ने एक सच्चा मित्र खो दिया है। उन्होंने अपने जीवन को अपने देश के लिए समर्पित कर दिया।" कनाडा के पूर्व प्रधानमंत्री स्टीफन हार्पर ने मनमोहन सिंह को "असाधारण बुद्धिमत्ता, ईमानदारी और विवेक के धनी व्यक्ति" के रूप में याद किया।
पड़ोसी मुल्क के नेताओं ने जताया दुख
मनमोहन सिंह के निधन पर भारत के पड़ोसी मुल्क नेपाल, श्रीलंका, मलेशिया अफगानिस्तान और मालदीव के दिग्गज नेताओं ने शोक व्यक्त किया। नेपाल के पूर्व पीएम पुष्प कमल दहाल प्रचंड ने कहा, डॉ. मनमोहन सिंह एक दूरदर्शी नेता और असाधारण राजनेता थे। उनका योगदान आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेगा।" वहीं, मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने उन्हें "एक दयालु पिता के समान और मालदीव का सच्चा मित्र" बताया।
श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे ने कहा, "डॉ. मनमोहन सिंह भारत के आर्थिक उदारीकरण के वास्तुकार थे और उन्होंने भारत के लिए एक नए युग की शुरुआत की।" वहीं, अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई ने उन्हें "अफगानिस्तान की जनता के सच्चे मित्र और सहयोगी के तौर पर याद किया।
बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री का अंतिम संस्कार दिल्ली निगमबोध घाट पर पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। अंतिम संस्कार के दौरान विशेष राजकीय प्रोटोकॉल का पालन किया जाता है। इसका मकसद देश के प्रति उनके योगदान और उनके पद की गरिमा का सम्मान करना होता है। अंतिम संस्कार से पहले पूर्व पीएम की बॉडी को तिरंगे से लपेटा जाएगा। साथ अंतिम संस्कार के समय उन्हें 21 तोपों की सलामी दी जाती है, जिसे सर्वोच्च सम्मान का प्रतीक माना जाता है।
Created On :   27 Dec 2024 10:29 PM IST