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Shahdol News: राजकीय महाविद्यालय नाम खुर्द-बुर्द करने के विरोध में सामने आए पूर्व छात्र

- राजकीय महाविद्यालय शहडोल शब्द मिटाना विश्वविद्यालय प्रशासन की हटधर्मिता है।
- 1956 में जब डिग्री कॉलेज बना तब स्वतंत्रा संग्राम सेनानियों की मदद से भव्य भवन का निर्माण हुआ।
- डिग्री कॉलेज भवन में दर्ज नाम इसकी विशेष पहचान को प्रदर्शित करता है।
Shahdol News:1956 में निर्मित शासकीय महाविद्यालय भवन में अंकित राजकीय महाविद्यालय शहडोल नाम को हटवाए जाने मामले में यहां पढऩे वाले पूर्व छात्र विरोध में उतर आए हैं। इनका कहना है कि संयुक्त शहडोल जिला में डिग्री कॉलेज अंचल में शिक्षा का प्रमुख केंद्र रहा है। राजकीय महाविद्यालय शहडोल 1956 इस भवन की गरिमा का बखान करता है। जिसे खुर्द-बुर्द करना उचित नहीं है।
राजकीय महाविद्यालय शहडोल शब्द मिटाना विश्वविद्यालय प्रशासन की हटधर्मिता है। डिग्री कॉलेज से लाखों की छात्रों की भावनाएं जुड़ी है। ऐसे में डिग्री कॉलेज भवन और उसमें लिखे शब्दों को संरक्षित करना चाहिए न कि खुर्द-बुर्द।
आजाद बहादुर सिंह पूर्व छात्र व कांग्रेस नेता
पुराने ऐतिहासिक भवन की अपनी पहचान है। ऐसे में विश्वविद्यालय प्रबंधन द्वारा नाम मिटाया गया है तो निश्चित तौर पर यह मानसिकता सही नहीं है। हम मुख्यमंत्री से मांग करेंगे कि इस मामले में दोषियों पर कार्रवाई करें।
मिथिलेश पयासी पूर्व छात्र व भाजपा नेता चंदिया, उमरिया
1956 में जब डिग्री कॉलेज बना तब स्वतंत्रा संग्राम सेनानियों की मदद से भव्य भवन का निर्माण हुआ। उसी समय राजकीय महाविद्यालय शहडोल लिखा गया था। इतने दिनों बाद अगर सिर्फ नाम को खुर्द-बुर्द किया गया है तो निश्चित तौर ऐसी घटना निंदनीय है।
दिनेश मिश्रा पूर्व छात्र व सेवानिवृत्त शिक्षक धुरवार शहडोल
डिग्री कॉलेज से वर्तमान शहडोल संभाग के तीनों जिले शहडोल, उमरिया और अनूपपुर में हजारों पूर्व छात्रों की यादें जुड़ी है। यह भवन शिक्षा के मामले में एतिहासिक भवन है। ऐसे में भवन में दर्ज नाम को संरक्षित करने की जरूरत न कि उसे मिटाने की।
महमूद अहमद पूर्व छात्र व वरिष्ठ नागरिक
इतिहास को संरक्षित करने की जरूरत है न कि उसका नामोनिशान मिटाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने शासकीय महाविद्यालय की घोषणा की है तो उनकी मंशा पर काम करते हुए प्रशासन को उचित पहल करनी चाहिए न कि नाम मिटाने वालों को संरक्षित करना चाहिए।
धर्मेंद्र श्रीवास्तव पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष डिग्री कॉलेज शहडोल
डिग्री कॉलेज भवन में दर्ज नाम इसकी विशेष पहचान को प्रदर्शित करता है। हम मांग करेंगे कि भवन में राजकीय महाविद्यालय शहडोल को पूर्व की भांति फिर से लिखवाया जाए और भवन को संरक्षित करने की दिशा में विशेष प्रयास किए जाएं।
प्रकाश गुप्ता पूर्व छात्र व वरिष्ठ नागरिक शहडोल
विश्वविद्यालय संचालन के लिए 98 एकड़ जमीन और करोड़ों रूपए मिल जाने के बाद भी नवलपुर में ध्यान देने बजाए पूरा ध्यान इस बात पर लगा रहा है कि डिग्री कॉलेज उनके हाथ से न जाने पाए।
कैलाश तिवारी पूर्व छात्र व भाजपा नेता शहडोल
Created On :   30 April 2025 4:11 PM IST