Tokyo Olympics: भारतीय महिला हॉकी टीम ने रचा इतिहास, ऑस्ट्रेलिया को 1-0 से हराकर सेमीफाइनल में जगह बनाई
- आस्ट्रेलिया को 1-0 से हराया
डितिजटल डेस्क, टोक्यो। भारत की महिला हॉकी टीम ने इतिहास रच दिया है। टीम ने टोक्यो ओलंपिक के 11वें दिन (2 अगस्त, सोमवार) अपने से कहीं अधिक मजबूत ऑस्ट्रेलिया को 1-0 से हराकर सेमीफाइनल में जगह बना ली है। महिला टीम पहली बार सेमीफाइनल में पहुंची है। ओई हॉकी स्टेडियम नॉर्थ पिच -2 पर खेले गए इस एतिहासिक मैच में हाकेरूज नाम से मशहूर ऑस्ट्रेलियाई टीम के खिलाफ मैच का एकमात्र गोल 22वें मिनट में गुरजीत कौर ने किया। यह गोल पेनाल्टी कार्नर पर हुआ।
दुनिया की नौवें नम्बर की भारतीय टीम ने तमाम अटकलों पर विराम लगाते हुए दुनिया की नम्बर-2 ऑस्ट्रेलिया को हराया और पहली बार ओलंपिक के सेमीफाइनल में पहुंची।
Massive massive effort by @TheHockeyIndia women team to register a historical quarter final victory over Aussies.
— Athletics Federation of India (@afiindia) August 2, 2021
Congrats #IND #Tokyo2020 #TeamIndia #Hockey
Go for medal girls pic.twitter.com/bOHjPoRF7w
मैच में भारतीय महिला टीम ने अच्छी शुरुआत की। हालांकि पहले क्वार्टर में भारत और ऑस्ट्रेलिया दोनों ही टीमें गोल नहीं कर सकीं। वहीं 22वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर पर गुरजीत कौर ने गोल करके भारतीय टीम को 1-0 की बढ़त दिलाई। हाफ टाइम तक स्कोर यही रहा और तीसरे क्वार्टर में भी कोई गोल नहीं हुआ। इस तरह भारतीय टीम 1-0 से आगे रही।
लेकिन चौथे क्वार्टर में ऑस्ट्रेलिया की टीम ने बढ़त बनाते हुए लगातार दो कॉर्नर भी हासिल किए। उसे मैच में कुल 9 पेनल्टी कॉर्नर मिले, लेकिन वह इस पर गोल नहीं कर सकी। वहीं भारतीय टीम को सिर्फ एक कॉर्नर मिला, लेकिन टीम ने इस पर गोल करके इतिहास रच दिया।
Time to go all guns blazing.
— Hockey India (@TheHockeyIndia) August 2, 2021
Let"s go, India!
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पदक की उम्मीद
यह मैच भारतीय हॉकी के इतिहास के सबसे बड़े मैचों में से एक है और इसे सदियों तक याद रखा जाएगा। सेमीफाइनल का परिणाम चाहें जो हो, लेकिन भारतीय टीम ने इतिहास रच दिया है। अब वह सेमीफाइलन में भी इसी तरह बिना दबाव के खेले तो उसे पदक जीतने से कोई नहीं रोक सकता।
भारतीय टीम का ओलंपिक में सफर
भारत अपने तीसरे ओलंपिक में खेल रहा है। 1980 में टीम चौथे नंबर पर रही थी, हालांकि उस समय सेमीफाइनल के मुकाबले नहीं थे। मास्को ओलंपिक में महिला हॉकी टूर्नामेंट 25 जुलाई से शुरू होकर 31 जुलाई तक चला था। इसमें सिर्फ छह टीमों ने हिस्सा लिया था।
जिम्बाब्वे ने पूल चरण के समापन पर पूल के शीर्ष पर स्वर्ण पदक जीता। चेकोस्लोवाकिया और सोवियत संघ ने क्रमश: रजत और कांस्य पदक जीता। भारत ने पूल में पांच मैचों में दो जीत हासिल की थी। उसका एक मैच ड्रॉ रहा था जबकि उसे दो मैचों में हार मिली थी। पांच अंकों के साथ भारत अंतिम रूप से चौथे स्थान पर रहा था।
इसके बाद भारत ने 36 साल बाद रियो ओलंपिक (2016) के लिए क्वालीफाई किया था। 2016 रियाे ओलंपिक में महिला हॉकी टीम 12 वें नंबर पर रही थी। भारत को पूल स्तर पर पांच मैचों में सिर्फ एक ड्रॉ नसीब हुआ था।
टोक्यो ओलंपिक भारतीय हॉकी के लिए ऐतिहासिक साबित हुआ है। महिला टीम के साथ-साथ पुरुष टीम भी सेमीफाइनल में पहुंच गई है। भारतीय हॉकी के इतिहास में यह पहली बार हुआ है कि दोनों टीमें मेडल राउंड में पहुंची हैं।
Created On :   2 Aug 2021 10:31 AM IST