महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024:: वर्ली सीट पर आदित्य ठाकरे वर्सेज मिलिंद देवड़ा, जानिए महायुति के इस दांव से कैसे बढ़ेगी MVA की मुश्किलें?

वर्ली सीट पर आदित्य ठाकरे वर्सेज मिलिंद देवड़ा, जानिए महायुति के इस दांव से कैसे बढ़ेगी MVA की मुश्किलें?
  • कांग्रेस के पूर्व नेता को चुनावी मैदान में उतारा

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव होने में एक महीने से कम का समय बचा है। इससे पहले सूबे की सियासात में सरगर्मी बढ़ गई है। इस बीच वर्ली सीट पर उद्धव ठाकरे की शिवसेना और मुख्यंत्री एकनाश शिंदे की शिवसेना की बिसात सज चुकी है। महाराष्ट्र की इस हाईप्रोफाइल सीट पर शिवसेना (शिंदे गुट) राज्यसभा सांसद मिलिंद देवड़ा पर दांव लगाने जा रही है। उनका मुकाबला सीधे तौर पर शिवसेना (उद्धव गुट) के चीफ उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे से होगा। इसके लिए वर्ली सीट से देवड़ा ने गुरुवार को नामांकन भी दाखिल कर दिया है। बता दें, इस साल मिलिंद देवड़ा ने कांग्रेस छोड़कर शिवसेना (शिंदे गुट) का दामन थामा है।

पिछले चुनाव में आदित्य ठाकरे ने दर्ज की थी जीत

साल 2019 के विधानसभा चुनाव के दौरान वर्ली सीट से आदित्य ठाकरे ने जीत हासिल की थी। इस बार शिवसेना (उद्धव गुट) ने उन्हें फिर से टिकट दिया है। बता दें, वर्ली विधानसभा सीट दक्षिण मुंबई के तहत आती है। महाराष्ट्र की दक्षिणी मुंबई सीट से ही मिलिंद देवड़ा सांसद रह चुके हैं। हाल ही में लोकसभा चुनाव के समय शिवसेना ने मिलिंद देवड़ा को वर्ली क्षेत्र का जिम्मा सौंपा था। तब इस सीट पर आदित्य ठाकरे के विधायक रहने का कोई खास असर नहीं दिखाई दिया। यहां से शिवसेना (उद्धव गुट) के प्रत्याशी ने 6500 वोटों के अंतर के साथ जीत दर्ज की थी। इस लिहाज से आगामी विधानसभा चुनाव में आदित्य ठाकरे और मिलिंद देवड़ा में मुकाबला काफी दिलचस्प रहेगा।

वर्ली सीट पर किस पार्टी का पलड़ा भारी

मुंबई की वर्ली सीट साल 1962 में अस्तित्व में आई थी। शुरुआत से ही इस सीट पर कांग्रेस की पलड़ा भारी रहा। फिर बाद में अविभाजित शिवसेना को जनाधार मिला। यहां से शिवसेना ने 6 बार जीत जीत दर्ज करने का रिकॉर्ड बनाया है। लेकिन, शिवसेना के विभाजन के बाद चुनावी समीकरण पहले की तुलना में काफी अलग हो चुका है।

पिछले बार के विधानसभा चुनाव में वर्ली सीट से शिवसेना (अविभाजित) प्रत्याशी आदित्य ठाकरे ने एनसीपी के सुरेश माने को करारी शिकस्त दी थी। आदित्य ठाकरे ने 89,248 वोटों के साथ जीत दर्ज की थी। वहीं, सुरेश माने को केवल 21,821 ही मिले थे। यदि इससे भी पहले साल 2014 के नतीजों पर नजर डालें तो तब शिवसेना (उद्धव गुट) में नेता रह चुके सुनील शिंदे ने जीत हासिल की थी। वर्ली सीट पर उन्हें 60,625 वोट मिले थे। शिंदे ने एनसीपी उम्मीदवार सचिन अहीर को मात दी थी।

Created On :   25 Oct 2024 2:34 PM IST

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