शिक्षकों की मांग, वन टाइम समायोजन के लिए विधानसभा विशेष सत्र बुलाए सरकार
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन (डीटीए) ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को एक प्रस्ताव दिया है जिसमें दिल्ली सरकार के अंतर्गत आने वाले वित्त पोषित 28 कॉलेजों के शिक्षकों व कर्मचारियों के स्थायीकरण करने के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर उनका समायोजन किया जाए। बता दें कि पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार ने शुक्रवार को नौ हजार कच्चे शिक्षकों को पक्का करने का नोटिफिकेशन जारी किया है। अब दिल्ली के शिक्षकों ने भी नौकरी के स्थायीकरण पर पंजाब सरकार का फार्मूला अपनाने की मांग की है।
दिल्ली सरकार के इन 28 कॉलेजों में लगभग चार हजार शिक्षक व कर्मचारी पिछले एक दशक से अधिक से काम कर रहे हैं लेकिन उन्हें स्थायी नहीं किया गया। दिल्ली विश्वविद्यालय के शिक्षक संगठनों का कहना है कि पंजाब सरकार की तर्ज पर दिल्ली सरकार भी अपने शिक्षकों व कर्मचारियों के लिए विधानसभा में विशेष सत्र के माध्यम से विधेयक लाकर इन शिक्षकों व कर्मचारियों को पक्का कर सकती है।
डीटीए ने दिल्ली सरकार को प्रस्ताव दिया है कि जिस तरह से पंजाब सरकार ने अपने यहां नौ हजार कच्चे शिक्षकों को पक्का किया है उसी की तर्ज पर दिल्ली सरकार इन शिक्षकों व कर्मचारियों के समायोजन पर विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर अपने 12 शत प्रतिशत वित्त पोषित व 16 वित्त पोषित कॉलेजों के शिक्षकों व कर्मचारियों के लिए एक प्रस्ताव लेकर आए। इससे एक साथ एक समय में सभी का समायोजन हो सकेगा।
शिक्षक संगठनों के मुताबिक दिल्ली सरकार के अंतर्गत आने वाले वित्त पोषित 28 कॉलेजों में जहां साल 2006-2007 में एडहॉक टीचर्स की संख्या 10 फीसदी थी आज इन कॉलेजों में 60 से 70 फीसदी एडहॉक टीचर्स हैं। कहीं कहीं तो उससे ज्यादा एडहॉक टीचर्स हैं। इन कॉलेजों में मोतीलाल नेहरू कॉलेज, सत्यवती कॉलेज, श्री अरबिंदो कॉलेज, शहीद भगतसिंह कॉलेज, स्वामी श्रद्धानंद कॉलेज, श्यामा प्रसाद मुखर्जी कॉलेज, विवेकानंद कॉलेज, लक्ष्मीबाई कॉलेज, कालिंदी कॉलेज, राजधानी कॉलेज, शिवाजी कॉलेज, महाराजा अग्रसेन कॉलेज, भीमराव अम्बेडकर कॉलेज, भगिनी निवेदिता कॉलेज, अदिति महाविद्यालय, भारती कॉलेज, मैत्रीय कॉलेज, दिल्ली कॉलेज ऑफ आर्ट्स एंड कॉमर्स, अरबिंदो कॉलेज (सांध्य), सत्यवती कॉलेज (सांध्य), शहीद भगतसिंह कॉलेज (सांध्य), मोतीलाल नेहरू कॉलेज (सांध्य) आदि हैं।
यहां लंबे समय से स्थायी नियुक्ति नहीं हुई है। उन्होंने बताया है कि कुछ कॉलेज तो ऐसे है जिनके विभागों में आज कोई भी स्थायी शिक्षक नहीं है। ये एडहॉक टीचर्स पिछले एक दशक से ज्यादा से तदर्थ आधार पर काम कर रहे है उन्हें स्थायी नहीं किया गया। इनमें बहुत से शिक्षक व महिला शिक्षिका ऐसी है जिनकी उम्र 35 से 45 या उससे अधिक हो चुकी है लेकिन उन्हें आज तक स्थायी नहीं किया गया, इसलिए सरकार इनके लिए एक समय में सभी का समायोजन संबंधी प्रस्ताव लेकर आए। इन एडहॉक टीचर्स को कोई चिकित्सा सुविधा, एलटीसी नहीं मिलती। इसी तरह से एडहॉक महिला शिक्षिकाओं को मातृत्व अवकाश आदि नहीं मिलता।
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Created On :   9 Oct 2022 2:30 PM IST