Shahdol News: सौंदर्यीकरण पर करोड़ों खर्च, भराव भगवान भरोसे

सौंदर्यीकरण पर करोड़ों खर्च, भराव भगवान भरोसे
  • पोनांग तालाब में भराव बारिश की बूंदों पर ही निर्भर, बहाव के रास्ते बंद, अभियान में भी नहीं ले रहे सुध
  • पोनांग तालाबों का निर्माण जिनके द्वारा भी कराया गया हो, उन्होंने इनमें पानी भरने के भरपूर रास्ते बनाए थे।
  • आईजी आफिस के सामने वाले नाले के ऊपर ही नगरपालिका ने नाला बनवा दिया।

Shahdol News: शहर में जल संरक्षण के कार्य हों या सौंदर्यीकरण, एक मात्र पोनांग तालाब पर आकर सिमट जाता है। नगरपालिका की लगभग हर परिषद और प्रशासन द्वारा पांच तालाबों के समूह पोनांग तालाब के सौंदर्यीकरण पर खास फोकस करते हैं। अब तक करोड़ों रुपए यहां पर खर्च किए जा चुके हैं, परंतु तालाबों के भराव की ओर किसी का ध्यान नहीं जा रहा है। तालाब में पानी का भराव पूरी तरह से बारिश की बूंदों पर ही निर्भर है।

यदि बारिश कम हुई तो भराव आधा भी नहीं हो पाता। मंदिर के सामने वाला सबसे बड़े एरिया वाला तालाब आधा खाली है। यही हाल अन्य तालाबों का है। तालाबों में भराव के लिए इनके निर्माण के समय जो रास्ते, नॉट बनाए गए थे, वे भठ चुके हैं। हर बार की तरह इस बार भी जल गंगा संवर्धन अभियान में भराव की ओर किसी का ध्यान ही नहीं जा रहा है।

पहले ऐसे भरते थे तालाब

पोनांग तालाबों का निर्माण जिनके द्वारा भी कराया गया हो, उन्होंने इनमें पानी भरने के भरपूर रास्ते बनाए थे। आईजी कार्यालय से लेकर बाकायदा एक नाली बनी थी, जो आगे चलकर टेक्निकल स्कूल के सामने से सडक़ के नीचे से होकर मत्स्य विभाग के तालाबों में बरसाती पानी जाता था। यही पानी इन तालाबों से होकर पोनांग तालाब में भरता था। इसी प्रकार ऊपर की ओर नॉट बना था, सोहागपुर की ओर से आकर बरसाती पानी पोनांग तालाब में आता था। जिसके कारण पूरे तालाब भरे रहते थे।

बड़ा सवाल-करोड़ों खर्च की उपयोगिता क्या

नागरिकों ने सवाल उठाया है कि पोनांग तालाब में कार्य के नाम पर प्रशासन द्वारा लाखों-करोड़ों रुपए आखिर खर्च क्यों किए जा रहे हैं, जब इनमें पानी भरने की व्यवस्था ही नहीं की जा रही है। लोगों ने कहा कि नए रास्ते बनाने की जरूरत ही नहीं है, तालाब में पानी जाने के लिए जो पुराने रास्ते थे, उन्हें ही व्यवस्थित कर दिया जाए तो बरसाती पानी से पूरे तालाब लबालब भर जाएंगे।

अब बंद हो चुके भराव के रास्ते

समय बीतने के साथ तालाब भराव के रास्तों, नालियों और नॉट के आसपास अतिक्रमण होते गए। आईजी आफिस के सामने वाले नाले के ऊपर ही नगरपालिका ने नाला बनवा दिया। जो पानी मत्स्य तालाब में गिरता था वह सडक़ से होकर व्यर्थ ही बह जाता है। इसी प्रकार ऊपरी हिस्से के नॉट वाले स्थान पर अतिक्रमण हो चुके हैं। जिसके कारण सोहागपुर एरिया का पानी तालाब तक नहीं पहुंच पाता।

Created On :   30 April 2025 4:28 PM IST

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