- Home
- /
- राज्य
- /
- मध्य प्रदेश
- /
- सतना
- /
- मत्स्य विभाग की नर्सरी के जहरीले...
Satna News: मत्स्य विभाग की नर्सरी के जहरीले पानी में घुट गया मछलियों का दम
![मत्स्य विभाग की नर्सरी के जहरीले पानी में घुट गया मछलियों का दम मत्स्य विभाग की नर्सरी के जहरीले पानी में घुट गया मछलियों का दम](https://www.bhaskarhindi.com/h-upload/2025/02/04/1400249-whatsapp-image-2025-02-04-at-112022-am.webp)
- धवारी तालाब स्थित मत्स्य विभाग की नर्सरी तकरीबन सवा एकड़ में विस्तृत है।
- धवारी तालाब में संचालित मत्स्य विभाग की नर्सरी पर लगभग 10 हजार हितग्राही आश्रित हैं।
- प्रदूषित पानी के भराव से ऑक्सीजन खत्म हुई और मरी मछलियां उतरा कर ऊपर आ गईं।
Satna News: मत्स्य विभाग की धवारी स्थित नर्सरी के जहरीले पानी में असंख्य मछलियों का दम घुट जाने से इलाके में संक्रामक बीमारियों का खतरा बढ़ गया है । धीरे -धीरे हवा में सड़ांध भर रही है। जानकारों का मानना है कि धवारी तालाब में संचालित मछलियों की इस नर्सरी का गंदा पानी बेहद प्रदूषित हो चुका है। प्रदूषित पानी के भराव से ऑक्सीजन खत्म हुई और मरी मछलियां उतरा कर ऊपर आ गईं।
इस घटना से जुड़ा गैर जिम्मेदाराना कृत्य तो यह भी है कि प्रभारी सहायक उप संचालक (मत्स्य) को शासन को हुई इस क्षति की दूसरे दिन भी भनक तक नहीं थी। प्रत्यक्षदर्शियों में से एक लिटिल मिश्रा ने बताया कि मछलियों के मरने का सिलसिला एक दिन पहले से शुरू हो गया था। दूसरे दिन तालाब पूरी तरह से मरी मछलियों के श्मशान में बदल गया। तालाब क्षेत्र में आवार कुत्तों का भी आतंक बढ़ गया है।
गंदे पानी से बचाव पर खर्च हो चुके हैं 4 लाख
धवारी तालाब स्थित मत्स्य विभाग की नर्सरी तकरीबन सवा एकड़ में विस्तृत है। जिसमें स्पॉन के पालन के लिए 8 कम्पार्टमेंट हैं। हर खंड का एरिया लगभग 2 हजार वर्ग फीट है। आरोप है कि मत्स्य विभाग के जिम्मेदार इसे अतिक्रमण से नहीं बचा पाए हैं। चौतरफा अतिक्रमण है। रिहायशी इलाके का गंदा पानी इसी तालाब में आता है। नर्सरी में गंदे पानी को रोकने के लिए लगभग 4 लाख के निर्माण कार्य कराने का दावा है,मगर यह काम सिर्फ कागजों पर हुआ। नर्सरी में निरंतर गंदे पानी के भराव के कारण अंतत: यह स्थिति बनी।
इस पर आश्रित हैं 10 हजार हितग्राही
सालाना 55 लाख फिंगर फ्राई का लक्ष्य
धवारी तालाब में संचालित मत्स्य विभाग की नर्सरी पर लगभग 10 हजार हितग्राही आश्रित हैं। यहां पोड़ी स्थिति ब्रीडिंग सेंटर से मछलियों के स्पॉन लाए जाते हैं। इन्हें यहां फिंगर फ्राई स्थिति तक पाला जाता है। जानकारों ने बताया कि धवारी नर्सरी के पास सालाना हर सीजन में 55 लाख फिंगर फ्राई तैयार करने का लक्ष्य है।
सहायक संचालक के पास 4 जिलों का प्रभार, जितने चपरासी, उतने ही क्लर्क
कहने को तो यहां जिला मुख्यालय में मत्स्य विभाग के सहायक उप संचालक का कार्यालय है,मगर इस कार्यालय में स्थाई प्रमुख नहीं है। प्रभारी सहायक उप संचालक अंजना ङ्क्षसह संभागीय मुख्यालय से सतना- रीवा, मऊगंज और सीधी जिलों का कामकाज देखती हैं। कार्यालय में मौजूदा समय में 3 क्लर्क, इतने ही चपरासी और 2 चौकीदार हैं। जिले में मत्स्य विभाग की 3 नर्सरी हैं। धवारी तालाब के अलावा मौहारी और गौरीशंकर तालाब में ऐसी ही नर्सरी संचालित हैं।
इनका कहना है
अगर, ऐसा है तो मामले की जांच कराई जाएगी। दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही के लिए शासन को लिखा जाएगा।
अंजना सिंह, प्रभारी सहायक उप संचालक रीवा
Created On :   4 Feb 2025 5:06 PM IST