Panna News: कोविड के दुख से वृक्षारोपण की मिली शिक्षक को प्रेरणा, सेवानिवृत्ति पर मिली राशि से खरीदी जमीन, अब तक लगाये ३५०० पौधे

कोविड के दुख से वृक्षारोपण की मिली शिक्षक को प्रेरणा, सेवानिवृत्ति पर मिली राशि से खरीदी जमीन, अब तक लगाये ३५०० पौधे
  • कोविड के दुख से वृक्षारोपण की मिली शिक्षक को प्रेरणा
  • सेवानिवृत्ति पर मिली राशि से खरीदी जमीन
  • अब तक लगाये ३५०० पौधे

Panna News: कोविड-१९ की महामारी ने दुनिया को हिलाकर रख दिया था ऑक्सीजन की कमी से कई जिदंगी चली गई। ऑक्सीजन को लेकर अस्पतालो में मची अफरा-तफरी के बीच बेबस हो हुई जिदंगी की जानकारियां सामने आने पर पन्ना जनपद पंचायत अंतर्गत आने वाले पहाडीखेरा की समिति ग्राम पंचायत भसूडा के ग्राम इटौरा निवासी शिक्षक को गहराई से प्रभावित किया और उन्होंने देखा कि कैसे उनके छात्रों के परिवारों ने और परिचितो ने इन कठिन समय में संघर्ष किया। कोविड की महामारी में ऑक्सीजन का महत्व जिदंगी के लिए कितना जरूरी हो जाता है इसे गहराई से समझकर सेवानिवृत्ति के साथ ही शिक्षक अयोध्या प्रसाद त्रिपाठी ने अपना जीवन पौधों को समर्पित कर दिया है। पौधों को लगाना और उनकी बेहतर देखभाल करने के जुनून के फलस्वरूप उनके द्वारा लगाये गए ३५०० नन्हें पौधे ८-१० फुट तक की ऊंचाई के वृक्षों के रूप में लहलहाते हुए वातावरण में तरोताजी ठण्डी हवा का उपहार लगातार दे रहे हैं। सेवानिवृत्त शिक्षक श्री त्रिपाठी का वृक्षारोपण अभियान जारी है और ५१०० पौधो को लगाकर उन्हें तैयार करने के कार्य में अनवरत रूप से लगे हुए है।

वृक्षारोपण के लिए खरीदी साढे तीन एकड़ जमीन

कोविड-१९ की महामारी रौद्र रूप धारण करते हुए लोगों के बीच खौफ बना चुकी थी। शिक्षक अयोध्या प्रसाद त्रिपाठी प्राथमिक शाला पहाडीखेरा से वर्ष २०२० में सेवानिवृत्त हो चुके थे। इस बीच ऑक्सीजन की कमी से हो रही मौतों की खबरों ने उन्हें झकझोर दिया और वह ऑक्सीजन की कमी न हो इसके लिए वृक्षारोपण के लिए प्रेरित हुए परंतु उनके सामने समस्या यह थी कि वह पौधों को कहां लगाये। पौधरोपण के साथ उनकी सुरक्षा भी उतनी ही जरूरी हो जाती है इसका समाधान करने के लिए श्री त्रिपाठी ने ग्राम इटौरा स्थित उमरी मोड के पास सेवानिवृत्ति पर मिली राशि से करीब साढे तीन एकड़ जमीन खरीदी और पौधरोपण का अभियान शुरू किया गया। पौधों की सुरक्षा के लिए उन्होंने फैनसिंग भी करवाई तथा पौधों को पानी मिल सके इसके लिए बोरिंग के साथ एक कूप भी बनवाया गया और स्वयं ही पौधे लगाने व बच्चो की तरह देखभाल करने में अपना जीवन समर्पित कर दिया जो जमीन चार साल से पहले बंजर थी अब उसी जमीन में सैकडों की संख्या में फलदार सहित विभिन्न प्रजातियों के वृक्ष लहलहाकर शिक्षक तथा वहां पहुंचने वाले लोगों के जीवन में आनंद का संचार कर रहे हैं।

इस तरह के पौधों का रोपण कर तैयार किए गए वृक्ष

सेवानिवृत्त शिक्षक श्री त्रिपाठी की मेहनत रंग ला चुकी है उनके द्वारा तैयार किए गए विशाल बगीचे में तरह-तरह के पौधे और पेड़ मौजूद है जिनमें तरह-तरह प्रजातियों के आम, अमरूद, पपीता, केला, जामुन कैंथा, इमली, आंवला के फलदार वृक्ष लगे हुए है वहीं बगीचे में औषधि एवं बागवानी पौधो की बडी संख्या तैयार हो चुकी है।

हर एक पेड़ जीवन के लिए नई उम्मीद

सेवानिवृत्त शिक्षक अयोध्या प्रसाद त्रिपाठी का वृक्षों के प्रति समर्पण उनके छात्रों तथा क्षेत्रवासियों के लिए प्रेरणादायक बन गया है श्री त्रिपाठी बताते हैं कि उन्हें हर के पेड़ को नई उम्मीद के रूप में देखा। नन्हें पौधे का धीरे-धीरे बढऩा और उसे फिर बडे रूप में देखना हर दिन एक सुखद अनुभव देने वाला होता है। व्यक्ति का समर्पण और प्रयास समाज में बडा बदलाव ला सकता है यह लोगों को समझने की जरूरत है।

Created On :   17 Feb 2025 12:57 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story