आईआईटी ने विकसित की फंगस और वायरस को निष्क्रिय करने वाली डिवाइस

आईआईटी ने विकसित की फंगस और वायरस को निष्क्रिय करने वाली डिवाइस
  • आईआईटी जोधपुर ने यह शोध किया है
  • शोध में इस डिवाइस की व्यापक रूप से जांच की गई है
  • यह डिवाइस 99.99 प्रतिशत से अधिक हानिकारक विषाणुओं को निष्क्रिय करती है

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। घर के अन्दर वायु गुणवत्ता के लिए आईआईटी ने एक नवीन कोल्ड-प्लाज्मा डिटर्जेंट इन एनवायरनमेंट (कोड) डिवाइस विकसित किया है। आईआईटी जोधपुर ने यह शोध किया है।

शोध में इस डिवाइस की व्यापक रूप से जांच की गई है जिसमें यह सामने आया है कि यह डिवाइस 99.99 प्रतिशत से अधिक हानिकारक विषाणुओं को निष्क्रिय करती है व उच्च गुणवत्ता वाली इंडोर वायु प्रदान करती है।

यह तकनीक विद्युत खपत काफी कम करती है। कमरे या हॉल की हवा में मौजूद बैक्टीरिया, फंगस और वायरस को निष्क्रिय करता है। धूल और पराग कणों आसानी से पकड़ता है और दुर्गंध को दूर करता है। यह नई तकनीक कार्यालयों, घरों, सार्वजनिक स्थानों (जैसे कि स्वास्थ्य सुविधाएं, स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय, बड़े शॉपिंग मॉल, वाणिज्यिक इमारतें, टैक्सियां, ट्रेनें, सिनेमा हॉल, सम्मेलन हॉल, विवाह हॉल आदि) के लिए काफी उपयोगी व लाभप्रद है।

आईआईटी के मुताबिक यह तकनीकी गुणवत्ता से भरपूर एक शुद्ध वातावरण प्रदान कर सकती है। इस प्रौद्योगिकी पर आधारित प्रणालियों को सभी सार्वजनिक और स्वास्थ्य सुविधाओं में स्थानीय प्रणाली के रूप में या डक्ट, एसी, कूलर आदि के साथ एकीकृत किया जा सकता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार वायु प्रदूषण मुख्य रूप से पुरानी बीमारियों के खतरों को बढ़ाने के पांच कारणों में से एक है। हम भोजन की तुलना में आठ गुना अधिक और पानी की तुलना में चार गुना अधिक ऑक्सीजन या हवा को ग्रहण करते हैं। इंडोर ऑक्सीजन में आमतौर पर बाहरी हवा की तुलना में लगभग 2-5 गुना अधिक प्रदूषण होता है। इस तकनीक पर आधारित इंडोर एयर स्टेरलाइजर्स का निर्माण दिव्या प्लाज्मा सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है।

यह नॉवेल कोड डिवाइस प्रकृति के सामान वातावरण में ठंडे प्लाज्मा डिटर्जेंट आयनों के साथ सकारात्मक आयनों की उचित मात्रा उत्पन्न कर रहा है। इन्डोर एयर की गुणवत्ता के सम्बन्ध में आईआईटीजे के नॉवेल कोड प्रौद्योगिकी के प्रमुख लाभ यह है कि यह पर्यावरण में कोल्ड प्लाज्मा डिटर्जेंट (डिटर्जेंट की प्रसिद्ध प्रकृति) उत्पन्न करती है जिसमें आवश्यक मात्रा में विशिष्ट आयन होते हैं।

आईआईटी के मुताबिक इस तकनीक में सक्रिय आयन 25 सेकंड से अधिक समय तक क्रियाशील रहते हैं ताकि लम्बे समय तक जीवित रहने वाले रोगाणुओं को प्रभावी रूप से निष्क्रिय किया जा सके।

घर के वातावरण में वायु जनित विषाणुओं के संक्रमण के जोखिमों को कम करने के लिए आईआईटी जोधपुर के डॉ. राम प्रकाश, प्रोफेसर, डॉ. अंबेश दीक्षित, प्रोफेसर, रामावतार जांगड़ा, शोध छात्र किरण आहलावत, शोध छात्र, भौतिकी विभाग द्वारा यह नॉवेल कोल्ड-प्लाज्मा डिटर्जेंट इन एनवायरनमेंट 'कोड' डिवाइस विकसित की गई है।

जिसके परिणाम हाल ही में 25 जून 2023 को नेचर साइंटिफिक रिपोर्ट्स जर्नल में प्रकाशित किए गए हैं।

इस शोध के महत्व के बारे में बात करते हुए प्रोफेसर राम प्रकाश ने कहा, "हमने कोविड-19 महामारी के दौरान घर के वातावरण को शुद्ध करने के लिए इस पर काम करना शुरू किया था और तीन साल की मेहनत के बाद हमने नॉवेल कोड प्रौद्योगिकी पर आधारित इंडोर एयर स्टेरिलाइजर्स तैयार किए हैं, जो जल्द ही वाणिज्यिक उपयोग के लिए बाजार में उपलब्ध होंगे।

इस कोड डिवाइस के कई लाभ हैं और यह अस्पतालों में संक्रमण को कम करने के लिए बहुत ही उपयोगी साबित होगा साथ ही इसका उपयोग घर में और सार्वजनिक स्थानों में भी हो सकता है।"

प्रोफेसर अंबेश दीक्षित ने कहा, "मुझे इस परियोजना में भाग लेकर अत्यंत खुशी हो रही है और मैं सामान्य जनता के लिए इसके सफल उपयोग को देखना चाहता हूं।"

(आईएएनएस)

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Created On :   5 Sept 2023 12:42 PM IST

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