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क्या अखिलेश यादव ने अजमल कसाब की मौत की सज़ा टालने के लिए साइन की थी याचिका? जाने इस खबर का सच
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डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। यूपी में 2022 में इलेक्शन होने वाले हैं, सारे राजनीतिक दल अभी से अपने प्रचार-प्रशार में जुट गए हैं। इन सब के बीच में सोशल मीडिया पर यूज़र्स एक पोस्ट शेयर करते हुए दावा कर रहे हैं कि यूपी स्थित समाजवादी पार्टी के प्रमुख नेता अखिलेश यादव ने एक समय पहले आतंकी मोहम्मद अजमल आमिर कसाब की मौत सजा को टलवाने के लिए कुछ लोगों के साथ मिलकर एक याचिका साइन की थी, जो उस समय राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के पास भेजी गई थी।
अरुण यादव नाम के यूजर ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर किया जिसमें लिखा गया है, “कसाब की फांसी को रुकवाने के लिए जिन 302 लोगो ने याचिका पर साईन किए थे उनमें से एक ये अखिलेश यादव भी एक थे, सोचा आप भूल गए होंगे याद दिला देते है”। ऐसे कई पोस्ट सोशल मीडिया पर चक्कर लगा रहे हैं। योगी देवनाथ ने भी पोस्ट को इसी दावे के साथ शेयर किया था जिसे उन्होंने बाद में हटा दिया था, फिलहाल वह हिंदू युवा वाहिनी के गुजरात प्रभारी हैं। एक मीडिया रिपोर्ट ने बताया की वह इससे पहले और भी ऐसे दावे कर चुके हैं।
क्या है घटना का सच?
वायरल हो रहे पोस्ट में 2012 की बात की जा रही है, मुंबई हमले में शामिल आतंकी कसाब को 25 साल की उमर में 21 नवंबर, 2012 को फांसी दी गई थी। कसाब को फांसी देने से पहले राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने5 नवंबर, 2012 को उसकी क्षमा याचिका खारिज कर दी थी। एक रिपोर्ट में यह बात सामने आई थी की राष्ट्रपति के पास भेजी गई याचिका में लगभग 203 लोगों ने साइन किया था। वायरल पोस्ट में बोला जा रहा है कि इस याचिका पर अखिलेश यादव ने भी साइन किया था।
इस याचिका को राष्ट्रपति तक पहुंचाने वाले वकील युग चौधरी ने एक मीडिया चैनल से हाल में बात करके बताया कि, साइन करने वालों में अखिलेश यादव शामिल नहीं थे। इन मीडिया रिपोर्ट से यह बीत तो साफ हो जाती है कि वायरल पोस्ट एक गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।
Created On :   18 Dec 2021 12:46 PM IST