क्रिस क्रेन्स लड़ रहे जिंदगी की जंग, कैनबरा के अस्पताल में लाइफ सपोर्ट पर रखे गए

Former New Zealand all-rounder Chris Cairns on life support in Australia
क्रिस क्रेन्स लड़ रहे जिंदगी की जंग, कैनबरा के अस्पताल में लाइफ सपोर्ट पर रखे गए
NZ Former Allrounder क्रिस क्रेन्स लड़ रहे जिंदगी की जंग, कैनबरा के अस्पताल में लाइफ सपोर्ट पर रखे गए
हाईलाइट
  • सिडनी के एक स्पशलिस्ट हॉस्पिटल में ट्रांसफर किया जाएगा
  • ऑस्ट्रेलिया में लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर कीवी दिग्गज
  • क्रिस केर्न्स की हालत नाजुक

डिजिटल डेस्क, कैनबरा। न्यूजीलैंड के पूर्व हरफनमौला खिलाड़ी क्रिस केर्न्स को हेल्थ इमरजेंसी के बाद कैनबरा के एक अस्पताल में लाइफ सपोर्ट पर रखा गया है। "न्यूजीलैंड हेराल्ड" की एक रिपोर्ट के अनुसार, केर्न्स को पिछले हफ्ते एओर्टिक डिस्सेक्शन हुआ है। उन्हें जल्द ही सिडनी के एक स्पशलिस्ट हॉस्पिटल में ट्रांसफर किया जाएगा। अस्पताल में रहने के दौरान उनके कई ऑपरेशन हुए। बता दें कि एओरटिक डिस्सेक्शन एक गंभीर स्थिति है जिसमें शरीर की मुख्य धमनी की भीतरी परत में नुकसान पहुंचता हैं।

अपने समय के सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडरों में से एक, केर्न्स ने 1989 और 2006 के बीच न्यूजीलैंड के लिए 62 टेस्ट, 215 एकदिवसीय और दो टी20 मैच खेले। उनके पिता लांस केर्न्स भी न्यूजीलैंड के लिए खेले। न्यूजीलैंड के इस दिग्गज ऑलराउंडर ने टेस्ट में 218 और वनडे में 201 विकेट अपने नाम किये। टेस्ट में उन्होंने 13 बार पांच विकेट लेने का कारनामा किया और एक बार मैच में 10 विकेट भी झटके।

केर्न्स ने न्यूजीलैंड के लिए 62 टेस्ट में 3320 रन भी बनाए। 215 वनडे मुकाबलों में उनके नाम 4950 रन दर्ज हैं। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 9 शतक और 48 अर्धशतक लगाए है। हालांकि, 51 वर्षीय को बाद में मैच फिक्सिंग के आरोपों का सामना करना पड़ा। अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए उन्होंने कई कानूनी लड़ाइयां लड़ीं। 2012 में लंदन में उन्होंने आईपीएल संस्थापक ललित मोदी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा जीता।

उन्हें एक बार फिर साथी क्रिकेटर लू विंसेंट और ब्रेंडन मैकुलम के फिक्सिंग के आरोपों का सामना करना पड़ा। 2015 में लंदन में लंबी सुनवाई के बाद उन्हें झूठी गवाही देने और न्याय प्रक्रिया में बाधा पहुंचाने के आरोपों से बरी कर दिया गया. कानूनी लड़ाई लड़ते हुए क्रिस केर्न्स की वित्तीय स्थिति इतनी खराब हो गई थी कि बिलों को चुकाने के लिए उन्हें ऑकलैंड काउंसिल के साथ नौकरी करनी पड़ी। उन्होंने ट्रक चलाए और बस शेल्टर साफ किए।

Created On :   10 Aug 2021 6:12 PM IST

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