भारत के पूर्व फुटबॉलरों ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को सराहा

Former India footballers applaud the Supreme Courts decision
भारत के पूर्व फुटबॉलरों ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को सराहा
फुटबॉल भारत के पूर्व फुटबॉलरों ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को सराहा
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डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) के मामलों की देखरेख के लिए प्रशासकों की तीन सदस्यीय समिति (सीओए) नियुक्त करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए पूर्व भारतीय कप्तान सुब्रत भट्टाचार्य ने गुरुवार को इसे सराहनीय फैसला बताया। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश ए.आर.दवे की अध्यक्षता वाले सीओए में एसवाई कुरैशी, पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त और भारतीय फुटबॉल टीम के पूर्व कप्तान भास्कर गांगुली भी शामिल हैं।

राष्ट्रीय टीम के साथ-साथ क्लब स्तर पर गांगुली के साथ खेलने वाले भट्टाचार्य ने खुशी जाहिर की है कि आखिरकार एक फुटबॉलर को देश में फुटबॉल मामलों को देखने का मौका दिया गया है।

भट्टाचार्य ने आईएएनएस को बताया, यह एक बहुत अच्छा निर्णय है। भास्कर ने अपने खेल के दिनों में बहुत मेहनत की थी, इसी वजह से आज वह इस मुकाम तक पहुंचे हैं। हालांकि वह देश के लिए कई लोगों की तरह खेले हैं, लेकिन उन्हें संन्यास लेने के बाद कभी भी भारत की सेवा करने का अवसर नहीं मिला। मुझे आशा है कि वह अब अच्छा काम करेंगे, क्योंकि वह सीओए का हिस्सा हैं।

इसी तरह की बात को रखते हुए भारत के एक अन्य पूर्व फुटबॉलर मेहताब हुसैन ने कहा कि समिति में एक फुटबॉलर को शामिल करने का निर्णय एक स्वागत योग्य कदम है। हुसैन ने आईएएनएस को कहा, अगर देश में खेल के लिए शीर्ष निर्णय लेने वाली संस्था में एक फुटबॉलर है, तो यह अच्छा निर्णय है।

वास्तव में, दुनिया में हर जगह ऐसा होता है। क्रिकेट की तरह शीर्ष पदों पर सौरव गांगुली और अन्य जैसे पूर्व खिलाड़ी हैं, फुटबॉल के लिए शासी निकाय में फुटबॉलरों को भी शामिल करना चाहिए। इससे महासंघ को खेल और फुटबॉलरों को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलेगी।हालांकि, भारतीय फुटबॉल के पोस्टर बॉय भाईचुंग भूटिया ने इस मुद्दे पर टिप्पणी नहीं करना पसंद किया।

उन्होंने केवल इतना कहा कि भास्कर गांगुली पहले से ही पिछले तीन-चार वर्षों से महासंघ से जुड़े हुए हैं और यह कोई नई बात नहीं है और वह अब कोई टिप्पणी नहीं करना चाहेंगे। सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त सीओए एआईएफएफ के मामलों को देखेगा और राष्ट्रीय खेल संहिता के अनुरूप एआईएफएफ संविधान को अपनाने में भी मदद करेगा। यह भी देखा जाएगा कि एआईएफएफ के लंबे समय से लंबित चुनाव कैसे आयोजित किए जा सकते हैं।

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Created On :   19 May 2022 8:30 PM IST

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