क्या है ‘द ओमिक्रॉन वेरिएंट’ फिल्म के पोस्टर का सच? लोग गलत दावे के साथ कर रहें हैं शेयर

What is the truth behind the poster of The Omicron Variant? People are sharing with wrong claim
क्या है ‘द ओमिक्रॉन वेरिएंट’ फिल्म के पोस्टर का सच? लोग गलत दावे के साथ कर रहें हैं शेयर
फर्जी खबर क्या है ‘द ओमिक्रॉन वेरिएंट’ फिल्म के पोस्टर का सच? लोग गलत दावे के साथ कर रहें हैं शेयर

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली।  दुनिया के कई देशों में कोरोना का नया वेरिएंट ओमिक्रॉन के आने से तहलका मच गया है, हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना के नए SARS-CoV-2 वेरिएंट B.1.1.1.529 को लेकर चिंता जताई है। इस वेरिएंट का सबसे पहला  मामला 24 नवंबर को दक्षिण अफ़्रीका में पाया गया था।
भारत में भी ओमिक्रॉन वेरिएंट के कुछ मामले सामने आए हैं, इसे लेकर सोशल मीडिया पर 2 दिसंबर के दिन से कुछ पोस्ट शेयर किए जा रहे थे। फिल्म डायरेक्टर राम गोपाल वर्मा ने भी ट्वीटर पर एक फिल्म के पोस्टर शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा, “मानो या ना मनों..यह फिल्म 1963 में आई थी..टैगलाइन देखो”। 

अभिनेता गौतम रोडे ने वहीं पोस्टर शेयर करते हुए लिखा, “क्या बात है, 1963 में रिलीज हुई थी यह फिल्म ”।

ट्विटर यूज़र क्रिस्टोफ़र मिलर ने भी फिल्म का एक पोस्टर शेयर करते हुए लिखा, “ओमिक्रॉन संस्करण 60 के दशक की साई-फाई फिल्म की तरह लगता है”। इस ट्वीट को लोगो ने लगभग 1 हज़ार से भी ज़्यादा बार रीट्वीट किया है।

क्या है पोस्टर की सच्चाई?
फिल्म के बारें में गूगल पर सर्च करने से पता चलता है कि ‘द ओमिक्रॉन वेरिएंट’ नाम से कोई फिल्म नहीं बनाई गई है। लेकिन साल 1963 में एक साइंस फ़िक्शन बनी थी जिसे ‘ओमिक्रॉन’ नाम दिया गया था। इस फिल्म की कहानी के बारे में पता करने पर मालूम चलाता है कि यह एलियन के उपर बनी थी।
आगे और सर्च करने पर हमें लेखक बेकी चीटल का एक ट्वीट मिला जिसमें उन्होंने बताया कि, 70 के दशक में आई कई साइंस फिक्शन फिल्म के पोस्टर पर उनहोनें फ़ोटोशॉप की मदद से ‘द ओमिक्रॉन वेरिएंट’ फ्रेज़ को एडिट किया है।

बेकी चीटल में 1974 में आई फिल्म ‘फ़ेज IV’ के पोस्टर को फ़ोटोशॉप किया था। वहीं दूसरी फिल्म ‘साइबॉर्ग 2087’ का पोस्टर क्रिस्टोफ़र मिलर द्वारा शेयर किया था जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। इन सब से यह बात तो साफ है कि वायरल हुए दोनों पोस्टर का ‘द ओमिक्रॉन वेरिएंट’ से कोई लेना देना नहीं है, सोशल मीडिया पर किया गया दावा फर्जी है। 

Created On :   7 Dec 2021 10:41 AM IST

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