पन्ना: वृहस्पति कुण्ड स्थित बाघिन नदीं में अवैध रूप से चल रहीं हैं हीरा खदानें

वृहस्पति कुण्ड स्थित बाघिन नदीं में अवैध रूप से चल रहीं हैं हीरा खदानें
  • वृहस्पति कुण्ड स्थित बाघिन नदीं में अवैध रूप से चल रहीं हैं हीरा खदानें
  • भोर से पहले पहुंचते हैं बडी संख्या में उत्खननकर्ता
  • कार्यवाही को लेकर जिम्मेदार मौन

डिजिटल डेस्क, पहाडीखेरा नि.प्र.। पहाडीखेरा क्षेत्र स्थित वृहस्पति कुण्ड जो कि संरक्षित क्षेत्र है। पर्यटन को बढावा देने के लिए वृहस्पति कुण्ड क्षेत्र में करोडों रूपए के कार्य स्वीकृत हुए हैं। इस बीच वृहस्पति कुण्ड स्थित बाघिन नदीं क्षेत्र में अवैध रूप से हीरा खदानों का लंबे अर्से से चल रहा सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। दो माह पूर्व सतना जिले की वन विभाग की टीम द्वारा पुलिस के सहयोग से यहां पर छापामार कार्यवाही की गई थी और काफी जद्देाजहद के बाद कुण्ड के नीचे जाकर हीरा खदानों की खुदाई के लिए उपयोग किए जाने वाले औजार और मोटर पम्प जप्त किए गए थे तथा काफी संख्या में मोटर पम्पों को नष्ट करने एवं कटिया तार को जप्त किए जाने की कार्यवाही भी की गई थी। इस कार्यवाही के बाद उत्खननकर्ताओं द्वारा योजनाबद्ध तरीके से विरोध भी किया गया था। जिसके बाद सतना जिले का वन विभाग भी कार्यवाही को लेकर खामोश हो गया है। वृहस्पति कुण्ड के नीचे से करीब एक किमी की दूरी तक बाघिन नदीं के क्षेत्र में वर्तमान में एक सैकडा से डेढ सैकडा तक अवैध रूप से हीरा की खदानें संचालित हो रहीं हैं। हालात यह है कि क्षेत्रांचल में जो लोग यहां पर अवैध रूप से हीरा खदानें संचालित कर रहे हैं वह मजदूरों के साथ भोर होने से पहले ही प्रतिदिन लगभग तीन बजे तक ही पहुंच जाते हैं और इसके बाद खदानों की खुदाई एवं चाल मिट्टी की धुलाई का कार्य लगभग पांच घण्टे सुबह आठ बजे तक चलता है और इस तरह से प्रतिदिन काम करने के बाद उत्खननकर्ता अपने गांव, घर लौट जाते हैं।

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वृहस्पति कुण्ड में अवैध रूप से हीरा की खदानें किस तरह से संचालित हो रहीं हैं इसको लेकर जिम्मेदारों की उदासीनता इसी बात से समझी जा सकतीं हैं कि कुण्ड के नीचे जहां पर उत्खननकर्ता खदानें संचालित कर रहे हैं बकायदा मोटर पम्प लगा रहे हैं और इसके लिए अवैध रूप से ऊपर क्षेत्र से गुजरी विद्युत विभाग की लाईन से अवैध रूप से कटिया तार डालकर मोटरों को चलाया जाता है। इस सबके बावजूद नियमित रूप से हो रही विद्युत चोरी को लेकर विद्युत विभाग पूरी तरह से बेखबर बना हुआ है। कार्यवाही को जिले की बात आती है तो जिले का खनिज, राजस्व प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन वृहस्पति कुण्ड स्थित बाघिन नदीं के क्षेत्र सतना जिले के वन क्षेत्र की सीमा में होना बताकर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर रहे हैं। जबकि स्थिति साफ है कि जिला प्रशासन एवं स्थानीय पुलिस प्रशासन द्वारा वृहस्पति कुण्ड को प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित किया गया है और यहां नीचे जाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबंध लगाकर रखा है। इसके बावजूद जिला प्रशासन द्वारा लगाए गए प्रतिबंध को तोडकर उत्खननकर्ता बाघिन नदीं को लगातार छलनीं कर रहे हैं। इससे पूरे वृहस्पति कुण्ड का स्वरूप ही नष्ट हो रहा है।

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बेहद ही संरक्षित और महत्वपूर्ण क्षेत्र में पिछले कई सालों से अवैध रूप से हीरा खदानों की वजह से सैकडों की संख्या में वृक्ष धराशायी हो चुके हैं। विशालकाय चट्टानों को विस्फोट करके तोडकर नष्ट किया जा चुका है। अवैध रूप से हीरा खदानों के संचालन से वृहस्पति कुण्ड का लगातार स्वरूप बिगड रहा है। ऐसे में प्रशासन की खामोशी बडे सवाल खडे हो रहे हैं। इस बात की चर्चा भी है कि अवैध उत्खननकर्ताओं में कई लोग ऐसे जुडे हैं जो कि कार्यवाही होने पर राजनैतिक संरक्षण हांसिल करने में सफल हो जाते हैं और रोजगार आदि के नाम पर अवैध रूप से हीरा खदानों के उत्खनन को जनसामान्य का समर्थन पा्रप्त होने का बताकर जायज ठहराने का प्रयास कर रहे हैं। इस तरह से राजनैतिक संरक्षण हांसिल करके इस क्षेत्र में कार्यवाहियों को रोकने के प्रयास भी समय-समय पर देखे जा चुके हैं।

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इनका कहना है

वृहस्पति कुण्ड स्थित बाघिन नदीं का क्षेत्र सतना जिले की सीमा है जहां पर हम कार्यवाही नहीं कर सकते हैं यदि हमें लिखित रूप से कोई निर्देश प्राप्त होगा तो उत्खनन करने वालों के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी।

भानू प्रताप सिंह, थाना प्रभारी बृजपुर

Created On :   29 May 2024 1:06 PM GMT

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