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बांग्लादेश की बता कर वायरल हो रही है, भारतीय इस्कॉन के साधु की तस्वीर!
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। नवरात्रि के बाद से बांग्लादेश में सांप्रदायिक हिंसा ने तुल पकड़ लिया है, सोशल मीडिया पर वहां की कई तस्वीरे वायरल हो रही है। हाल ही में नोआखली के इस्कॉन टेम्पल में हिंसा के बाद से कई लोगों के मारे जाने की खबर आई है। 15 अक्टूबर को नोआखली के इस्कॉन ट्विटर हैंडल से एक ट्वीट कर के बताया गया था कि कई लोगों ने मिलकर मंदिर के अंदर तोड़-फोड़ की और वहां मौजूद भक्तों पर हमला भी किया है। कुछ ट्विटर हैंडल द्वारा दावा करते हुए बताया गया कि साधु निताई दास और जतन साहा प्रभु की इस हिंसा में में मौत हो गई है।
ISKCON temple devotees were violently attacked today by a mob in Noakhali, Bangladesh. Temple suffered significant damage the condition of a devotee remains critical.
— ISKCON (@iskcon) October 15, 2021
We call on the Govt of Bangladesh to ensure the safety of all Hindus bring the perpetrators to justice. pic.twitter.com/ZpHtB48lZi
किसी भी बड़े मीडिया चैनल ने इस खबर की पुष्टि नहीं की है। वहीं साधुओं के मौत के बाद से एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें एक साधु को सफेद वस्त्र में कुछ मुसलमान सामुदाय के लोगों को खाना खिलाते देखा जा सकता है, दावा किया जा रहा है तस्वीर में मौजूद व्यक्ति साधु निताई दास हैं।
फेसबुक यूजर राम निवास यादव ने तस्वीर शेयर करते हुए लिखा "सांप को दूध पिलाना" कहावत सुनी होगी आपने, अब देख लीजिए, ये है इस्कॉन मंदिर के स्वामी निताई दास रमजान में रोजा इफ्तारी करवाते हुए, बांग्लादेश मे कल इनकी भी हत्या कर दी गयी है।” कई यूजर ने इसे इसी दावे के साथ शेयर किया है, ट्विटर पर @Lost_Temples नाम की यूज़र ने भी ये तस्वीर शेयर की है।
"सांप को दूध पिलाना" कहावत सुनी होगी आपने , अब देख लीजिए , ये है इस्कॉन मंदिर के स्वामी निताई दास रमजान में रोजा इफ्तारी करवाते हुए !
— Ruchika (@Lost_Temples) October 18, 2021
बांग्लादेश में कल इनकी भी हत्या कर दी गयी है !! pic.twitter.com/FgHnOma8cD
इस्कॉन नोआखली के फेसबुक अकाउंट से एक पोस्ट करके बताया गया कि प्रांता चंद्र दास नाम के एक भक्त का शव पास के तालाब से मिला है, इस घटना में और भी लोगों की घायल होने की खबर आई है।
क्या है तस्वीर की सच्चाई?
तस्वीर को गूगल पर रिवर्स ईमेज सर्च करने से कुछ रिपोर्टस देखने को मिलते है, 2016 की एक रिपोर्ट में इस तस्वीर को पब्लिश किया गया है और साथ ही टलिखा है “इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस के एक साधु 22 जून, 2016 को मायापुर में हिंदू समूह के मंदिर में इफ्तार के दौरान मुसलमानों को मिठाई खिलाता है”,फोटो क्रेडिट रघु नाथ को दिया गया है। मायापुर शहर कोलकाता से 130 किलोमीटर की दूरी पर स्थीत है।
इस रिपोर्ट से यह बात साफ हो जाती है कि वायरल तस्वीर अभी की नहीं बल्कि 2016 की है, इस तस्वीर का बांग्लादेश में हुए हिंसा से कोई लेना-देना नहीं है। यह भारत के मायापुर में हिंदू समूह के मंदिर में इफ्तार के दौरान की तस्वीर है, जिसे गलत दावे के साथ सेयर किया जा रहा है।
Created On :   22 Oct 2021 11:21 AM IST