ब्रिटिश नियामक संस्था सीएमए ने गिफी अधिग्रहण मामले में मेटा पर 20 लाख डालर का जुर्माना लगाया

British regulatory body CMA fines Meta 2 million dollars in Giphy acquisition case
ब्रिटिश नियामक संस्था सीएमए ने गिफी अधिग्रहण मामले में मेटा पर 20 लाख डालर का जुर्माना लगाया
आदेश ब्रिटिश नियामक संस्था सीएमए ने गिफी अधिग्रहण मामले में मेटा पर 20 लाख डालर का जुर्माना लगाया
हाईलाइट
  • गिफी की विज्ञापन सेवाओं में फेसबुक की विज्ञापन प्रदर्शन सेवाओं को टक्कर देने की क्षमता थी

डिजिटल डेस्क, लंदन। ब्रिटिश प्रतिस्पर्धा और बाजार नियामक संस्था (सीएमए) ने सोशल मीडिया पर एनिमेटिड वीडियो उपलब्ध कराने वाली कंपनी गिफी के अधिग्रहण मामले के अहम तथ्यों का खुलासा नहीं करने पर पहले फेसबुक के नाम से जाने जाने वाली कंपनी मेटा पर 20 लाख डालर का जुर्माना लगाया है। फेसबुक ने गिफी का अधिग्रहण 31.5 करोड़ डालर में किया था।

सीएमए के मुताबिक मेटा ने उसे कंपनी के तीन अहम कर्मचारियों के इस्तीफे के बारे में नहीं बताया था और न ही यह जानकारी दी कि इनकी जिम्मेदारी किन्हें सौंपी गई थी।

सीएमए ने नवंबर में मेटा को गिफी को बेचने का आदेश दिया था, क्योंकि इस अधिग्रहण से सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं और ब्रिटेन के विज्ञापनदाताओं को नुकसान हो सकता था। फेसबुक ने मई 2020 में ऑनलाइन प्लेटफॉर्म जीआईएफ को खरीदा था।

सीएमए ने फैसला सुनाया था कि फेसबुक के गिफी के अधिग्रहण से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के बीच प्रतिस्पर्धा कम हो जाएगी और इस सौदे ने गिफी को पहले ही विज्ञापन बाजार में संभावित चुनौतीेकर्ता के रूप में हटा दिया है।

स्वतंत्र जांच समूह के अध्यक्ष स्टुअर्ट मैकिन्टोश ने कहा फेसबुक और गिफी के बीच गठजोड़ ने पहले ही प्रदर्शन विज्ञापन बाजार में एक संभावित चुनौती को हटा दिया है।

अगर कोई कार्रवाई नहीं की गई तो यह फेसबुक को सोशल मीडिया में अपनी महत्वपूर्ण बाजार पैठ और भी आगे बढ़ाने की अनुमति देगा, जिससे प्रतियोगियों की गिफी तक पहुंच को नियंत्रित किया जा सके।

उन्होंने एक बयान में कहा, फेसबुक से गिफी को बेचने की जरूरत के जरिए हम लाखों सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं के हितों की रक्षा कर रहे हैं और डिजिटल विज्ञापन में प्रतिस्पर्धा और नवाचार को बढ़ावा दे रहे हैं।

विलय से पहले, गिफी ने नवीन विज्ञापन सेवाएँ शुरू की थीं, जिन्हें वह ब्रिटेन सहित अमेरिका के बाहर के देशों में विस्तारित करने पर विचार कर रहा था।

गिफी की सेवाओं के जरिए डंकिन डोनट्स और पेप्सी जैसी कंपनियों को विजुअल इमेज और जीआईएफ के माध्यम से अपने ब्रांड का प्रचार करने की अनुमति थी।

सीएमए ने पाया कि गिफी की विज्ञापन सेवाओं में फेसबुक की विज्ञापन प्रदर्शन सेवाओं को टक्कर देने की क्षमता थी।

(आईएएनएस)

Created On :   7 Feb 2022 12:01 PM IST

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