Fake News: बडवाइजर के कर्मचारी 12 सालों से बीयर टैंक में करते आ रहे हैं पेशाब, जानें क्या है वायरल दावे का सच

Fake News: Did a Budweiser Employee Really Urinate in The Beer Tanks For 12 Years? Here’s the Truth
Fake News: बडवाइजर के कर्मचारी 12 सालों से बीयर टैंक में करते आ रहे हैं पेशाब, जानें क्या है वायरल दावे का सच
Fake News: बडवाइजर के कर्मचारी 12 सालों से बीयर टैंक में करते आ रहे हैं पेशाब, जानें क्या है वायरल दावे का सच

डिजिटल डेस्क। सोशल मीडिया पर एक स्क्रीनशॉट वायरल हो रहा है। जिसके साथ यह दावा किया जा रहा है कि, बडवाइजर के कई कर्मचारी पिछले 12 सालों से अपनी कंपनी के बीयर टैंक में पेशाब करते आ रहे हैं। 

किसने किया शेयर?
कई फेसबुक और ट्विटर यूजर ने इसी दावे के साथ पोस्ट की हैं। 

क्या है सच?
भास्कर हिंदी टीम ने पड़ताल में पाया कि, सोशल मीडिया पर वायरल स्क्रीनशॉट के साथ किया जा रहा दावा गलत है। दरअसल, वायरल स्क्रीनशॉट एक व्यंग्य-वेबसाइट का है, जो सिर्फ मनोरंजन और हास्य के लिए लेख प्रकाशित करती है। एक फेसबुक यूजर ने यह स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए हिंदी में लिखा, “पियक्कड़ मित्र एक बार सैनिटाइजर से गरारा कर लें।

न्यूज वेबसाइट “The Hans India ” ने भी कुछ बदलाव के साथ इस पर एक आर्टिकल प्रकाशित किया। हालांकि, बाद में यह आर्टिकल डिलीट कर दिया गया। लेकिन कुछ ही समय में मीम बनाने वालों ने मजाकिया मीम के जरिये इस पर टिप्पणी करनी शुरू कर दी। 

कीवर्ड्स सर्च की मदद से हमने पाया कि, इस बारे में जो स्क्रीनशॉट वायरल हो रहा है, वह एक व्यंग्य-वेबसाइट “foolishumor.com ” से लिया गया है। हमने पाया कि वेबसाइट में प्रकाशित आर्टिकल में कोलोराडो, अमेरिका के फोर्ट कॉलिंस में बडवाइजर ब्रूअरी एक्सपीरियंस के एक सूत्र का हवाला दिया गया है। बडवाइजर ब्रूअरी एक्सपीरियंस एक विशेष सेवा है जो ग्राहकों को ब्रूअरी टूर सर्विस मुहैया कराती है। हालांकि, वेबसाइट ने इस बात का स्पष्ट उल्लेख किया है कि, इसके लेख विशुद्ध रूप से काल्पनिक हैं, जिनका मकसद सिर्फ मनोरंजन करना है। 

हमें बडवाइजर की आधिकारिक वेबसाइट पर ऐसा कोई बयान नहीं मिला। साथ ही, इस खबर से संबंधित किसी भी प्रतिष्ठित मीडिया वेबसाइट की कोई रिपोर्ट नहीं मिली है। इससे स्पष्ट है कि, बीयर टैंकों में बडवाइजर कर्मचारियों के पेशाब करने का वायरल दावा झूठा है। यह दावा एक व्यंग्य-वेबसाइट पर किया गया था, जिसका मकसद सिर्फ मनोरंजन करना है। 

निष्कर्ष : सोशल मीडिया पर वायरल स्क्रीनशॉट के साथ किया जा रहा दावा गलत है। इसे एक व्यंग्य-वेबसाइट से उठाया गया है जो सिर्फ मनोरंजन के लिए लेख प्रकाशित करती है। 

Created On :   3 July 2020 11:22 AM IST

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