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Fake News: क्या आरएसएस के लोगों ने जलाया संविधान? जानें क्या है वीडियो का सच
डिजिटल डेस्क। ट्विटर पर इन दिनों एक वीडियो काफी वायरल हो रहा है। जिसमें लोग देश के संविधान की प्रति को जलाते हुए नजर आ रहे हैं। दावा किया जा रहा कि ये लोग राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के लोग हैं।
किसने किया शेयर ?
ट्विटर पर वीडियो को Kinju_inc ने शेयर किया है। पोस्ट पर कैप्शन है, आखिर यह दिन आ ही गया जिसका Rss बहुत बेताबी से इंतजार कर रहा था और इसी बात का भारत देश की आत्मा को सबसे बड़ा खतरा था। RSS ने अपना घिनोना चेहरा दिखा दिया और सरेआम आंबेडकर मुर्दाबाद के नारे लगाए और अपना संविधान जला दिया और इसी प्रकार मनुवाद जिंदाबाद ऐलान कर ही दिया।
आख़िर यह दिन आ ही गया जिसका RSS बहुत बेताबी से इँतजार कर रहा था और इसी बात का भारत देश की आत्मा को सबसे बड़ा ख़तरा था।
— Kinju_inc (@IncKinju) January 21, 2020
RSS ने अपना खिनोना चेहरा दिखा दिया और सरेआम आम्बेडकर मुर्दाबाद के नारे लगाए और अपना “ सम्विधान” जला दिया।
और इसी प्रकार “ मनुवाद ज़िंदाबाद” एलान कर ही दिया। pic.twitter.com/Ae5hXmEIZB
क्या है सच?
भास्कर हिंदी टीम ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो 2018 का है और आरएसएस का इससे कोई संबंध नहीं है। पड़ताल में हमें टाइम्स ऑफ इंडिया की 13 अगस्त 2018 की एक न्यूज मिली। जिसकी हेडलाइन 'Man held for buring copy of Constitution' है। खबर के अनुसार संसद मार्ग पर संविधान की कॉपी जलाने के मामले में दो दिन बाद विरोध प्रदर्शन का आयोजन करने वाले आदमी को गिरफ्तार किया गया।
वहीं पड़ताल में हमें 'Citizens for justice and Peace' का यूट्यूब पर एक वीडियो मिला। कैप्शन के अनुसार संविधान को जलाना लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता को खारिज कर रहा भारत के लिए खड़ा है। आखिल भारतीय सेना ने 10 अगस्त 2018 को नई दिल्ली में संविधान को जलाने वाले समूहों के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई। गुंडों ने संविधान विरोधी, अंबेडर विरोधी नारे लगाते हुए संविधान को जला दिया।
निष्कर्ष: यह साफ है कि आरएसएस द्वारा संविधान जलाने का दावा गलत है। वायरल वीडियो साल 2018 का है।
Created On :   22 Jan 2020 10:27 AM GMT