पाकिस्तान में चली लंबी राजनीतिक जंग के बाद इमरान खान ने शहबाज सरकार से की बातचीत की अपील
- क्या घुटने टेक चुके हैं पूर्व पाकिस्तानी किक्रेटर?
- 'पाकिस्तान में बिगड़ते हालात के दोषी कौन?'
- आवाम परेशान धधकता मुल्क
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पाकिस्तान में इन दिनों कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है। पाकिस्तान में आए दिन दंगे-फसाद हो रहे हैं। स्थिति ऐसी कि लोग सोचने पर मजबूर हो रहे हैं कि आखिर उनके देश में चल क्या रहा है? इस बीच पाकिस्तानी आवाम के लिए एक अच्छी खबर यह है कि पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष इमरान खान ने शुक्रवार को अपने शहबाज सरकार से बातचीत की अपील की है। पाकिस्तान के एक मीडिया संस्थान 'द एक्सप्रेस ट्रिब्यून' ने बताया कि इमरान खान की ओर से यह अपील तब आई जब पिछले कई दिनों से शहबाज सरकार और पाक आर्मी इमरान और उनके सर्मथकों के पीछे हाथ धोकर पड़ी है।
पाकिस्तान में 9 मई को हिंसक झड़प हुआ था। तब वहां की आर्मी ने बड़ी सख्या में पीटीआई के सर्मथकों को गिरफ्तार किया था। पिछले कुछ दिनों में पाकिस्तान की राजनीति पर नजर डाले तो आप पाएंगे कि इमरान खान शहबाज सरकार पर जमकर हमलावर हुए थे। लेकिन अचानक इमरान खान की ओर से बातचीत पर मामला अटकना सवाल खड़ा कर रहा है कि क्या उन्होंने शहबाज सरकार और आर्मी के खिलाफ घुटने टेक दिए हैं?
यूट्यूब पर इमरान ने किया बड़ा ऐलान
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक, पूर्व पीएम इमरान ने यूट्यूब के एक चैनल पर लाइव टॉक में कहा, "मैं बातचीत के लिए अपील करना चाहता हूं, क्योंकि वर्तमान में जो देश में हो रहा है, वह समस्या का समाधान नहीं है।" पाकिस्तान इस समय आर्थिक संकट से गुजर रहा है। जिसके चलते वहां पर राजनीतिक अशांति पैदा हो गई है। देश की आर्थिक विकास बीते कई सालों से कमजोर स्थिति में है। साथ ही मुद्रास्फीति रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया है। आईएमएफ पाकिस्तान को कर्ज देने से भी इनकार कर रहा है। इस बीच, इमरान खान और शहबाज सरकार के बीच का विवाद काफी ज्यादा बढ़ गया। कोर्ट से इमरान खान की गिरफ्तारी हुई। इसके बाद पीटीआई सर्मथकों ने देश के कई सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला बोल दिया।
इमरान और मुश्किलें
फिर इमरान के तीन नेताओं ने पार्टी छोड़ने का घोषणा किया। मलीका बुखारी ने मीडिया से कहा, 'मैं देश में हुए 9 मई की घटनाओं की निंदा करती हूं। जो हुआ ठीक नहीं हुआ।' इस दौरान उन्होंने पार्टी से अलग होने की घोषणा करते हुए कहा कि वे किसी के दबाव में पार्टी छोड़ने की घोषणा नहीं कर रही है। मलीका ने कहा कि वे खुद निर्णय लेने के लिए बाध्य हैं।
गौरतलब है कि पाकिस्तान के पूर्व वित्त मंत्री असद उमर ने भी पीटीआई महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया है। पाकिस्तानी मीडिया ने बताया कि उमर ने यह फैसला अदियाला जेल से रिहा होने के तुरंत बाद लिया। उन्होंने मीडिया वार्ता के दौरान कहा कि इन परिस्थितियों में वे पार्टी का नेतृत्व नहीं कर सकते हैं। इसके बाद उन्होंने पीटीआई के महासचिव और कोर कमेटी के सदस्य के पद से इस्तीफा दे दिया। इन दोनों नेताओं के अलावा इमरान के बेहद करीबी नेता माने जाने वाले फवाद चौधरी भी पीटीआई छोड़ चुके हैं। इमरान की मुश्किलें दिन व दिन बढ़ती ही जा रही है। ऐसे में इमरान के सामने बातचीत की अपील उनके और उनकी पार्टी के लिए बेहतर विकल्प हो सकता है।
Created On :   27 May 2023 11:20 PM IST