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बिसरा व खात्मा रिपोर्ट की डिमांड करके बीमा कंपनी परेशान कर रही नॉमिनी को
डिजिटल डेस्क, जबलपुर। बीमा कंपनियाँ आम लोगों के साथ गोलमाल करने में पीछे नहीं हैं। पॉलिसीधारक महीनों व सालों परेशान हो रहे हैं और उनकी किसी तरह की सुनवाई नहीं हो रही है। बीमित की मौत के बाद क्लेम देने के नाम पर कई तरह के दस्तावेजों की डिमांड की जाती है जो बीमित व नॉमिनी की पहुँच से बाहर होता है। अनेक तरह की क्वेरी निकालकर बीमा कंपनियों के जिम्मेदार प्रीमियम जमा होने तक ही आम लोगों से अच्छी तरह से बर्ताव करते हैं, पर जब उन्हें परेशानी होती है तो बीमा कंपनी नजरअंदाज करने में जुट जाती है। बीमित टोल फ्री नंबर पर संपर्क करते हैं तो वहाँ से भी किसी तरह का उचित उत्तर नहीं दिया जाता है। अब परेशान होकर बीमित कंज्यूमर कोर्ट व विधिक सेवा प्राधिकरण में आवेदन देकर न्याय की गुहार लगा रहे हैं।
इन नंबरों पर बीमा से संबंधित समस्या बताएँ
इस तरह की समस्या यदि आपके साथ भी है तो आप दैनिक भास्कर के मोबाइल नंबर -9425324184, 9425357204 पर बात करके प्रमाण सहित अपनी बात दोपहर 2 बजे से शाम 7 बजे तक रख सकते हैं। संकट की इस घड़ी में भास्कर द्वारा आपकी आवाज को खबर के माध्यम से उचित मंच तक पहुँचाने का प्रयास किया जाएगा।
तालाब में डूबने से हो गई थी बेटे की मौत
सतना जिले की मौहार निवासी संजीव कुमार गौतम ने अपनी शिकायत में बताया कि उनके बेटे सतीश कुमार गौतम का बीमा था। पॉलिसी क्रमांक 369559352 का प्रीमियम भी लगातार जमा किया जा रहा था। बेटे की सतना जिले के शहपुरा बाँध में नहाते वक्त डूबने से मौत हो गई थी। 31 मई 2021 को हुए हादसे में जवान बेटे की मौत से परिजन शोक में थे। जीवन लव पॉलिसी का क्लेम पाने के लिए सारे दस्तावेज बीमा कंपनी में नॉमिनी के द्वारा जमा किया गया था, पर महीनों बीत जाने के बाद भी बीमा कंपनी के द्वारा किसी तरह का सहयोग नहीं दिया गया। जब भी क्लेम के लिए संपर्क किया जाता है तो बीमा अधिकारी पुलिस से खात्मा व बिसरा की रिपोर्ट लाने की डिमांड कर देते हैं। पीड़ित का कहना है कि पुलिस से किसी भी तरह का सहयोग नहीं मिल रहा है, ऐसी स्थिति में उन्हें बीमा कंपनी पॉलिसी का भुगतान नहीं कर रही है। पुलिस के अधिकारी व थाना प्रभारी भी मृतक की बिसरा रिपोर्ट नहीं आने का हवाला देकर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं। नाॅमिनी पुलिस व बीमा कंपनी के अधिकारियों से सहयोग की गुहार लगा रहा है, पर वह भटकने के लिए मजबूर है, वहीं बीमा कंपनी के अधिकारी से संपर्क किया गया तो उनका कहना था कि परीक्षण कराने के बाद जल्द ही उनका भुगतान कराया जाएगा।
Created On :   12 Aug 2022 4:07 PM IST