इजराइल बनाम हमास: इजराइल और अमेरिका की 75 साल पुरानी दोस्ती देगी हमास को मात! लेकिन सऊदी अरब के समर्थन पर बड़ा सवाल?

- आतंकवादी संगठन हमास ने 7 अक्टूबर की सुबह अचानक इजराइल पर किया था हमला
- जवाब में इजराइल की तरफ से भी कार्रवाई शुरू हो चुकी
- हमास ने 200 इजराइली लोगों को बनाया बंधक
डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। आतंकवादी संगठन हमास ने 7 अक्टूबर की सुबह अचानक से समुद्री, हवाई और जमीन के जरिये इजराइल पर हमला बोल दिया था, जिसके जवाब में इजराइल की तरफ से भी कार्रवाई शुरू हो चुकी है। इस हमले में अभी सैंकड़ों लोग जान गंवा चुके हैं। जबकि हमास की तरफ 200 इजराइली लोगों को बंधक भी बनाया गया है। भले ही यह युद्ध का शुरुआती चरण है, लेकिन समय के साथ इसकी व्यापक स्तर पर फैलने की संभावनाएं बढ़ गई हैं। क्योंकि, इस हमले के बाद से बाकी देशों ने अपना समर्थन देना शुरू कर दिया है।
इस संघर्ष में भारत और अमेरिका सहित लगभग विश्व के कई बड़े राष्ट्र इजराइल के साथ हैं। जबकि कई मुस्लिम समुदाय वाले देश हमास के साथ हैं। ऐसे में इजराइल पर मंडरा रहे सकंट को हरने की बागडोर फिलहाल अमेरिका ने उठा ली है।
75 साल पुरानी दोस्ती
इजराइल ने जब 1948 में स्वत्रंता की घोषणा की तो संयुक्त राज्य अमेरिका इजराइल को राज्य का दर्जा देने वाला पहला देश था। तब से लेकर अमेरिका इजराइल की सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्ध है। साल 2016 में अमेरिकी राष्ट्रपति रहे बराक ओबामा ने इजराइल को हर साल 3.8 बिलियन डॉलर की अमेरिका सैन्य सहायता देने का वादा किया था। ऐसे में जब इजराइल फिलीस्तान के एक संगठन हमास के आतंक से ग्रस्त है तो एक बार फिर अमेरिका के विदेश मंत्री ब्लिंकन ने ओबामा के इस वादे का हवाला देते हुए कहा है कि अमेरिका इजराइल की सरकार और उनके लोगों को समर्थन के साथ-साथ जरूरी संसाधन प्रदान करने के लिए तैयार है।
जारी युद्ध के बीच अमेरिका ने भूमध्य सागर पर यूएसएस गेराल्ड आर फोर्ड कैरियर स्ट्राइक ग्रुप को पूर्वी भूमध्य सागर की ओर बढ़ने का निर्देश दिया है। इस मामले में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इजराइल का समर्थन करते हुए कहा, "संकट के इस घड़ी में मैं दुनिया और आतंकियों से कहना चाहता हूं कि अमेरिका इजराइल के साथ खड़ा है। मैंने आज सुबह प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से बात की है। मैंने उनसे कहा कि अमेरिका इजराइल के लोगों के साथ खड़ा है। युद्ध में जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों के लिए हम प्रार्थना कर रहे हैं, जिन्होंने अपने परिजनों को खो दिया, उनके लिए हमें खेद है। हम घायलों के शीघ्र स्वस्थ्य होने की कामना करते हैं।"
सऊदी अरब के साथ रिश्तों में खटास
जितनी पुरानी अमेरिका और इजराइल की दोस्ती है, उतनी ही पुरानी इजराइल की सऊदी अरब से दुश्मनी है। हालांकि, कुछ समय पहले दोनो देशों ने एक दूसरे के प्रति नरमी से पेश आना शुरू किया था। लेकिन हमास के हालिया कृत्य ने फिर से दोनों देशों के बीच एक दरार पैदा कर दी है। इस बीच सउदी ने इस हमले का जिम्मेदार इजराइल को ठहराया हैं। इन दोनों देशों के रिश्ते को लेकर अमेरिका ने कहा है कि हमास के हमले का उद्देश्य इजराइल और सऊदी अरब के बीच संबंधों में तीखी दरार को बरकरार रखने का भी हो सकता है।
Created On :   10 Oct 2023 7:16 PM IST