पत्रकारिता विश्वविद्यालय: डॉ अरूण खोबरे को एमसीयू कुलपति बनाने के लिए छात्रों ने उपराष्ट्रपति और सीएम को लिखा पत्र, सोशल मीडिया पर बना चर्चा का विषय
- एमसीयू को कब मिलेगा दलित कुलगुरू?
- विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने छेड़ी मुहिम
- विश्व की सबसे बड़ी रामचरितमानस रचने वाले गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्डधारी डॉ खोबरे
लडिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मध्यप्रदेश के भोपाल में स्थित माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता व संचार विश्वविद्यालय के कुलगुरू बनाने के लिए सोशल मीडिया पर एक मांग छिड़ी हुई है। पत्रकारिता विश्वविद्यालय के भूतपूर्व और वर्तमान विद्यार्थियों ने सोशल मीडिया पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव से एमसीयू में दलित समाज से कुलपति बनाने की मांग की है। उपराष्ट्रपति एमसीयू के विजिटर है, वहीं मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव पत्रकारिता विश्वविद्यालय के चैयरमेन है।
युवाओं ने सोशल मीडिया पर कई पोस्ट करके मांग की विश्व की सबसे बड़ी रामायण लिखने व कई रिकॉर्ड अपने नाम करने वाल दलित समाज से आने वाले डॉ अरूण खोबरे को विश्वविद्यालय का कुलगुरू बनाया जाएं। मांग करने वाले छात्रों में कई बड़ी बड़ी मीडिया संस्थाओं में कार्यरत है।
आपको बता दें डॉ खोबरे सात बड़े बड़े मीडिया चैनलों में अपनी सेवाएं दे चुके है। मौजूदा समय में डॉ खोबरे एमसीयू के इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में कार्यरत है। उन्हें प्राध्यापक के रुप में आठ साल से अधिक का अनुभव है। डॉ खोबरे को शैक्षणिक अनुभव के साथ साथ मीडिया फील्ड का अनुभव भी है। छात्रों का कहना है कि डॉ खोबरे के अनुभव का लाभ अनिश्चित रूप से विश्वविद्यालय के छात्रों को मिलेगा। एमसीयू छात्रों की इस मांग का नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया ने भी समर्थन किया है।
डॉ खोबरे ने एमसीयू में पढ़ाई भी की है, साथ ही कई वर्षों से प्राध्यापक के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे है। विश्व की सबसे बड़ी हस्तलिखित श्री रामचरितमानस रचने वाले,गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्डधारी खोबरे कई बड़ी हस्तियों और संस्थाओं से सम्मानित हो चुके हैं। वैसे आपको बता दें विश्वविद्यालय के 36 साल के इतिहास में अभी तक एक भी कुलपति आरक्षित दलित समाज नहीं बना है।
डॉ अरुण खोबरे ने सोशल मीडिया पर छात्रों की मांग पर भी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मैं यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों की भावनाओं का सम्मान करता हूं। मेरा लक्ष्य कुछ और है, मैं कभी किसी पद की आशा में नहीं रहता और न ही मैं कुलपति पद के लिए किसी रेस में हूं। यह छात्र-छात्राओं का प्रेम और विश्वास है जो इस तरह की मांग उठी है। प्रतिक्रिया वाली पोस्ट में डॉ खोबरे ने गोस्वामी तुलसीदास की चौपाई" होइहि सोइ जो राम रचि राखा,को करि तर्क बढ़ावै साखा" लिखी हुई है।
विश्वविद्यालय के छात्र डबलू कुमार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा है कि अगर बात दलित समाज के कुलपति की हो रही है, तो MCU के प्रोफेसर डॉ. अरुण खोबरे उसमें फिट बैठते हैं। जमीनी स्तर से ऊपर तक का सफर तय करने वाले खोबरे सर लगातार अपने काम को लेकर एक्टिव रहते हैं। वे कुलपति बनते हैं, तो उनके अनुभव का फायदा MCU और छात्रों को मिलेगा। उन्होंने उपराष्ट्रपति और सीएम मोहन यादव को भी टैग किया है।
Created On :   20 Dec 2024 7:13 PM IST