मैदान मारने के बाद महिला खिलाड़ियों ने जीती एक और बड़ी जंग, पुरुषों के समान वेतन देने पर मजबूर हुए अधिकारी
- 1.79 करोड़ रुपए की राशि भी देगा संघ
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जब खेल एक है, मेहनत समान है तो सैलरी और सुविधाओं में भेदभाव क्यों? यहीं सवाल 6 साल पहले अमेरिकी महिला फुटबॉल टीम ने अमेरिकी फुटबॉल संघ से पूछा और उनको भी समान राशि के साथ वहीं सुविधांए देने का आग्रह किया। लेकिन संघ ने इसे सिरे से खारिज कर दिया। जिसके बाद खिलाड़ियों ने कोर्ट का दरवाजा खटकाया लेकिन 2020 में डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने समान वेतन की मांग खारिज कर दी थी और पुरुषों के बराबर यात्रा खर्च, उनको मिलने वाली आवास सुविधा और हेल्थ सुविधा संबंधित मामले की सुनवाई को मंजूरी दे दी थी।
लेकिन जो खिलाड़ी तमाम चुनौतियों के बावजूद मैदान पर हार नहीं मानते वो यहां कैसे पीछे हट सकते थे! 6 साल के कड़े संघर्ष के बाद आखिरकार अमेरिकी फुटबॉल संघ को झुकना पड़ा।
1.79 करोड़ रुपए की राशि भी देगा संघ
अमेरिकी महिला फुटबॉल खिलाड़ियों को अब पुरुष खिलाड़ियों के बराबर सैलरी मिलेगी। 6 साल बाद अमेरिकी फुटबॉल संघ और महिला खिलाड़ियों के बीच समझौता हुआ है। समझौते के तहत नेशनल फेडरेशन बकाया भुगतान के लिए 1.79 करोड़ रुपए की राशि भी देगा, ताकि वर्तमान और पूर्व खिलाड़ियों को उनका हिस्सा मिल सके।
इसके अलावा समझौते के तहत 2 साल पहले महिला खिलाड़ियों की ओर से नेशनल बॉडी पर लगाए गए लिंग भेद के आरोप के साथ ही अन्य आरोप भी खत्म हो जाएंगे।
चार बार वर्ल्ड कप चैंपियन रह चुकी है महिला टीम
अमेरिकी महिला टीम सबसे ज्यादा चार बार वर्ल्ड कप का खिताब जीत चुकी है। महिला टीम ने 1991, 1999, 2015 और 2019 में खिताब पर कब्जा जमाया था।
नए सिरे से होगा अनुबंध
अमेरिकी फुटबॉल संघ अब महिला और पुरुष खिलाड़ियों के साथ नए सिरे से अनुबंध करेगा और जिसके तहत अब दोनों को वर्ल्ड कप सहित अन्य टूर्नामेंट के लिए समान सुविधा और वेतन दिया जाएगा।
अमेरिकी फुटबॉल संघ के अध्यक्ष सिंडी पार्लो कोन ने टेलिफोनिक इंरव्यू में कहा, "इस नतीजे तक पहुंचना आसान नहीं था और अब हम सब एक साथ आगे बढ़ रहे हैं। कानूनी लड़ाई के दौरान अमेरिकी फुटबॉल की साख को काफी नुकसान पहुंचा है। वहीं प्रायोजकों के साथ भी संबंध खराब हुए।स्टार खिलाड़ियों एलेक्स मॉर्गन, मेगन रापिनो और कार्ली लॉयड के साथ भी नेशनल फेडरेशन के संबंध खराब हुए। हालांकि संघ महिला फुटबॉल टीम के साथ समझौते के लिए बाध्य नहीं था, क्योंकि कोर्ट पहले ही महिला खिलाड़ियों के समान वेतन की मांग को खारिज कर चुकी थी।"
Created On :   23 Feb 2022 4:36 PM IST